पेपर लीक मामलाः आयोग अध्यक्ष के खिलाफ आंदोलन जारी रखने की घोषणा
इलाहाबाद। पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा मामले में अभ्यर्थियों ने अब सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अभ्यर्थियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। इसी मामले में भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा की ओर से दाखिल एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामले को रेगुलर बेंच को रिफर कर दिया है। सात मई को सुनवाई की उम्मीद है।
पीसीएस के दोनों पेपर निरस्त करने तथा जांच पूरी होने तक 10 मई को प्रस्तावित परीक्षा पर रोक लगाने की मांग को लेकर 11 अभ्यर्थियों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जो खारिज हो गई। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन पर बैठक हुई। उसमें उन्होंने आंदोलन के आगे की रणनीति पर चर्चा की। प्रतियोगियों ने आयोग अध्यक्ष के खिलाफ आंदोलन जारी रखने के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की भी घोषणा की। भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा की बैठक में भी आयोग अध्यक्ष के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की गई। इसके तहत मोर्चा की ओर से बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। कौशल सिंह, अशोक पांडेय, कुंवर साहब सिंह, विक्की खान आदि ने मांग पूरा होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की।
राष्ट्रपति तक पहुंचा लोक सेवा आयोग का मुद्दा
उप्र लोक सेवा आयोग की भर्तियों में अनियमितता का मामला राष्ट्रपति के पास भी पहुंच गया है। अध्यक्ष के खिलाफ आंदोलनरत प्रतियोगियों ने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की थी। श्रेयांश त्रिपाठी आदि प्रतियोगियों ने राष्ट्रपति से समय भी मांगा था जिससे उनके समक्ष पूरी बात रखी जा सके। हालांकि राष्ट्रपति ने मिलने के लिए तो समय नहीं दिया पर, प्रतियोगियों की ओर से उपलब्ध कराए गए सभी साक्ष्य आवश्यक कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति सचिवालय के अवर सचिव (पी) को भेजा गया है। राष्ट्रपति के निजी सचिव की ओर से इसकी एक प्रति श्रेयांश को भी भेजी गई है।
रेगुलर बेंच में सात मई को सुनवाई की उम्मीद
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इलाहाबाद। पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा मामले में अभ्यर्थियों ने अब सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अभ्यर्थियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। इसी मामले में भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा की ओर से दाखिल एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामले को रेगुलर बेंच को रिफर कर दिया है। सात मई को सुनवाई की उम्मीद है।
पीसीएस के दोनों पेपर निरस्त करने तथा जांच पूरी होने तक 10 मई को प्रस्तावित परीक्षा पर रोक लगाने की मांग को लेकर 11 अभ्यर्थियों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जो खारिज हो गई। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन पर बैठक हुई। उसमें उन्होंने आंदोलन के आगे की रणनीति पर चर्चा की। प्रतियोगियों ने आयोग अध्यक्ष के खिलाफ आंदोलन जारी रखने के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की भी घोषणा की। भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा की बैठक में भी आयोग अध्यक्ष के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की गई। इसके तहत मोर्चा की ओर से बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। कौशल सिंह, अशोक पांडेय, कुंवर साहब सिंह, विक्की खान आदि ने मांग पूरा होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की।
राष्ट्रपति तक पहुंचा लोक सेवा आयोग का मुद्दा
उप्र लोक सेवा आयोग की भर्तियों में अनियमितता का मामला राष्ट्रपति के पास भी पहुंच गया है। अध्यक्ष के खिलाफ आंदोलनरत प्रतियोगियों ने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की थी। श्रेयांश त्रिपाठी आदि प्रतियोगियों ने राष्ट्रपति से समय भी मांगा था जिससे उनके समक्ष पूरी बात रखी जा सके। हालांकि राष्ट्रपति ने मिलने के लिए तो समय नहीं दिया पर, प्रतियोगियों की ओर से उपलब्ध कराए गए सभी साक्ष्य आवश्यक कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति सचिवालय के अवर सचिव (पी) को भेजा गया है। राष्ट्रपति के निजी सचिव की ओर से इसकी एक प्रति श्रेयांश को भी भेजी गई है।
रेगुलर बेंच में सात मई को सुनवाई की उम्मीद
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