फर्जीवाड़ा कर नौकरी कर रहे मास्साहब गिरफ्तार

 एसटीएफ ने दबोचा फर्जी दस्तावेजों पर नियुक्त प्रधानाध्यापक दूसरे के नाम पर शैक्षिक दस्तावेज लगा कर रहा था नौकरी


स्वतंत्र भारत, ब्यूरो, लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के खेल का अंत करने में अहम भूमिका निभा रही एसटीएफ को एक और सफलता हाथ लगी। बाराबंकी में किसी अन्य के शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर प्रधानाध्यापक के रूप में नौकरी कर रहे जालसाज को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया।


पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ, अमिताभ यश ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रदान की गई जानकारी पर काम करने के साथ ही मानव संपदा पोर्टल पर जानकारी इकट्ठा करने पर पता चला कि दूसरे के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने वाले फर्जी शिक्षकों की लम्बी फेहरिस्त है। बाराबंकी के पूरेडलई खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर एसटीएफ की टीम ने पड़ताल आरम्भ को तो पता चला कि सूरज कुमार उपाध्याय, प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय, कमियार कार्यरत हैं। इनके दस्तावेजों को तस्दीक करने के लिए टीम ने उन्हें बुलाया और इनको लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बाराबंकी लेकर जाया गया। जहां पर पता चला कि इस नाम का व्यक्ति पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरखी, घुघली, महाराजगंज में सहायक अध्यापक के पद पर कार्य कर रहा है और यह दस्तावेज भी उसी के हैं। जिस पर बाराबंकी में तैनात फर्जी प्रधानाध्यापक से फोटो मिलान क रने के साथ ही सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम सुभाष पाण्डेय पुत्र राम सूरत पाण्डेय बताया। इसके वास्तविक दस्तावेज में इसकी जन्मतिथि व तमाम शैक्षिक योग्यताओं को एसटीएफ ने चेक करने के साथ ही कब्जे में ले लिया। सुभाष ने बताया कि वर्ष 2011 में बाराबंकी में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त गिरिजेश कुमार त्रिपाठी से उसकी मुलाकात हुई। जिसने एक लाख रुपये लेकर उसकी नियुक्ति सूरज कुमार उपाध्याय के नाम से करवा दी थी। एसटीएफ की टीम ने मामले की जड़ तक जाने के लिए अपनी तफ्तीश जारी रखी है और इस मामले में सुभाष व गिरिजेश के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है।