उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने दीक्षा ऐप के प्रयोग को बढ़ावा देने के अपने अभियान में अब डीएलएड प्रशिक्षुओं का भी सहयोग लेने का फैसला किया है। इसके तहत प्रत्येक डीएलएड प्रशिक्षु को 25 छात्रों-
अभिभावकों को दीक्षा ऐप डाउनलोड करवाने और उसका प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने का टास्क सौंपा जाएगा। इस कार्य के लिए उन्हें वार्षिक प्रायोगिक परीक्षाओं में कुछ अंक भी दिए जाएंगे।महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्यों को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि दीक्षा एप का प्रयोग करते हुए मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला के माध्यम से छात्रों की लर्निंग विभाग की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। दैनिक रूप से ई-पाठशाला की उत्कृष्ट शैक्षिक सामग्री को व्हाट्सएप के माध्यम से सभी जिला व ब्लॉक के व्हाट्सऐप ग्रुप में भेजा जा रहा है। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा अपने छात्रों व उनके अभिभावकों को जोड़े गए व्हाट्सएप में प्रसारित करते हुए दैनिक रूप से कक्षावार एवं विषयवार डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
महानिदेशक ने पत्र में कहा है कि दीक्षा पोर्टल पर दैनिक एक करोड़ कंटेंट प्ले का लक्ष्य रखा गया है। राज्य स्तर पर समीक्षा में पाया गया कि परिषदीय विद्यालयों के लगभग 1.80 करोड़ एवं निजी विद्यालयों के लगभग दो करोड़ छात्रों के सापेक्ष अभी भी लगभग 30 से 40 लाख छात्रों एवं अभिभावकों द्वारा ही दीक्षा एप का प्रयोग करते हुए सामग्री का उपभोग किया जा रहा है। इस कारण दीक्षा ऐप की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए उसका व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि डीएलएड प्रशिक्षुओं को उनकी वार्षिक प्रयोगात्मक परीक्षाओं में भी कुछ अंक इस कार्य के लिए निर्धारित किए जाएंगे। प्रशिक्षुओं को अपने छात्रों-अभिभावकों का विवरण संलग्न प्रारूप पर भरकर डायट प्राचार्य के कार्यालय में जमा करना होगा। महानिदेशक ने यह सूचना एक्सल शीट पर भरते हुए 15 दिसंबर तक राज्य स्तर पर भेजने का निर्देश दिया है।
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