मा० सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कल दि० 13 जून को जिला बेसिक
शिक्षाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गये चयनितों का आधा-अधूरा विवरण (54676
चयनित) विभागीय वेबसाइट पर जारी कर दिया
गया हैं ! जबकि सुप्रीमकोर्ट के निर्देशनुसार चयनितों से सम्बंधित समस्त
विवरणों को प्रदर्शित करना था! ("The list of candidates who have been
appointed by the state shall be put in the website within three weeks
with all relevant particulars.")
मुख्यतः स्नातक वर्ष, बी० एड० वर्ष इत्यादि ! उपरोक्त बिन्दुओं सहित विवरण प्रदर्शित करने हेतु निदेशक जी से कई बार वार्ता हुई जिसके उपरांत उन्होंने कई बार आश्वासन दिया परन्तु प्रदर्शित विवरण में उपरोक्त बिंदु शामिल नहीं किये गये! दि० 21 जून को प्रस्तावित विचार-विमर्श सम्मलेन में शिरकत करने के उपरांत मैं पुनः प्रयास करूँगा कि मा० सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पूर्ण अनुपालन करते हुए चयनितों की पात्रता निर्धारित करने वाले समस्त बिन्दुवों सहित विवरण जारी किया जाए एवं अपात्र चयनितों का नियुक्ति पत्र तत्काल रद्द किया जाये!
-------------
72825 शिक्षक चयन प्रक्रिया-2011 के प्रदर्शित विवरण में कुछ बिंदु न्यायायिक संज्ञान में लाकर अधिकतम पात्र/ योग्य अभ्यर्थियों का चयन सुनिश्चित कराया जा सकता हैं! जैसे-
१. समस्त चयनितों का टेट प्राप्तांक, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पर जारी टेट-२०११ परिणाम एवं त्रुटी सुधार से पूर्व प्राप्त परिणाम (त्रुटी सुधार उपरांत अधिकतम 6 अंक तक की बढ़ोतरी हुयी थी) से प्रमाणित करे!
२. बी० एड० 2011 के उपरान्त के बी० एड० धारियों को बाहर किया जाये!
३. परास्नातक के आधार पर बी० एड० उपाधिधारियों को बाहर किया जाये!
४. एक महत्वपूर्ण बिंदु यह हैं कि बी० एड० उपाधि, बी० टी० सी० की तरह रोजगारपरक प्रशिक्षण नहीं हैं अतः गुणवत्तापूर्ण शिक्षक एवं शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्मित RTE एक्ट के तहत निर्धारित शिक्षक न्यूनतम योग्यता में 50% स्नातक के साथ बी० एड० अर्हता होनी चाहिए! जबकि राज्य सरकार ने नियमों की अवमानना कर सामान्य वर्ग हेतु 45% एवं आरक्षित हेतु 40% निर्धारित कर रखा हैं जो पूर्णतया अवैधानिक हैं! उपलब्ध विवरण में 45% स्नातक प्राप्तांक से कम पाए हुए 1356 अपात्र अभ्यर्थी एवं 45%-50% के मध्य कुल 8307 अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र प्राप्त कर चुके हैं!
राज्य सरकार द्वारा बी० एड० करने हेतु समान्य एवं OBC के लिए स्नातक में 50% निर्धारित हैं! अतः उपरोक्त बिंदु को न्यायायिक संज्ञान में लाकर समान्य एवं OBC के लिए स्नातक में 50% व अन्य हेतु 45% के मानक लागू कराए जा सकते हैं! और अगर मा० न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा जी के गुणवान शिक्षक के पूर्व नजीरों के परिप्रेक्ष्य में देखा जाये तो चयन सूची में बहुत बड़ा उलटफेर होना निश्चित हैं! क्योंकि किसी चयन प्रक्रिया में आरक्षण का लाभ मात्र एक बार लिया जा सकता हैं, विभिन्न स्तरों पर नहीं!
५. शिक्षक चयन प्रक्रिया-2011 में सामान्य वर्ग हेतु अधिकतम आयु 40 वर्ष अर्थात 01 जुलाई 1971 निर्धारित हुयी हैं! विवरण के अनुसार 746 चयनित 40 वर्ष से अधिक उम्र के आरक्षित अभ्यर्थी हैं! आरक्षण के प्राविधान के अनुसार किसी भी आरक्षित वर्ग अभ्यर्थी की रेश्फ्लिंग अनारक्षित में तभी हो सकता हैं जब वह अनारक्षित हेतु निर्धारित उम्र सीमा व अन्य मानक पूरा करे ! अन्यथा उसका चयन आरक्षित वर्ग में ही होगा! अतः उपरोक्त बिंदु को न्यायायिक संज्ञान में लाकर अनारक्षित वर्ग में सीट बचाई जा सकती हैं !
