मनपसंद स्कूलों को अब पड़ेगा छोड़ना , मूल विद्यालयों में ही शिक्षण कार्य करना होगा

स्कूलों में मनपसंद तैनाती कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले शिक्षकों के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। एक जुलाई से उनकी मनमानी नहीं चलेगी। शासन के आदेश पर शिक्षकों को अपने मूल विद्यालयों में ही शिक्षण कार्य करना होगा।
इसके बाद भी वे अपने विद्यालय के बजाय दूसरे विद्यालय में संबद्ध पाया जाता है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अभी जुलाई तक इस आदेश का कितना पालन होता और अधिकारी कितना करवा पाएंगे ये देखने वाली बात होगी।
 बेसिक शिक्षा विभाग में अटैचमेंट का जबरदस्त खेल चलता है। शिक्षक जिन विद्यालयों में तैनात होते हैं वहां जाने के बजाय अपने घर के आस पास या सुविधा के अनुसार विद्यालयों में अटैचमेंट करा लेते हैं। जिन विद्यालयों में अटैचमेंट होता है वहां भी नियमित रूप से नहीं जाते। जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई चौपट होकर रह जाती है। पिछले सालों में निरीक्षण के दौरान कई बार ऐसे मामले में पकड़ में आए जहां छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की तैनाती नहीं है।

कई स्कूल ऐसे हैं जहां संख्या 150 और उससे अधिक हैं वहां केवल तीन शिक्षक पढ़ाते हैं जबकि कई विद्यालयों में छात्र संख्या तीस की है और वहां शिक्षकों की संख्या पांच और उससे अधिक है। जबकि शिक्षा विभाग का ही मानक तीस विद्यार्थियों पर एक शिक्षक का है। लेकिन अटैचमेंट के चलते कहीं पांच छात्राें पर एक शिक्षक है तो दूसरी ओर पचास छात्रों को एक शिक्षक पढ़ा रहा है।

शिक्षा निदेशक बेसिक ने आदेश जारी किया है कि एक जुलाई से सभी शिक्षक जिनका अटैचमेंट दूसरे स्कूलों में है वे अपने मूल विद्यालयों में ही शिक्षण कार्य करेंगे बीएसए कांता प्रसाद ने बताया कि सचिव का आदेश मिलने के बाद शिक्षकों को अपने मूल विद्यालयों में कार्य करने के निर्देश दे दिए गए हैं। जुलाई में अगर कोई मूल विद्यालय के बजाय दूसरे स्कूल में मिलता है तो कार्रवाई की जाएगी।
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