बदायूं। शासन के आदेश के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग अपनी मनमानी से बाज
नहीं आया। परिणामस्वरूप जिले में अभी भी करीब पौने दो सौ समायोजित शिक्षकों
को वेतन नहीं मिला है। हालांकि विभागीय
अधिकारियों का कहना है कि उनके स्तर से सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर दी गईं हैं।
सत्यापन आते ही वेतन और एरियर का भुगतान कर दिया जाएगा। वहीं 1,250 समायोजित शिक्षकों को जल्द ही पूरा एरियर भी मिल जाएगा।
गौरतलब हो कि प्रदेश में वर्षों से काम कर रहे शिक्षामित्रों को शासन द्वारा सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है।
इन शिक्षकों का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जहां 24 फरवरी को फैसला होना है। प्रदेश शासन पहले ही साफ कर चुका है कि वह शिक्षामित्रों के साथ है। सो उसने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे होने के बाद सभी समायोजित शिक्षकों को 10 फरवरी तक वेतन और एरियर का भुगतान करने के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दे दिए। शासन ने यह भी चेतावनी दे दी थी कि यदि उक्त तिथि तक वेतन-एरियर नहीं मिला तो संबंधित बीएसए और लेखाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शासन के आदेश के बाद विभागीय अधिकारी हरकत में आ गए उन्होंने वेतन और एरियर के भुगतान के लिए समायोजित शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन की कार्रवाई शुरू कर दी। इस कार्य में तेजी आने के बाद भी अभी तक जिले के 177 समायोजित शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है।
मालूम हो कि जिले में पहले बैच में 1,244, दूसरे बैच में 1,664 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया था। शासन पर जो रिपोर्ट पहुंची है, उसके अनुसार बदायूं समेत प्रदेश के 35 जिलों में समायोजित शिक्षकों के वेतन और एरियर का भुगतान नहीं हुआ है। इस पर शिक्षामित्र संगठनों ने भी नाराजगी जताई है। शिक्षामित्र संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि अधिकारियों द्वारा जानबूझकर सत्यपान में देरी की जा रही है। जिसकी वजह से वेतन और एरियर का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
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अधिकारियों का कहना है कि उनके स्तर से सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर दी गईं हैं।
सत्यापन आते ही वेतन और एरियर का भुगतान कर दिया जाएगा। वहीं 1,250 समायोजित शिक्षकों को जल्द ही पूरा एरियर भी मिल जाएगा।
गौरतलब हो कि प्रदेश में वर्षों से काम कर रहे शिक्षामित्रों को शासन द्वारा सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है।
इन शिक्षकों का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जहां 24 फरवरी को फैसला होना है। प्रदेश शासन पहले ही साफ कर चुका है कि वह शिक्षामित्रों के साथ है। सो उसने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे होने के बाद सभी समायोजित शिक्षकों को 10 फरवरी तक वेतन और एरियर का भुगतान करने के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दे दिए। शासन ने यह भी चेतावनी दे दी थी कि यदि उक्त तिथि तक वेतन-एरियर नहीं मिला तो संबंधित बीएसए और लेखाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शासन के आदेश के बाद विभागीय अधिकारी हरकत में आ गए उन्होंने वेतन और एरियर के भुगतान के लिए समायोजित शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन की कार्रवाई शुरू कर दी। इस कार्य में तेजी आने के बाद भी अभी तक जिले के 177 समायोजित शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है।
मालूम हो कि जिले में पहले बैच में 1,244, दूसरे बैच में 1,664 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया था। शासन पर जो रिपोर्ट पहुंची है, उसके अनुसार बदायूं समेत प्रदेश के 35 जिलों में समायोजित शिक्षकों के वेतन और एरियर का भुगतान नहीं हुआ है। इस पर शिक्षामित्र संगठनों ने भी नाराजगी जताई है। शिक्षामित्र संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि अधिकारियों द्वारा जानबूझकर सत्यपान में देरी की जा रही है। जिसकी वजह से वेतन और एरियर का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
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