एलटी ग्रेड के शिक्षकों की लखनऊ में भर्ती का मामला
एसटीएफ कर सकती है जांच
लविवि से फर्जी मार्कशीटें पकड़े जाने का मामला पहले भी हो चुका है। उस समय लविवि प्रशासन ने छवि धूमिल होते देख पूरे प्रकरण की एसटीएफ से जांच कराने के लिए उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों को पत्र भेजा था। लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
विभागीय सूत्रों के अनुसार अब अनुदेशकों व एसटी शिक्षक भर्ती में बड़ी संख्या में फर्जी मार्कशीटें पकड़े जाने के बाद लविवि की ओर से एसटीएफ जांच के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।
लखनऊ (डीएनएन)। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में बीए व बीएड की फर्जी मार्कशीटों का एक बड़ा खुलासा हुआ है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने सत्यापन के दौरान शिक्षक भर्ती आवेदन में लगीं 86 में से 80 मार्कशीटों को फर्जी बताया है। यह सभी मार्कशीटें लखनऊ विश्वविद्यालय की हैं। इससे पहले 9 जुलाई को विवि ने सत्यापन के लिए आईं 34 मार्कशीटों को फर्जी बताया था।एलटी शिक्षक भर्ती में भर्ती मार्कशीटों का सिलसिला लगातार जारी है। अभ्यर्थियों ने मेरिट में चयन के लिए धड़ल्ले से बीए व बीएड की फर्जी मार्कशीटें लगा दीं। अब सत्यापन में इसका खुलासा हो रहा है। इनमें पहले चरण में लखनऊ विश्वविद्यालय के पास 34, दूसरे चरण में 86 व तीसरे चरण में 94 मार्कशीटों को सत्यापन के लिए भेजा गया था। 34 के बाद अब 80 और मार्कशीटों की जांच की गई तो पता चला कि ये भी फर्जी हैं।94 और जांच के घेरे मेंएलटी शिक्षक भर्ती में लगी 94 और मार्कशीटें जांच के घेरे में हैं। इनका सत्यापन भी लविवि से कराने के लिए भेजा गया है। सोमवार तक इसक ी जांच रिपोर्ट भी आने की उम्मीद है।
लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक सत्यापन के लिए आई सभी मार्कशीटों में 80 से 91 प्रतिशत अंक अंकित हैं। इतने अधिक अंक होने पर पहले ही विभाग ने इस पर शंका जाहिर की थी। उसके बाद लविवि ने इसका सत्यापन कराया। जिसमें पता चला कि यह मार्कशीटें फर्जी हैं। इनमें बीए व बीएड दोनों ही शामिल हैं। विवि प्रशासन ने संयुक्त शिक्षा निदेशक को रिपोर्ट भी भेज दी है। साथ ही इस मामले में दोषियों पर एफआईआर कराने के निर्देश भी दिए हैं। कुलपति ने इस मामले में डीएम से भी अपने स्तर पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखने की बात कही है।
संयुक्त शिक्षा निदेशक ने 86 और मार्कशीटें सत्यापन के लिए भेजी थीं। इनमें से 80 फर्जी पाई गई हैं। मामले में कार्रवाई के लिए जेडी व जिलाधिकारी को भी पत्र लिखा जा रहा है। मेरा मानना है कि इसमें कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है, इसलिए पूरे मामले की जांच एसटीएफ से कराई जानी चाहिए। इसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है।शैलेश कुमार शुक्ल परीक्षा नियंत्रक, लविवि
अखिल सक्सेनालखनऊ। अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों के बाद एलटी शिक्षक भर्ती में पकड़ी गईं फर्जी मार्कशीटों के बाद अब माध्यमिक शिक्षा विभाग पूरे प्रकरण की जांच एसटीएफ को देने की तैयारी में है। इसके लिए बीते दिनों शासन में विचार-विमर्श के बाद सहमति बनी है। एसटीएफ को जांच देने से फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह पर शिकंजा कसा जा सकेगा। जल्द ही इस संबंध में शासन से अनुमति मिलने की उम्मीद है।लखनऊ विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीटें पकड़े जाने का सिलसिला लखीमपुर खीरी से शुरू हुआ था। यहां जूनियर हाईस्कूलों में अनुदेशकों की भर्ती में लखनऊ विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीटें पकड़ी गई थीं। उसके बाद लखनऊ में भी बीएसए ने काउंसिलिंग के दौरान दो अभ्यर्थियों की फर्जी मार्कशीटें पकड़ी थीं। अब एक बार फिर एलटी शिक्षक भर्ती में लविवि की बीए व बीएड की 34 फर्जी मार्कशीटें पकड़े जाने से ये स्पष्ट हो गया है कि इसके पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक लविवि की ओर से इन फर्जी मार्कशीटों की जांच रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.अवध नरेश शर्मा और प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार को भेजी जा चुकी है। इसको लेकर बुधवार को अफसरों के बीच काफी देर तक बातचीत भी हुई। लविवि की 34 फर्जी मार्कशीट मामले में अफसरों का तर्क था कि क्यों न पूरे मामले की एसटीएफ से जांच कराई जाए। माना जा रहा है कि जल्द ही एसटीएफ से जांच कराने के आदेश जारी हो जाएंगे।
