डीएलएड गणित की पुनर्परीक्षा के दौरान दो केंद्रों पर बड़ी संख्या में मिली नकल सामग्री के मामले में डायट प्राचार्य ने कार्रवाई पर खूब पर्दा डाला। बड़े पैमाने पर नकलचियों के पकड़े जाने के बाद भी उन्होंने कड़ी कार्रवाई न कर केवल खानापूर्ति करते हुए इसके परिणाम रोकने के परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज को सूचना भेज दी । इससे उनकी मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
दो दिन पूर्व जनपद के 13 केंद्रों पर पूर्व में पर्चा लीक होने के कारण निरस्त हुई गणित विषय की परीक्षा पुनः आयोजित की गई थी। इस दौरान राम अवध जनता इंटर कॉलेज बरियावन और नगर के बीएन इंटर कॉलेज में सामूहिक नकल पकड़ी गई थी। दोनो केंद्र के कई कक्षाओं में परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्रों पर प्रश्नों के उत्तर लिखे मिले थे मामला प्रकाश में आने के बाद आनन-फानन में डायट प्राचार्य मनोज कुमार गिरी ने इसकी सूचना परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव प्रयागराज को दे दी थी। उन्होंने यह बताया था कि जिन परीक्षार्थियों के पास अनुचित साधन मिले हैं उनका उस विषय का परिणाम शून्य कर दिया जाएगा। डायट प्राचार्य ने बताया है कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के समय संबंधित परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन न करके उन्हें शून्य अंक प्रदान किया जाएगा इन परीक्षार्थियों को फिर से परीक्षा देनी होगी।
दोनों परीक्षा केंद्रों पर 105 परीक्षार्थी अनुचित साधन के साथ पकड़े गए थे। मजे की बात है कि इससे पहले भी प्रदेश के कुछ जिलों में डीएलएड गणित विषय का पर्चा आउट होने के कारण इसकी पुनः परीक्षा बुधवार को कराई गई थी। इस दौरान भी सुचिता गायब रही । सूत्रों के अनुसार परीक्षार्थियों ने केंद्र पर तैनात पर्यवेक्षकों और आंशिक सचल दल को गच्चा दे दिया और नकल सामग्री के साथ कक्ष के अंदर चले गए। डायट प्राचार्य ने राम अवध जनता इण्टर कालेज में निरीक्षण के दौरान इन परीक्षार्थियों के पास से नकल सामग्री पकड़ी थी।
बाद में बीएन इंटर कालेज में यही मामला सामने आया था। परीक्षार्थियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय उन्होंने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज को पत्र भेजकर उक्त प्रश्न पत्र का परीक्षा परिणाम शून्य घोषित करने के लिखा है । जबकि इन परीक्षार्थियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए थी। केंद्र के कक्ष निरीक्षक और पर्यवेक्षक के खिलाफ भी कार्रवाई की आवश्यकता है। अब डायट प्राचार्य का कहना है कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पररोक रहेगी। बाद मेंइस विषय की पुनः बैक पेपर के रूप में परीक्षा देनी पड़ेगी। जब कि इस विषय की पुनः परीक्षा होनी थी। डायट प्राचार्य और अन्य अधिकारियों ने पूरे मामले में पर्दा डालने का प्रयास किया है । उधर जानकारों का मानना है कि नकल करते पकड़े गए परीक्षार्थियों को रिस्टीकेट किया जाना चाहिए था ।