Wednesday 6 January 2021

RTE के तहत दाखिला न देने वाले स्कूलों को नोटिस

 लखनऊ : सब पढ़ें सब बढ़ें। कोई पीछे न रहे। सभी को समान अवसर मिले। इसी उद्देश्य से शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों को दुर्बल आय वर्ग के बच्चों का भी दाखिला लेना अनिवार्य किया गया, लेकिन

उनकी मनमानी जारी है। स्कूल में प्रवेश न देने वाले ऐसे चार स्कूलों के खिलाफ नोटिस जारी की गई है। बड़ा सवाल यह है कि दाखिला न पाने वाले बच्चों का भविष्य का क्या होगा? क्या इन बच्चों को यह सत्र बिना पढ़ाई के ही समाप्त हो जाएगा। अब देखना यह कि शिक्षा विभाग हर बार की तरह मनमानी करने वाले स्कूलों के खिलाफ सिर्फ नोटिस जारी कर खानापूर्ति तक ही सीमित रहेगा या कार्रवाई भी करेगा।


30 अगस्त तक होना था बच्चों का प्रवेश : राजधानी समेत प्रदेश भर में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए इस बार तीसरे चरण में 17 जुलाई से 10 अगस्त 2020 तक आवेदन करना था। 11 से 12 अगस्त के बीच जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा आवेदन पत्र का सत्यापन कर उन्हें लॉक किया गया। विभाग की ओर से 14 अगस्त 2020 को लॉटरी निकाली गई और 30 अगस्त 2020 तक पात्र बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित कराया जाना था। मगर हर साल की तरह इस बार भी जिम्मेदार तमाम बच्चों को दाखिला दिलाने में नाकाम साबित हुए।

’>>निजी स्कूलों की मनमानी के वजह से सैकड़ों बच्चे पढ़ाई से वंचित

’>>कार्रवाई के नाम पर होती है खानापूर्ति बच्चों के भविष्य से खिलवाड़

इन स्कूलों को जारी किया गया है नोटिस

’ एलपीएस राजाजीपुरम

’ सेंट जोसेफ राजाजीपुरम

’ सीएमएस, स्टेशन रोड

’ बाल विद्या मंदिर, चारबाग

शीतकालीन अवकाश के बाद सोमवार को स्कूल खुले हैं। आरटीइ के तहत जो बच्चा पात्र पाया जाएगा, उसका दाखिला लिया जाएगा।

ऋषि खन्ना, प्रवक्ता, सीएमएस


बच्चे का घर उस वार्ड में नहीं होगा, जिस वार्ड में स्कूल है। अगर विभाग ने नियमों में कोई बदलाव किया हो तो, उसे सार्वजनिक रूप से अवगत कराएं। हम पात्र बच्चे को दाखिला देने के लिए तैयार हैं।

- अनिल अग्रवाल, प्रबंधक, सेंट जोसफ

अभी तक स्कूल बंद थे। जो भी पात्र बच्चे हैं, उनका दाखिला लिया जाएगा।

- एसपी सिंह, प्रबंधक, एलपीएस

इस सत्र में अभी तक 8500 बच्चों को आरटीई के तहत दाखिला दिलाया गया है। जिन स्कूलों ने प्रवेश नहीं लिया है, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। सभी स्कूलों से नियमों का पालन कराया जाएगा।

-दिनेश कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, लखनऊ