लखनऊ। दो वर्षीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम यूपी डीएलएड डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन की परीक्षा पेपर लीक से बच गई । जांच में सामने आया कि पेपर परीक्षा शुरू होने के बाद वायरल हुआ, जिसे पेपर लीक नहीं माना जा सकता। परीक्षा नियामक प्राधिकारी
सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी चार माह के अंतराल पर दूसरी बार पेपर लीक होने की अफवाह फैलने पर खासे खफा हैं। उन्होंने ऐसे तत्वों को चिन्हित करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने इससे इनकार नहीं किया कि पेपर लीक में संबंधित परीक्षा केंद्र के स्टाफकी भी भूमिका हो सकती है। चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा गुरुवार को पूरी हो गई है । परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय प्रयागराज की ओर से डीएलएड 2017 व 2018 और बीटीसी 2013, 2014 व 2015 चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा उत्तर प्रदेश के 200 से अधिक केंद्रों पर तीन दिनों तक कराई गई। पहले दिन मुरादाबाद व लखनऊ में कुछ प्रशिक्षु कॉपी लेकर केंद्र से चले गए थे । बुधवार को परीक्षा तीन पालियों में हुई। इसमें फीरोजाबाद, प्रतापगढ़, आजमगढ़ व प्रयागराज में पेपर लीक होने के आरोप लगे। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि आजमगढ़ के डायट प्राचार्य ने इसे खारिज किया हैए वहीं फीरोजाबाद में जिस केंद्र के बाहर की फोटो वायरल हुई, वह फर्जी निकली है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि प्रतापगढ़ के डायट प्राचार्य ने दो रिपोर्ट भेजी है पहली रिपोर्ट के मुताबिक परीक्षा के पहले जिसे लीक पर्चा बताया गया, वह परीक्षा के पेपर से बिल्कुल अलग था। दूसरा पेपर परीक्षा शुरू होने के बाद वायरल किया गयाए जिसे पेपर लीक नहीं माना जा सकता। सचिव ने कहा कि सेमेस्टर परीक्षाओं में हर बार इस तरह की बातें प्रचारित की जा रही हैं। इसलिए अब ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा हैए जो अफ्राहे फैला रहे हैं । उन पर कठोर कार्रवाई कार्रवाई की तैयारी है। सचिव ने बताया कि परीक्षा गुरुवार को पूरी हो गई है। अब जल्द 1. ही मूल्यांकन शुरू कराया जाएगा और परिणाम भी जल्द आएगा।परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने नवंबर 2020 में बीटीसी बैच 2013, सेवारत मृतक आश्रितद्ध एवं 2014, 2015, डीएलएड प्रशिक्षण 2017 एवं 2018 अवशेष अनुत्तीर्णद्ध और डीएलएड 2019 द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा कराई थी । उसमें गणित व सामाजिक विज्ञान का पेपर लीक हुआ था। इससे दोबारा परीक्षा करानी पड़ी थी । इसके पहले 2016 व 2018 में भी पेपर लीक हो चुका है।