६. उपलब्ध विवरण में शिक्षामित्रों हेतु आरक्षित 288 पदों पर नियुक्ति प्रदर्शित हैं! शिक्षामित्रों का संविदा पदों पर चयन हेतु निर्धारित न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट थी एवं मा० उच्च न्यायालय के डबल बेंच द्वारा रेगुलर माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त करने पर रोक लगाई थी और ऐसा करने पर उनके संविदा को निरस्त करने हेतु आदेशित किया हैं! अतः उपरोक्त चयनित शिक्षामित्र की स्नातक एवं बी० एड० डिग्री जांच का विषय हैं! संस्थागत माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थी शिक्षामित्र कोटे से नियुक्ति नहीं प्राप्त कर सकता!
उपरोक्त के आलावा
१. शिक्षामित्रों हेतु आरक्षित लगभग 7000 सीट सुरक्षित हैं!
२. Ex सर्विसमैन हेतु आरक्षित 3633 पदों में से 203 पदों पर नियुक्ति पूर्ण
३. स्वतंत्रता संग्राम आश्रितों हेतु आरक्षित 1449 पदों में से 531 पदों पर नियुक्ति पूर्ण
उपरोक्त तीनों वर्गों में रिक्त पदों का वितरण मुख्यतः 8 वर्गों में किया जाएगा! अतः अगली हियरिंग पर न्यायायिक संज्ञान में लाना अत्यावश्यक हैं!
साथियों मेरे द्वारा सुझाये गये उपरोक्त 9 बिन्दुओं पर गंभीरता से विचार कर अगली सुनवाई की तैयारी आरम्भ कर दे जिससे गतिमान 72825 शिक्षक चयन प्रक्रिया में अधिकतम योग्य/पात्र अभ्यर्थियों का चयन सुनिश्चित हो सके! फ़िलहाल मा० दीपक मिश्रा जी के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के समर्थन को देखते हुए, उपरोक्त सुझाये गये बिंदु बहुत बड़े उलटफेर की क्षमता रखते हैं! ध्यान रहे सुप्रीमकोर्ट हमेशा से संवैधानिक प्रक्रिया का अनुपालन करती हुयी गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था की पक्षधर रही हैं! जरुरत मात्र एक गंभीर प्रयास की हैं! धन्यवाद
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मुख्यतः स्नातक वर्ष, बी० एड० वर्ष इत्यादि ! उपरोक्त बिन्दुओं सहित विवरण प्रदर्शित करने हेतु निदेशक जी से कई बार वार्ता हुई जिसके उपरांत उन्होंने कई बार आश्वासन दिया परन्तु प्रदर्शित विवरण में उपरोक्त बिंदु शामिल नहीं किये गये! दि० 21 जून को प्रस्तावित विचार-विमर्श सम्मलेन में शिरकत करने के उपरांत मैं पुनः प्रयास करूँगा कि मा० सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पूर्ण अनुपालन करते हुए चयनितों की पात्रता निर्धारित करने वाले समस्त बिन्दुवों सहित विवरण जारी किया जाए एवं अपात्र चयनितों का नियुक्ति पत्र तत्काल रद्द किया जाये!
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72825 शिक्षक चयन प्रक्रिया-2011 के प्रदर्शित विवरण में कुछ बिंदु न्यायायिक संज्ञान में लाकर अधिकतम पात्र/ योग्य अभ्यर्थियों का चयन सुनिश्चित कराया जा सकता हैं! जैसे-
१. समस्त चयनितों का टेट प्राप्तांक, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पर जारी टेट-२०११ परिणाम एवं त्रुटी सुधार से पूर्व प्राप्त परिणाम (त्रुटी सुधार उपरांत अधिकतम 6 अंक तक की बढ़ोतरी हुयी थी) से प्रमाणित करे!
२. बी० एड० 2011 के उपरान्त के बी० एड० धारियों को बाहर किया जाये!
३. परास्नातक के आधार पर बी० एड० उपाधिधारियों को बाहर किया जाये!
