*प्रमोशन का नंबर आया तो फिर शुरू हुआ विवाद*
लखनऊ : सालभर की मशक्कत के बाद अब बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन का नंबर आया है लेकिन विवाद अब भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहे। प्रमोशन के लिए अर्ह शिक्षकों की लिस्ट भी जारी कर दी गई है और 6 जनवरी से तैनाती व रिलीविंग के आदेश भी हो गए हैं। अब जूनियर टीईटी को लेकर पेच फंस गया है। प्रमोट शिक्षकों की लिस्ट में आधे शिक्षकों ने जूनियर टीईटी किया है और आधे ने नहीं। अब जो टीईटी पास हैं, उन्होंने कोर्ट जाना शुरू कर दिया है।*
*बेसिक शिक्षकों का प्रमोशन कई साल से नहीं हुआ है। कई जिले तो ऐसे हैं, जहां 15 साल से प्रमोशन नहीं हुए। 2015 के बाद से तो किसी जिले में प्रमोशन नहीं हुए। पिछले साल जनवरी में प्रमोशन प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन विवादों के चलते टलती रही। अब आखिरकार वरिष्ठता सूची फाइनल हुई और प्रमोशन के लिए अर्ह शिक्षकों की लिस्ट भी जारी कर दी गई है। इनको 6 जनवरी से रिलीव करने और तैनाती दिए जाने के आदेश जिलों के बीएसए को दिए गए हैं। अब जो टीईटी कर चुके हैं, वे कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। प्रतापगढ़ के ऐसे ही शिक्षक राहुल पांडेय ने तो याचिका दायर भी कर दी है। उनका कहना है कि पांच जनवरी को सुनवाई होनी है। परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल कहते हैं कि शिक्षक सेवा नियमावली के अनुसार ही प्रमोशन की कार्यवाही की जा रही है।*
■समझिए खबरों के अंदर की बात आखिर क्यों फंसा पेंच??🤔🤔🤔
अब टीईटी को लेकर पेंच फंस गया है। आरटीई ऐक्ट 2010 में लागू हुआ। प्रदेश में उसे 2011 में लागू किया गया। इसमें टीईटी को अनिवार्य कर दिया गया। प्राइमरी में पढ़ाने के लिए अलग टीईटी पास करना होता है और जूनियर में पढ़ाने के लिए अलग। जो शिक्षक प्राइमरी में भर्ती हुए, उन सभी ने प्राइमरी के लिए जरूरी टीईटी तो सभी ने किया है। प्रमोशन की संभावना को देखते हुए कुछ शिक्षको ने जूनियर टीईटी भी कर लिया। ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब 50% है। उनका कहना है कि जूनियर में शिक्षक बनने के लिए टीईटी जरूरी है। वही प्रमोशन के लिए जो लिस्ट बनी है, उसमें दोनों तरह के शिक्षक शामिल है।