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छोटी बचत योजनाओं पर राहत जारी रहने के आसार, ब्याज दरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं

 नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही डाकघर समेत छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करने जा रही है। चौथी तिमाही (जनवरी–मार्च 2026) के लिए नई ब्याज दरों का ऐलान 31 दिसंबर 2025 के आसपास किया जाएगा।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस साल रेपो दर में 1.25% की कटौती होने के बावजूद, सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को यथावत रख सकती है।


मौजूदा ब्याज दरें

सरकार 12 तरह की छोटी बचत योजनाएं चला रही है। वर्तमान ब्याज दरें (2025–26) इस प्रकार हैं:

योजनाब्याज दर (%)
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना8.2
सुकन्या समृद्धि योजना8.2
सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)7.1
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC)7.7
किसान विकास पत्र7.5
डाकघर मासिक आय योजना7.4
1-5 साल डाकघर सावधि जमा योजना6.9–7.5
5 साल की डाकघर आवर्ती जमा योजना6.7

पिछली सात तिमाहियों से ब्याज दरें स्थिर हैं।


विशेषज्ञों का आकलन

आरबीआई की हाल की कटौती के बाद रेपो दर 5.25% पर पहुँच गई है। विशेषज्ञों के अनुसार:

  • रेपो दर में कटौती का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करना है।

  • इसके बावजूद छोटी बचत योजनाओं की दरों में बदलाव की संभावना कम है।

  • दरों को स्थिर रखने से बचतकर्ताओं को आकर्षित करना और राजकोषीय घाटा वित्तपोषित करना संभव है।

  • वर्तमान ब्याज दरों का प्रभाव सकारात्मक रहा है।


रेपो दर में कटौती

इस साल आरबीआई ने कुल 1.25% की कटौती की:

  • फरवरी और अप्रैल: 25–25 आधार अंक

  • जून: 50 आधार अंक

  • दिसंबर: 25 आधार अंक

कई प्रमुख बैंकों ने बचत खाते और एफडी की ब्याज दरों में पहले ही कटौती लागू कर दी है।


निष्कर्ष

छोटी बचत योजनाओं पर राहत जारी रहने की संभावना है। निवेशक और बचतकर्ता अपने PPF, NSC, सुकन्या योजना और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में स्थिर ब्याज दरों का लाभ उठा सकते हैं।

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