लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का अवकाश स्वीकृत करने में देरी की जा रही है। इससे वे परेशान हैं। ऑनलाइन स्वीकृति की मॉनिटरिंग करने पर इसकी जानकारी हुई है। इस पर महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने जिम्मेदार अफसरों को फटकार लगाते हुए नोटिस भेजा है।
इसमें कहा है कि छुट्टी देने में औसत समय से ज्यादा बक्त लगने का मतलब है शिक्षकों और शिक्षामित्रों का अवकाश के लिए शोषण किया जा रहा है। सीएल 24 घंटे में मंजूर हो जाना चाहिए, लेकिन इसमें दो से तीन दिन का समय लगाया जा रहा है। महानिदेशक ने बताया कि इसके लिए साप्ताहिक समीक्षा करने की जरूरत है, ताकि इसका कारण पता चल सके। आमतौर पर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक और शिक्षामित्र की सीएल और मेडिकल लीव प्रधानाध्यापक ही मंजूर करते हैं। लगातार चार सीएल मांगने पर प्रधानाध्यापक इसे अपने स्तर से स्वीकृत कर देते हैं, जबकि इससे अधिक सीएल पर बीईओ को स्वीकृति देने का अधिकार है। प्रधानाध्यापक आवेदन को बीईओ को फारवर्ड कर देता है। शिक्षक व शिक्षामित्र मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश के लिए आवेदन कर रहे हैं।