उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रणाली में बड़ा सुधार चयन पैनल की वैधता अब सिर्फ 1 वर्ष, नियुक्ति प्रक्रिया होगी समयबद्ध

 प्रयागराज।

उत्तर प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती को लेकर महत्वपूर्ण सुधार किया गया है। नए प्रावधानों के तहत अब चयन आयोग द्वारा तैयार चयन पैनल की वैधता केवल 1 वर्ष तक ही होगी। इसका उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और समयबद्ध बनाना है।


⏳ चयन पैनल की वैधता और नई व्यवस्था

नए नियमों के अनुसार—

  • शिक्षक भर्ती के लिए जारी चयन सूची (पैनल) केवल 1 वर्ष तक मान्य रहेगी।

  • चयनित अभ्यर्थियों को 30 दिनों के भीतर कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य होगा।

  • तय समय में जॉइनिंग न करने पर मेरिट में अगले अभ्यर्थी को अवसर दिया जाएगा।

  • यदि एक वर्ष के भीतर सभी पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाती है, तो पुराना पैनल स्वतः समाप्त हो जाएगा और नया पैनल बनाया जाएगा।

पहले चयन पैनल की कोई निश्चित समय सीमा नहीं होने के कारण भर्ती प्रक्रिया वर्षों तक लंबित रहती थी, जिससे अभ्यर्थियों को भारी परेशानी होती थी।


🎯 बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी?

प्रदेश में शिक्षक भर्ती से जुड़े मामलों में—

  • चयन सूची लंबे समय तक लंबित रहना

  • न्यायालयों में विवाद

  • पद रिक्त रहने के बावजूद नियुक्ति न होना

जैसी समस्याएं लगातार सामने आ रही थीं। नए नियम से इन समस्याओं पर रोक लगेगी और भर्ती प्रक्रिया में अनुशासन व स्पष्टता आएगी।


📊 अभ्यर्थियों को क्या होगा फायदा?

  • भर्ती प्रक्रिया तेज और निश्चित समय में पूरी होगी

  • वर्षों तक प्रतीक्षा करने की मजबूरी खत्म होगी

  • पारदर्शिता बढ़ेगी और विवाद कम होंगे

  • योग्य अभ्यर्थियों को समय पर नियुक्ति मिलेगी

यह व्यवस्था विशेष रूप से उन अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी है, जो लंबे समय से शिक्षक भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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