परिषदीय स्कूलों में नियम विरुद्ध खरीदी गई बायोमेट्रिक मशीनें,शिक्षकों की हाजिरी के लिए कम्पोजिट ग्राण्ट से हुई खरीद, पढें पूरा मामला

 गोण्डा :-

कम्पोजिट ग्राण्ट के 50 हजार रुपए में से प्रधानाध्यापकों ने बीएसए के आदेश पर नियम विरुद्ध बायोमेट्रिक मशीनों की खरीद कर डाली। ऐसा करते समय शासन के नियमों का ध्यान तनिक भी नहीं रखा गया। ये मशीनें उन स्कूलों में खरीदी गई जहां पर उपस्थिति को लेकर विवाद हो रहे थे। ऐसे में इन प्रकरणों के पटाक्षेप करने के लिए बीएसए ने बायोमेट्रिक मशीनों की खरीद कम्पोजिट ग्राण्ट से करने का आदेश दे दिया। मामलों के पटाक्षेप की जल्दबाजी में नियमों का ख्याल नहीं रखा गया।


शासन की ओर से दी जाने वाली कम्पोजिट ग्राण्ट सौ से ढाई सौ तक के छात्र संख्या वाले स्कूलों को 50 हजार रुपये दी जाती है। जिसके तहत स्वच्छता अभियान से जुड़े सामानों को खरीदा जा सकता है। हाथ धोने वाला साबुन, फिनायल, चूना, बाल्टी, कूड़ादान, टायलेट ब्रश आदि की खरीद किया जा सकता है। इसी तरह से अनुरक्षण कार्य में कम्पोजिट ग्राण्ट खर्च किया जा सकता है। जिसके तहत कुर्सी मेज, झूला, हैण्ड पम्प, ब्लैक बोर्ड, फर्श दीवार, के आंशिक प्लास्टर, पैच वर्क, अन्य सभी प्रकार की छोटी मोटी मरम्मत, रख रखाव, स्मार्ट क्लास, टीचर रिसोर्स लैब का रखरखाव इसके अलावा रंगाई पुताई कार्य, पेंटिंग कार्य कराए जा सकते हैं। मीना मंच के लिए रेडियो व बैट्री खरीद की अनुमति भी कम्पोजिट ग्राण्ट से है। वहीं इण्टरनेट बिल भी इस ग्राण्ट से चुकता किया जा सकता है। इसके अलावा कम्पोजिट ग्राण्ट से किसी भी चीज की खरीद फरोख्त नियमों के विपरीत है ।