Breaking Posts

Top Post Ad

यूपी में शिक्षामित्रों के शिक्षक बनाने पर 27 जुलाई तक रोक : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

सुप्रीम कोर्ट ने एक सख्त आदेश में उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि बिना टीईटी पास शिक्षामित्रों को शिक्षक रूप में भर्ती न किया जाए। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वह 10 दिन में यह भी बताए कि बिना टीईटी पास शिक्षामित्रों की संख्या कितनी है। साथ ही कोर्ट ने प्रदेश के बेसिक शिक्षा सचिव को 27 जुलाई को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया और कहा कि यदि वह पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश में एक लाख 70 हजार शिक्षामित्र हैं बेसिक विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं।जस्टिस दीपक मिश्रा और यू यू ललित की पीठ ने यह आदेश सोमवार को तब दिया जब उसे बताया गया कि एक ओर जहां प्रदेश सरकार शिक्षकों के लिए टीईटी पास को भी काफी नहीं नही मान रही हैं और शैक्षणिक कैरियर ग्राफ भी देख रही है, वहीं वह कम शिक्षित शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त कर रही है।कोर्ट ने कहा कि बिना टीईटी पास लोगों को शिक्षक के रूप में नियुक्त करना सरकार के दिशानिर्देशों और एनसीटीई के नियमों के विरुद्ध है। इनको नियुक्त करने संबंधी 19 जून 2014 के परिपत्र में भी कही टीईटी योग्यता का जिक्र नहीं है फिर सरकार ऐसा क्यों कर रही है। कोर्ट ने कहा कि सरकार साधारण मसले को जटिल बना रही है जबकि यह गंभीर मामला है।दो माह पूर्व कोर्ट ने अयोग्य व्यक्तियों को शिक्षक के पद से हटाने को आदेश दिया था। सरकार ने कोर्ट को बताया कि अब तक 30 अयोग्य लोगों को बर्खास्त किया जा चुका है।गौरतलब है सुप्रीम कोर्ट प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के विवाद पर सुनवाई कर रहा है। प्रदेश सरकार ने नियम बनाया था कि शिक्षक योग्यता परीक्षा (टीईटी) के अंकों के साथ उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता को भी मेरिट में शामिल किया जाएगा। लेकिन छात्रों की याचिका पर हाईकोर्ट ने इस नियम को रद्द कर दिया था। प्रदेश सरकार और छात्रों ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट चुनौती दी है।
सिर्फ टीईटी को ही भर्ती का आधार मान सकता है कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को संकेत दिया शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी को ही पर्याप्त माना जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि शैक्षणिक योग्यता की मेरिट यानी कैरियर ग्राफ को टीईटी के साथ विचारित करना तार्किक नहीं दिखलाई पड़ता। आखिर हर विश्वविद्यालय, शिक्षा बोर्ड जैसे यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई और संस्थानों का अंक देने का तरीका अलग होता है। यूपी में अनेक विश्वविद्यालय हैं और शिक्षण संस्थान हैं जो एक ही विषय का अलग मूल्यांकन कर सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षा का उद्देश्य योग्यता को एक समान रूप से जांचना होता है।प्रदेश सरकार ने कहा कि उत्तराखंड में टीईटी के साथ शैक्षणिक योग्यता भी देखी जाती है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड छोटा राज्य है जहां यूपी की तरह अनेक विवि और शिक्षण संस्थान नहीं है। पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह शिक्षक भर्ती के बारे में अन्य प्रदेशों के नियम कोर्ट में पेश करें। मामले की सुनवाई अगली 27 जुलाई को होगी।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details

Facebook