प्रयागराज : केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) की लिखित परीक्षा में सेंध लगाने वाला एक संगठित गिरोह है। गैंग के हर सदस्य की अलग-अलग भूमिका होती थी। स्पेशल टॉस्क फोर्स एसटीएफ को पूछताछ में पता चला है कि कौशांबी के पूरामुफ्ती, सैयद सरांवा गांव में रहने वाला कमलेश गैंग को कंडीडेट मुहैय्या कराता था।
वह एक अभ्यर्थी को पास कराने के लिए सरगना धर्मेद्र और प्रशांत को डेढ़ से दो लाख रुपये देता था। खुद अभ्यर्थी से कितना पैसा लेता था, यह उसकी गिरफ्तारी पर पता चल सकेगा। एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि कमलेश भी एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक है। इस कारण वह दूसरे शिक्षकों की मदद से अभ्यर्थियों तक पहुंचता रहा होगा। उसके पकड़े जाने के बाद कुछ और लोगों का नाम प्रकाश में आ सकता है। वहीं, हॉलैंड हॉल हॉस्टल में रहने वाला रोहित कंप्यूटर की मदद से मूल अभ्यर्थी और सॉल्वर की फोटो मि¨क्सग करके फर्जी एडमिट कार्ड और आधार कार्ड बनाने का काम करता था। एक अभ्यर्थी के लिए वह 20 हजार रुपये लेता था। रोहित के पकड़े जाने पर उसकी कारस्तानी और दूसरी जानकारी सामने आएगी। एसटीएफ का यह भी दावा है कि अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वह पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं में इस तरह का फर्जीवाड़ा कर चुके हैं। फर्जीवाड़ा करके फ्लैट और प्लॉट खरीदने की तैयारी भी कर रहे थे।
सॉल्वरों को पहले मिल गया था पैसा :
गिरफ्तार सॉल्वर शिवपूजन ने पूछताछ में बताया कि उसे दूसरी पाली में दूसरे अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देनी थी। उसे 50 हजार रुपये पहले ही मिल गए थे।
कार्यक्रम में पूर्व उप कृषि निदेशक विजय सिंह, डॉ. प्रकाश श्रीवास्तव, जिला कृषि अधिकारी अश्वनी कुमार, जिला कृषि रक्षा अधिकारी इंद्रजीत कुमार यादव, उप परियोजना निदेशक इंदिरकांत पांडेय आदि मौजूद रहे। वहीं, अभ्यर्थी मुनेश ने बताया कि उसकी परीक्षा दूसरी पाली में थी। सॉल्वर उपलब्ध कराने के लिए उसने गिरोह के सरगना प्रशांत सिंह व धर्मेंद्र को पहले ही दो लाख रुपये दे चुका था। अभिषेक की जगह परीक्षा देते समय पकड़ा गया आदित्य शाही ही उसका पेपर हल करता, मगर पकड़ा गया। एसटीएफ अभ्यर्थी अभिषेक व इंद्रावती की भी तलाश कर रही है।
परीक्षा केंद्र पर छापेमारी, विवाहिता बनकर बैठी थी पेपर साल्व करने
परीक्षा केंद्र में छापेमारी के दौरान कुमारी पूजा को देख एसटीएफ की टीम हैरत में पड़ गई। पूजा की शादी नहीं हुई है, लेकिन वह पेपर सॉल्व करने के लिए विवाहिता बन गई थी। चूंकि मूल अभ्यर्थी इंद्रावती विवाहित महिला है, इसके चलते पूजा ने अपने मांग में सिंदूर भर रखा था। पूछताछ में अभियुक्ता ने इस तथ्य को उजागर किया।
शिक्षकों पर होगी विभागीय कार्रवाई
गैंग का सरगना प्रशांत सिंह इंटर कॉलेज और धर्मेंद्र प्राथमिक स्कूल में शिक्षक है। जबकि सॉल्वर पूजा देवी भी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका है। फरार कमलेश भी अध्यापक है। एएसपी एसटीएफ नीरज पांडेय ने बताया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए सक्षम अधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा। साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि उन्हें नौकरी कैसे मिली थी। फिलहाल सभी पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। इंजीनियर के संस्थान में भी एसटीएफ उसके पत्र भेजेगी।