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एसटीएफ कर सकती है जांच
लविवि से फर्जी मार्कशीटें पकड़े जाने का मामला पहले भी हो चुका है। उस समय लविवि प्रशासन ने छवि धूमिल होते देख पूरे प्रकरण की एसटीएफ से जांच कराने के लिए उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों को पत्र भेजा था। लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
विभागीय सूत्रों के अनुसार अब अनुदेशकों व एसटी शिक्षक भर्ती में बड़ी संख्या में फर्जी मार्कशीटें पकड़े जाने के बाद लविवि की ओर से एसटीएफ जांच के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।
लखनऊ (डीएनएन)। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में बीए व बीएड की फर्जी मार्कशीटों का एक बड़ा खुलासा हुआ है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने सत्यापन के दौरान शिक्षक भर्ती आवेदन में लगीं 86 में से 80 मार्कशीटों को फर्जी बताया है। यह सभी मार्कशीटें लखनऊ विश्वविद्यालय की हैं। इससे पहले 9 जुलाई को विवि ने सत्यापन के लिए आईं 34 मार्कशीटों को फर्जी बताया था।एलटी शिक्षक भर्ती में भर्ती मार्कशीटों का सिलसिला लगातार जारी है। अभ्यर्थियों ने मेरिट में चयन के लिए धड़ल्ले से बीए व बीएड की फर्जी मार्कशीटें लगा दीं। अब सत्यापन में इसका खुलासा हो रहा है। इनमें पहले चरण में लखनऊ विश्वविद्यालय के पास 34, दूसरे चरण में 86 व तीसरे चरण में 94 मार्कशीटों को सत्यापन के लिए भेजा गया था। 34 के बाद अब 80 और मार्कशीटों की जांच की गई तो पता चला कि ये भी फर्जी हैं।94 और जांच के घेरे मेंएलटी शिक्षक भर्ती में लगी 94 और मार्कशीटें जांच के घेरे में हैं। इनका सत्यापन भी लविवि से कराने के लिए भेजा गया है। सोमवार तक इसक ी जांच रिपोर्ट भी आने की उम्मीद है।
लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक सत्यापन के लिए आई सभी मार्कशीटों में 80 से 91 प्रतिशत अंक अंकित हैं। इतने अधिक अंक होने पर पहले ही विभाग ने इस पर शंका जाहिर की थी। उसके बाद लविवि ने इसका सत्यापन कराया। जिसमें पता चला कि यह मार्कशीटें फर्जी हैं। इनमें बीए व बीएड दोनों ही शामिल हैं। विवि प्रशासन ने संयुक्त शिक्षा निदेशक को रिपोर्ट भी भेज दी है। साथ ही इस मामले में दोषियों पर एफआईआर कराने के निर्देश भी दिए हैं। कुलपति ने इस मामले में डीएम से भी अपने स्तर पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखने की बात कही है।
संयुक्त शिक्षा निदेशक ने 86 और मार्कशीटें सत्यापन के लिए भेजी थीं। इनमें से 80 फर्जी पाई गई हैं। मामले में कार्रवाई के लिए जेडी व जिलाधिकारी को भी पत्र लिखा जा रहा है। मेरा मानना है कि इसमें कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है, इसलिए पूरे मामले की जांच एसटीएफ से कराई जानी चाहिए। इसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है।शैलेश कुमार शुक्ल परीक्षा नियंत्रक, लविवि
अखिल सक्सेनालखनऊ। अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों के बाद एलटी शिक्षक भर्ती में पकड़ी गईं फर्जी मार्कशीटों के बाद अब माध्यमिक शिक्षा विभाग पूरे प्रकरण की जांच एसटीएफ को देने की तैयारी में है। इसके लिए बीते दिनों शासन में विचार-विमर्श के बाद सहमति बनी है। एसटीएफ को जांच देने से फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह पर शिकंजा कसा जा सकेगा। जल्द ही इस संबंध में शासन से अनुमति मिलने की उम्मीद है।लखनऊ विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीटें पकड़े जाने का सिलसिला लखीमपुर खीरी से शुरू हुआ था। यहां जूनियर हाईस्कूलों में अनुदेशकों की भर्ती में लखनऊ विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीटें पकड़ी गई थीं। उसके बाद लखनऊ में भी बीएसए ने काउंसिलिंग के दौरान दो अभ्यर्थियों की फर्जी मार्कशीटें पकड़ी थीं। अब एक बार फिर एलटी शिक्षक भर्ती में लविवि की बीए व बीएड की 34 फर्जी मार्कशीटें पकड़े जाने से ये स्पष्ट हो गया है कि इसके पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक लविवि की ओर से इन फर्जी मार्कशीटों की जांच रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.अवध नरेश शर्मा और प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार को भेजी जा चुकी है। इसको लेकर बुधवार को अफसरों के बीच काफी देर तक बातचीत भी हुई। लविवि की 34 फर्जी मार्कशीट मामले में अफसरों का तर्क था कि क्यों न पूरे मामले की एसटीएफ से जांच कराई जाए। माना जा रहा है कि जल्द ही एसटीएफ से जांच कराने के आदेश जारी हो जाएंगे।
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