तो शिक्षक बन जाएंगे 12091 अभ्यर्थी
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश भर के 12091 युवाओं में नए साल में शिक्षक बनने की उम्मीद जगी है। यह वही युवा है जो शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 उम्दा अंकों से पास हुए और तय कट ऑफ से ऊपर रहने के बाद भी चयन नहीं हो सका। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद अब वे शिक्षक बनने की दहलीज पर पहुंच गए हैं।
यदि सब ठीक रहा तो अगले कुछ महीनों में उनकी नियुक्ति हो जाएगी। वहीं, कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले करीब 1100 युवाओं की शिक्षक के रूप में संविदा नियुक्ति पर अभी संशय बरकरार है।
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राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश भर के 12091 युवाओं में नए साल में शिक्षक बनने की उम्मीद जगी है। यह वही युवा है जो शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 उम्दा अंकों से पास हुए और तय कट ऑफ से ऊपर रहने के बाद भी चयन नहीं हो सका। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद अब वे शिक्षक बनने की दहलीज पर पहुंच गए हैं।
यदि सब ठीक रहा तो अगले कुछ महीनों में उनकी नियुक्ति हो जाएगी। वहीं, कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले करीब 1100 युवाओं की शिक्षक के रूप में संविदा नियुक्ति पर अभी संशय बरकरार है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में टीईटी 2011 की मेरिट के आधार
पर प्रदेश भर में 72825 शिक्षकों की भर्ती चल रही है। इसके तहत 43077
युवाओं को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया जा चुका है और दूसरे चरण में 15058
युवाओं का इम्तिहान परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से लिया गया है। उनका
परिणाम जारी होते ही नियुक्तियां दी जाएंगी। इसके बाद भी 14640 पद खाली
पड़े हैं। यह पद भरे जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई और
सुनवाई के दौरान कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान जिलों में तमाम ऐसे
युवा चयनित होने से छूट गए हैं, जिनके अंक कट ऑफ से अधिक थे। इस पर सुप्रीम
कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों की तलाश करके सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से
रिपोर्ट मांगी थी। सचिव ने बाकायदे विज्ञापन जारी कर प्रत्यावेदन मांगे।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सचिव बेसिक
शिक्षा परिषद को 75 हजार प्रत्यावेदन मिले थे, उनमें प्रथम दृष्ट्या जांच
के बाद यह सामने आया कि 12091 अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनके अंक संबंधित जिले के
कट ऑफ से अधिक हैं, इन्हें नियुक्ति दी जा सकती है। परिषद ने इस संबंध में
संबंधित जिलों को पत्र भेजकर जवाब-तलब किया है राज्य सरकार की ओर से शीर्ष
कोर्ट में कहा गया कि इस जांच के लिए समय दिया जाए। यदि यह सही मिलते हैं
तो उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। कोर्ट ने छह सप्ताह का समय दिया है। दूसरी ओर
प्रदेश के महाधिवक्ता ने करीब 1100 शिक्षकों को संविदा पर रखे जाने की बात
कोर्ट को बताई है। यह वही युवा हैं जिन्होंने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम
कोर्ट तक में याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं। इस पर परिषद ने कोई टिप्पणी नहीं
की है, लेकिन नाम न छापने की शर्त पर एक अफसर ने कहा कि जब सभी अर्ह
अभ्यर्थियों को शिक्षक बनाया जा रहा है तब याचिका दायर करने वालों को अलग
से नियुक्ति देने का औचित्य समझ से परे हैं।
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