प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से 28 एवं 29 जनवरी को प्रस्तावित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) स्थगित कर दी गई है। टीईटी के साथ प्रवक्ता (पीजीटी) एवं प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) भर्ती परीक्षाओं के कार्यक्रम जल्द जारी किए जाएंगे। टीईटी मई के मध्य में कराने की बात कही जा रही है।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की मंगलवार को हुई बैठक में परीक्षा नियंत्रक को इसके लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए बैठक में निर्णय लिया गया कि आयोग की भर्ती परीक्षाओं का वार्षिक कैलेंडर तैयार किया जाए और उसी के अनुसार परीक्षाएं सुनिश्चित की जाएं।
भर्ती परीक्षाओं को लेकर आयोग में अब गतिरोध दूर होने की उम्मीद जगी है। नए अध्यक्ष प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई पहली बैठक में परीक्षाओं की तारीख तो घोषित नहीं की गई, लेकिन इसका खाका जरूर तैयार किया गया। शीतावकाश के बाद अब नए साल में
आयोग खुलने पर परीक्षाओं की तारीख घोषित होने की उम्मीद है।
आयोग की ओर से टीईटी के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन लिया जाना था, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। ऐसे में 28 एवं 29 जनवरी को परीक्षा करा पाना संभव नहीं था। ऐसे में टीईटी की नई तारीख घोषित की जाएगी। आयोग मई के मध्य में परीक्षा कराने पर विचार कर रहा है। कोई रुकावट नहीं आई तो 17 एवं 18 मई को टीईटी का आयोजन कराया जा सकता है, हालांकि अभी आयोग की तरफ से
इस पर कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया गया है।
खास-खास👉
बैठक में परीक्षा नियंत्रक को टीजीटी, पीजीटी भर्ती परीक्षाओं के साथ टीईटी के लिए भी तारीखों पर निर्णय लेने के लिए कहा गया। इसके लिए परीक्षा नियंत्रक को अन्य भर्ती संस्थाओं के साथ समन्वय बनाने के लिए कहा गया। परीक्षा नियंत्रक को भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर भी बनाने के निर्देश दिए गए।
सदस्यों ने कहा कि अन्य भर्ती संस्थाओं की कार्यप्रणाली का अध्ययन करके एवं उनके साथ समन्वय बनाकर केंद्रों के चयन का प्रारूप तैयार कर आयोग के सामने प्रस्तुत किया जाए। सदस्यों ने परीक्षा कराने वाली एजेंसी के चयन की प्रक्रिया भी जल्द पूरी करने के निर्देश दिए। शीतावकाश के बाद इन बिंदुओं पर किसी नतीजे पर पहुंचने की बात कही गई।
अध्यक्ष ने तय तारीख पर परीक्षाएं सुनिश्चित करने, शुचिता एवं पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश दिए। इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। बैठक में न्यायालय के आदेशों के पालन एवं अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा हुई