४. एक महत्वपूर्ण बिंदु यह हैं कि बी० एड० उपाधि, बी० टी० सी० की तरह रोजगारपरक प्रशिक्षण नहीं हैं अतः गुणवत्तापूर्ण शिक्षक एवं शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्मित RTE एक्ट के तहत निर्धारित शिक्षक न्यूनतम योग्यता में 50% स्नातक के साथ बी० एड० अर्हता होनी चाहिए! जबकि राज्य सरकार ने नियमों की अवमानना कर सामान्य वर्ग हेतु 45% एवं आरक्षित हेतु 40% निर्धारित कर रखा हैं जो पूर्णतया अवैधानिक हैं! उपलब्ध विवरण में 45% स्नातक प्राप्तांक से कम पाए हुए 1356 अपात्र अभ्यर्थी एवं 45%-50% के मध्य कुल 8307 अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र प्राप्त कर चुके हैं!
राज्य सरकार द्वारा बी० एड० करने हेतु समान्य एवं OBC के लिए स्नातक में 50% निर्धारित हैं! अतः उपरोक्त बिंदु को न्यायायिक संज्ञान में लाकर समान्य एवं OBC के लिए स्नातक में 50% व अन्य हेतु 45% के मानक लागू कराए जा सकते हैं! और अगर मा० न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा जी के गुणवान शिक्षक के पूर्व नजीरों के परिप्रेक्ष्य में देखा जाये तो चयन सूची में बहुत बड़ा उलटफेर होना निश्चित हैं! क्योंकि किसी चयन प्रक्रिया में आरक्षण का लाभ मात्र एक बार लिया जा सकता हैं, विभिन्न स्तरों पर नहीं!
५. शिक्षक चयन प्रक्रिया-2011 में सामान्य वर्ग हेतु अधिकतम आयु 40 वर्ष अर्थात 01 जुलाई 1971 निर्धारित हुयी हैं! विवरण के अनुसार 746 चयनित 40 वर्ष से अधिक उम्र के आरक्षित अभ्यर्थी हैं! आरक्षण के प्राविधान के अनुसार किसी भी आरक्षित वर्ग अभ्यर्थी की रेश्फ्लिंग अनारक्षित में तभी हो सकता हैं जब वह अनारक्षित हेतु निर्धारित उम्र सीमा व अन्य मानक पूरा करे ! अन्यथा उसका चयन आरक्षित वर्ग में ही होगा! अतः उपरोक्त बिंदु को न्यायायिक संज्ञान में लाकर अनारक्षित वर्ग में सीट बचाई जा सकती हैं !
६. उपलब्ध विवरण में शिक्षामित्रों हेतु आरक्षित 288 पदों पर नियुक्ति प्रदर्शित हैं! शिक्षामित्रों का संविदा पदों पर चयन हेतु निर्धारित न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट थी एवं मा० उच्च न्यायालय के डबल बेंच द्वारा रेगुलर माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त करने पर रोक लगाई थी और ऐसा करने पर उनके संविदा को निरस्त करने हेतु आदेशित किया हैं! अतः उपरोक्त चयनित शिक्षामित्र की स्नातक एवं बी० एड० डिग्री जांच का विषय हैं! संस्थागत माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थी शिक्षामित्र कोटे से नियुक्ति नहीं प्राप्त कर सकता!
उपरोक्त के आलावा
१. शिक्षामित्रों हेतु आरक्षित लगभग 7000 सीट सुरक्षित हैं!
२. Ex सर्विसमैन हेतु आरक्षित 3633 पदों में से 203 पदों पर नियुक्ति पूर्ण
३. स्वतंत्रता संग्राम आश्रितों हेतु आरक्षित 1449 पदों में से 531 पदों पर नियुक्ति पूर्ण
उपरोक्त तीनों वर्गों में रिक्त पदों का वितरण मुख्यतः 8 वर्गों में किया जाएगा! अतः अगली हियरिंग पर न्यायायिक संज्ञान में लाना अत्यावश्यक हैं!
साथियों मेरे द्वारा सुझाये गये उपरोक्त 9 बिन्दुओं पर गंभीरता से विचार कर अगली सुनवाई की तैयारी आरम्भ कर दे जिससे गतिमान 72825 शिक्षक चयन प्रक्रिया में अधिकतम योग्य/पात्र अभ्यर्थियों का चयन सुनिश्चित हो सके! फ़िलहाल मा० दीपक मिश्रा जी के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के समर्थन को देखते हुए, उपरोक्त सुझाये गये बिंदु बहुत बड़े उलटफेर की क्षमता रखते हैं! ध्यान रहे सुप्रीमकोर्ट हमेशा से संवैधानिक प्रक्रिया का अनुपालन करती हुयी गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था की पक्षधर रही हैं! जरुरत मात्र एक गंभीर प्रयास की हैं! धन्यवाद
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