सर्व शिक्षा पर खर्च होंगे 20 हजार करोड़, विगत वर्ष की अपेक्षा बढ़ा 11,257 करोड़
लखनऊ। प्रदेश में 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा देने के लिए 1748 और परिषदीय स्कूल खोले जाएंगे। इसमें 1549 प्राथमिक व 199 उच्च प्राथमिक स्कूल खोले जाएंगे। हालांकि, प्रदेश में अभी 2319 और स्कूलों की जरूरत है, लेकिन राज्य सरकार केवल इतने स्कूलों का ही प्रस्ताव भेज रही है।
सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए 20 हजार करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया है, जो विगत वर्ष की अपेक्षा 11,257 करोड़ अधिक है। मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में मंगलवार को होने वाली सर्व शिक्षा अभियान कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय में 19 मार्च को होने वाली प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक में इसे मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
आवासीय छात्रावास
नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में आश्रयहीन बेघर बच्चों को उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षा के लिए आवासीय स्कूल खोलने जाएंगे। पहले चरण में अलीगढ़, बागपत, बलिया, बलरामपुर, गाजियाबाद, कानपुर नगर, लखनऊ, मुजफ्फरनगर, वाराणसी व शामली में इन स्कूलों को खोला जाएगा। प्रत्येक स्कूल में 50 बच्चों को रखने व शिक्षा देने की व्यवस्था होगी।
वेतन की व्यवस्था
सर्व शिक्षा अभियान में 1,31,446 शिक्षकों के 12 माह का वेतन, 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों को छह माह तक नियत वेतन 7300 देने, समायोजित होने वाले 1,35,842 को वेतन देने, 41,307 अंशकालिक अनुदेशकों को मानदेय देने का प्रस्ताव भेजा जाएगा।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
परिषदीय स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा देने की कार्ययोजना भी प्रस्ताव में शामिल की गई है। शिक्षकों को कहानी, खेल गतिविधि, अक्षर कार्ड, चित्र कार्ड के माध्यम से पढ़ाने की जानकारी दी जाएगी। उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान की पढ़ाई गतिविधि आधारित रखी जाएगी। इसमें बच्चों में खोजने, अवलोकन करने, अनुमान लगाने तथा प्रयोग करने की जानकारी दी जाएगी। कक्षा तीन से आठ तक के बच्चों को प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर शिक्षा देने संबंधी कार्यक्रम को भी इसमें शामिल किया गया है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को बेहतर सुविधा देने के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आउट ऑफ स्कूल बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए मुफ्त यातायात की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रति बच्चा 3000 रुपये बजट में प्रावधान किया गया है।
परिषदीय, सहायता प्राप्त स्कूलों में सभी छात्राओं, अनुसूचित जाति, जनजाति, बीपीएल परिवार के छात्रों सहायता प्राप्त मदरसों व 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रों को दो सेट 400 की दर से यूनिफार्म देने की व्यवस्था की गई है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के आधार पर 5232 अतिरिक्त कक्षा कक्ष तथा 32,585 स्कूलों में बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया जाएगा।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
लखनऊ। प्रदेश में 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा देने के लिए 1748 और परिषदीय स्कूल खोले जाएंगे। इसमें 1549 प्राथमिक व 199 उच्च प्राथमिक स्कूल खोले जाएंगे। हालांकि, प्रदेश में अभी 2319 और स्कूलों की जरूरत है, लेकिन राज्य सरकार केवल इतने स्कूलों का ही प्रस्ताव भेज रही है।
सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए 20 हजार करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया है, जो विगत वर्ष की अपेक्षा 11,257 करोड़ अधिक है। मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में मंगलवार को होने वाली सर्व शिक्षा अभियान कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय में 19 मार्च को होने वाली प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक में इसे मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
आवासीय छात्रावास
नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में आश्रयहीन बेघर बच्चों को उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षा के लिए आवासीय स्कूल खोलने जाएंगे। पहले चरण में अलीगढ़, बागपत, बलिया, बलरामपुर, गाजियाबाद, कानपुर नगर, लखनऊ, मुजफ्फरनगर, वाराणसी व शामली में इन स्कूलों को खोला जाएगा। प्रत्येक स्कूल में 50 बच्चों को रखने व शिक्षा देने की व्यवस्था होगी।
वेतन की व्यवस्था
सर्व शिक्षा अभियान में 1,31,446 शिक्षकों के 12 माह का वेतन, 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों को छह माह तक नियत वेतन 7300 देने, समायोजित होने वाले 1,35,842 को वेतन देने, 41,307 अंशकालिक अनुदेशकों को मानदेय देने का प्रस्ताव भेजा जाएगा।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
परिषदीय स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा देने की कार्ययोजना भी प्रस्ताव में शामिल की गई है। शिक्षकों को कहानी, खेल गतिविधि, अक्षर कार्ड, चित्र कार्ड के माध्यम से पढ़ाने की जानकारी दी जाएगी। उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान की पढ़ाई गतिविधि आधारित रखी जाएगी। इसमें बच्चों में खोजने, अवलोकन करने, अनुमान लगाने तथा प्रयोग करने की जानकारी दी जाएगी। कक्षा तीन से आठ तक के बच्चों को प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर शिक्षा देने संबंधी कार्यक्रम को भी इसमें शामिल किया गया है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को बेहतर सुविधा देने के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आउट ऑफ स्कूल बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए मुफ्त यातायात की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रति बच्चा 3000 रुपये बजट में प्रावधान किया गया है।
परिषदीय, सहायता प्राप्त स्कूलों में सभी छात्राओं, अनुसूचित जाति, जनजाति, बीपीएल परिवार के छात्रों सहायता प्राप्त मदरसों व 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रों को दो सेट 400 की दर से यूनिफार्म देने की व्यवस्था की गई है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के आधार पर 5232 अतिरिक्त कक्षा कक्ष तथा 32,585 स्कूलों में बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया जाएगा।
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