प्रयागराज : प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती में धांधली पर अब राजभवन सख्त हो गया है। पूर्वाचल दलित अधिकार मंच (पदम) के संस्थापक और इलाहाबाद हाईकोर्ट के
अधिवक्ता रामबृज गौतम की शिकायत पर विश्वविद्यालय की कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के विशेष कार्याधिकारी केयूर सी संपत ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही प्रकरण में की गई कार्रवाई के बारे में जवाब मांगा है।विश्वविद्यालय में 15 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के कुल 76 पदों के लिए 20 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। 28 जुलाई से साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू होने के बाद कार्य परिषद ने कई विषयों में नियुक्ति को मंजूरी भी दे दी। इससे पूर्व ही भर्ती प्रक्रिया धांधली के आरोप में घिर गई थी। मामले की शिकायत कई आवेदकों ने भी राज्यपाल के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से की। इसी बीच पूर्वाचल दलित अधिकार मंच के संस्थापक 14 अगस्त को राज्यपाल को पत्र भेजकर आरक्षण में धांधली के आरोप लगाए। आरोप है कि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने एससी/ओबीसी के पदों पर योग्य अभ्याíथयों द्वारा साक्षात्कार दिए जाने के बावजूद उनको एनएफएस (नाट फाउंड सुटेबिल) बता दिया। इविवि के प्रशासनिक अफसर कुछ भी बोलने से बचते रहे।
पदों वाली भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही घिर गई थी विवादों में
राज्यपाल की तरफ से अब तक किसी भी तरह का पत्र नहीं आया है। यदि कोई पत्र आता है तो उसका जवाब भेजा जाएगा।
प्रो. संगीता श्रीवास्तव, कुलपति, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विवि।