तीन साल से अटकी है 1600 स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा
लखनऊ (डीएनएन)। राजकीय एवं एडेड विद्यालयों में संचालित आईसीटी योजना में एक और गड़बड़ी सामने आई है। इस योजना के तहत विभिन्न चरणों में 5600 स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा की शुरुआत होनी थी। लेकिन कमीशन के खेल में 1600 स्कूलों में यह योजना तीन साल में भी नहीं शुरू हो पाई है। जबकि वर्ष 2012 में इसकी शुरुआत हो जानी चाहिए थी।
केंद्र पुरोनिधानित सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) योजना के तहत राजकीय व एडेड स्कूलों में कक्षा छह से 12 तक स्टूडेंट्स को कंप्यूटर शिक्षा देने का खाका तैयार किया गया था। इस योजना में 75 फीसदी केंद्र सरकार तथा 25 प्रतिशत राज्य सरकार को खर्च वहन करना था। पहले चरण में 2500 स्कूलों में योजना संचालन के लिए टेंडर निकाला गया था। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरपी मिश्र के मुताबिक इस टेंडर में एडुकॉम एजुकेशन प्रा.लिमिटेड को 1401, दूसरी फर्म एवरान प्रा. लिमिटेड को 571 तथा एक्ट्रा मार्क्स प्रा.लि.को 528 विद्यालयों के संचालन का आर्डर मिल गया। प्रथम चरण की योजना में प्रति विद्यालय 8 लाख 36 हजार रुपए दिए गए थे। लेकिन फर्मों ने अपनी ओर से रखे गए कम्प्यूटर शिक्षकों के मानदेय में खूब मनमानी की। पांच हजार की जगह 3248 रुपए का भुगतान किया गया। डॉ.मिश्र ने आरोप लगाया कि एक्ट्रा मार्क्स फर्म को बिना टेंडर ही 1500 और विद्यालयों में योजना संचालन की अनुमति मिल गई थी। इसमें बजट की धनराशि 19 लाख 40 हजार रुपए प्रति विद्यालय कर दी गई। जबकि शिक्षकों का मानदेय 10 हजार कर दिया गया। लेकिन फार्म ने पूरा मानदेय नहीं दिया। स्थिति यह है कि आखिरी चरण के 1600 स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा के लिए 2012 में टेंडर प्रक्रिया शुरू होनी थी। लेकिन फर्मों के कमीशन और विभाग की सुस्ती की वजह से आज तक यह योजना शेष बचे 1600 स्कूलों में नहीं शुरू हो सकी।आईसीटी योजना के तहत शेष बचे 1600 स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा के लिए अब तक टेंडर न होना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। पहले से चल रही योजना में पैसे को लेकर बंदरबांट हो चुकी है। अब 1600 स्कूलों में भी इसकी शुरुआत न करना भी यही वजह है। राज्य सरकार को चाहिए कि कंप्यूटर शिक्षा को वह अपनी ओर से चलाए और जो भी शिक्षक हैं उन्हें विद्यालयों में सरप्लस पदों पर समायोजित कर दे।डॉ.आरपी मिश्र, प्रदेशीय मंत्री, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ
1600 स्कूलों में आईसीटी योजना के तहत कंप्यूटर शिक्षा शुरू न होने की जानकारी के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.अवध नरेश शर्मा को फोन मिलाया गया। लेकिन उन्होंने फोन नहीं रिसीव किया।
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लखनऊ (डीएनएन)। राजकीय एवं एडेड विद्यालयों में संचालित आईसीटी योजना में एक और गड़बड़ी सामने आई है। इस योजना के तहत विभिन्न चरणों में 5600 स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा की शुरुआत होनी थी। लेकिन कमीशन के खेल में 1600 स्कूलों में यह योजना तीन साल में भी नहीं शुरू हो पाई है। जबकि वर्ष 2012 में इसकी शुरुआत हो जानी चाहिए थी।
केंद्र पुरोनिधानित सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) योजना के तहत राजकीय व एडेड स्कूलों में कक्षा छह से 12 तक स्टूडेंट्स को कंप्यूटर शिक्षा देने का खाका तैयार किया गया था। इस योजना में 75 फीसदी केंद्र सरकार तथा 25 प्रतिशत राज्य सरकार को खर्च वहन करना था। पहले चरण में 2500 स्कूलों में योजना संचालन के लिए टेंडर निकाला गया था। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरपी मिश्र के मुताबिक इस टेंडर में एडुकॉम एजुकेशन प्रा.लिमिटेड को 1401, दूसरी फर्म एवरान प्रा. लिमिटेड को 571 तथा एक्ट्रा मार्क्स प्रा.लि.को 528 विद्यालयों के संचालन का आर्डर मिल गया। प्रथम चरण की योजना में प्रति विद्यालय 8 लाख 36 हजार रुपए दिए गए थे। लेकिन फर्मों ने अपनी ओर से रखे गए कम्प्यूटर शिक्षकों के मानदेय में खूब मनमानी की। पांच हजार की जगह 3248 रुपए का भुगतान किया गया। डॉ.मिश्र ने आरोप लगाया कि एक्ट्रा मार्क्स फर्म को बिना टेंडर ही 1500 और विद्यालयों में योजना संचालन की अनुमति मिल गई थी। इसमें बजट की धनराशि 19 लाख 40 हजार रुपए प्रति विद्यालय कर दी गई। जबकि शिक्षकों का मानदेय 10 हजार कर दिया गया। लेकिन फार्म ने पूरा मानदेय नहीं दिया। स्थिति यह है कि आखिरी चरण के 1600 स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा के लिए 2012 में टेंडर प्रक्रिया शुरू होनी थी। लेकिन फर्मों के कमीशन और विभाग की सुस्ती की वजह से आज तक यह योजना शेष बचे 1600 स्कूलों में नहीं शुरू हो सकी।आईसीटी योजना के तहत शेष बचे 1600 स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा के लिए अब तक टेंडर न होना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। पहले से चल रही योजना में पैसे को लेकर बंदरबांट हो चुकी है। अब 1600 स्कूलों में भी इसकी शुरुआत न करना भी यही वजह है। राज्य सरकार को चाहिए कि कंप्यूटर शिक्षा को वह अपनी ओर से चलाए और जो भी शिक्षक हैं उन्हें विद्यालयों में सरप्लस पदों पर समायोजित कर दे।डॉ.आरपी मिश्र, प्रदेशीय मंत्री, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ
1600 स्कूलों में आईसीटी योजना के तहत कंप्यूटर शिक्षा शुरू न होने की जानकारी के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.अवध नरेश शर्मा को फोन मिलाया गया। लेकिन उन्होंने फोन नहीं रिसीव किया।
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