एक
ऐसा कटु सत्य जो शिक्षा विभाग के मुंह पर तमाचा है। हर बीआरसी पर कुछ ऐसे
टीईटी अभ्यर्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं जिनके प्रमाण पत्र फर्जी हैं। इनकी
कुल संख्या 35 है। आश्चर्यजनक यह कि तैनाती पत्र पाने में ये सभी सफल हो गए
हैं। विभाग की बेबसी ऐसी कि कार्रवाई करने के नाम पर चुप्पी साधे हुए है।
उधर, फर्जी टीईटी शिक्षक मजे से बीआरसी पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
इससे बेसिक शिक्षा विभाग की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। प्रदेश में 72 हजार आठ सौ शिक्षकों की भर्ती पिछले 19 जनवरी से शुरू हुई थी। इसके तहत जिले में चौबीस सौ शिक्षकों की भर्ती होनी है। यहां अब तक चार कट आफ जारी हो चुकी है और पांचवा जारी करने की तैयारी है। अब तक जारी की गई चार कट आफ सूची में से 1783 अभ्यर्थियों ने तैनाती पत्र लिया है। पहले उनका प्रशिक्षण स्कूलों में कराया गया और बीस मई के बाद बीआरसी पर हो रहा है। विभाग ने तैनाती पत्र देने के बाद सभी प्रशिक्षु शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्रों का आनलाइन सत्यापन करना शुरू कर दिया। पहली कट आफ सूची में 29 एवं तीसरे कट आफ सूची से छह प्रशिक्षु शिक्षकों का टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। बेसिक शिक्षा विभाग ने उनकी सूची बनाकर अगली कार्रवाई के लिए डायट प्राचार्य को भेज दिया। दो महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। चल रही कार्रवाई की प्रक्रिया- सत्यापन के बाद जो भी फर्जी प्रमाण पत्र मिले थे उनकी सूची बनाकर अगली कार्रवाई के लिए डायट को भेज दी गई है। वहां पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। फर्जी प्रमाण पत्रों के नाम पर नौकरी हथियाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। -चंद्रकेश सिंह यादव, बेसिक शिक्षाधिकारी। सहयोग नहीं कर रहे कर्मचारी- डायट के कर्मचारी सहयोग नहीं कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा कार्यालय से मिली फर्जी टीईटी शिक्षकों की सूची संबंधित कर्मचारी को सौंपकर उसका फिर से मिलान करने को कहा गया है लेकिन अभी तक नहीं हो पाया है। मिलान करने के बाद जो तथ्य सामने आएगा उसको कार्रवाई के लिए चयन समिति के सामने रखा जाएगा। चयन समिति ही इस पर कोई निर्णय ले सकती है। - नरेंद्र देव पांडेय, डायट प्राचार्य।
इससे बेसिक शिक्षा विभाग की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। प्रदेश में 72 हजार आठ सौ शिक्षकों की भर्ती पिछले 19 जनवरी से शुरू हुई थी। इसके तहत जिले में चौबीस सौ शिक्षकों की भर्ती होनी है। यहां अब तक चार कट आफ जारी हो चुकी है और पांचवा जारी करने की तैयारी है। अब तक जारी की गई चार कट आफ सूची में से 1783 अभ्यर्थियों ने तैनाती पत्र लिया है। पहले उनका प्रशिक्षण स्कूलों में कराया गया और बीस मई के बाद बीआरसी पर हो रहा है। विभाग ने तैनाती पत्र देने के बाद सभी प्रशिक्षु शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्रों का आनलाइन सत्यापन करना शुरू कर दिया। पहली कट आफ सूची में 29 एवं तीसरे कट आफ सूची से छह प्रशिक्षु शिक्षकों का टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। बेसिक शिक्षा विभाग ने उनकी सूची बनाकर अगली कार्रवाई के लिए डायट प्राचार्य को भेज दिया। दो महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। चल रही कार्रवाई की प्रक्रिया- सत्यापन के बाद जो भी फर्जी प्रमाण पत्र मिले थे उनकी सूची बनाकर अगली कार्रवाई के लिए डायट को भेज दी गई है। वहां पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। फर्जी प्रमाण पत्रों के नाम पर नौकरी हथियाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। -चंद्रकेश सिंह यादव, बेसिक शिक्षाधिकारी। सहयोग नहीं कर रहे कर्मचारी- डायट के कर्मचारी सहयोग नहीं कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा कार्यालय से मिली फर्जी टीईटी शिक्षकों की सूची संबंधित कर्मचारी को सौंपकर उसका फिर से मिलान करने को कहा गया है लेकिन अभी तक नहीं हो पाया है। मिलान करने के बाद जो तथ्य सामने आएगा उसको कार्रवाई के लिए चयन समिति के सामने रखा जाएगा। चयन समिति ही इस पर कोई निर्णय ले सकती है। - नरेंद्र देव पांडेय, डायट प्राचार्य।
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