अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने रिक्त पदों को तेजी से भरने की कार्यवाही की तो चुनावी वर्ष में करीब 52,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिल सकती है। यूपीएसएसएससी के पास 35 हजार रिक्त पदों पर भर्ती का प्रस्ताव पहले से लंबित था। आयोग ने पिछले दिनों विभागों को ये प्रस्ताव वापस कर आरक्षण का नियमानुसार निर्धारण कर नए सिरे से उपलब्ध कराने को भेजा था।
विभाग चयन वर्ष 2020-21 तक की रिक्तियों की गणना कर नया प्रस्ताव भेज रहे हैं। इससे 10 से 15 प्रतिशत पद और बढ़ने की संभावना है। इससे रिक्तियों की संख्या बढ़कर 42 हजार पार कर सकती है। करीब 40 हजार रिक्त पदों का प्रस्ताव पहुंच गया है। इसके अलावा करीब 5,500 रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही विभिन्न स्तर पर लंबित है। इसी तरह कई ऐसे विभाग हैं जिन्होंने पूर्व में भर्ती प्रस्ताव नहीं भेजा था।
मुख्य सचिव के स्तर समस्त रिक्तियों का भर्ती प्रस्ताव भेजने का प्रमाणपत्र मांगे जाने के बाद पूर्व में प्रस्ताव न भेजने वाले विभाग भी अपने यहां की रिक्तियों को भरने का प्रस्ताव भेज रहे हैं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग 2,981 पदों का नया भर्ती प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहा है। इसमें मुख्य सेविका व कनिष्ठ सहायक के पद शामिल हैं। नगर विकास विभाग में पिछले एक वर्ष में बड़ी संख्या में नई नगर पंचायतें बनी हैं और पालिका परिषदों के रूप में उच्चीकरण हुआ है। इन निकायों के लिए जरूरी पदों का सृजन कर भर्ती की योजना है। ऐसे में भर्ती के लिए रिक्त पदों की संख्या 52,000 पार कर सकती है।
हालांकि, आयोग में चयन कार्यवाही आगे बढ़ाने को लेकर कई तरह की चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। कई कारणों से पिछले एक वर्ष में आयोग का कामकाज बेहद सुस्त रहा है। तमाम पुरानी भर्तियां अटकी पड़ी रहीं और एक भी नए पद पर भर्ती का विज्ञापन नहीं निकाला जा सका। ऐसे में यदि आयोग ने नए साल में रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही को प्राथमिकता में शामिल किया तो युवाओं को बड़ा अवसर मिल सकता है।
12 हजार से अधिक महिलाओं के लिए अवसर
स्वास्थ्य कार्यकर्ता व मुख्य सेविका के पद महिला अभ्यर्थियों के लिए हैं। करीब 12,000 पदों पर महिलाओं को सीधे अवसर मिल सकता है। अन्य रिक्तियों में क्षैतिज आरक्षण में मिलने वाले अवसर की बात करें तो यह संख्या काफी बढ़ जाएगी।
प्रमुख संवर्गों के रिक्त पद/आए प्रस्ताव
लेखपाल 7900
स्वास्थ्य कार्यकर्ता 9455
वीडीओ 1595
मुख्य सेविका/कनिष्ठ सहायक 2981
आशुलिपिक 2500
कनिष्ठ लिपिक 2500
आबकारी सिपाही। 300
गन्ना पर्यवेक्षक 600
कृषि 1967
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य 1469
चुनौतियों के लिए चाहिए मुकम्मल रणनीति
- आयोग के पास कर्मचारियों की जबर्दस्त कमी है। आयोग के रिक्त पदों पर भर्ती तक बेहतर वैकल्पिक उपाय करने होंगे ताकि भर्ती अभियान प्रभावित न हो।
- आयोग के समक्ष करीब एक दर्जन पुरानी भर्तियां विभिन्न स्तर पर लंबित हैं। युवा इन्हें पूरे होने का इंतजार कर रहे हैं। इस संबंध में तेजी से कदम उठाए जाएं।
- लंबित भर्तियां पुरानी भर्ती प्रणाली से होनी हैं। नई भर्तियां द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली से होनी हैं। सीमित समय है, लिहाजा दोनों तरह की भर्ती कार्यवाही तेजी से पूरी करने की अलग-अलग रणनीति बनाई जाए।
- पांच पुरानी भर्तियों में आरक्षण का पेंच फंसा है। शासनादेश व अधिनियम में अलग-अलग प्रावधान है।आयोग और शासन के बीच लिखापढ़ी चल रही है। इस पर निर्णय हो तो नौकरी का इंतजार कर रहे युवाओं की आस पूरी हो।