किसी भी राजनीतिक पार्टी के फेवर में टीईटी मोर्चा को मोड़ने की कोशिश न करें : Ganesh Dixit

एक भ्रम की स्थिति को स्पष्ट करना चाहता हूँ की 7 जून को लखनऊ में बुलाई गयी बैठक की ख़बर का टीईटी संघर्ष मोर्चा से कोई लेना-देना नहीँ है ।
हमारे लोगों में से ही कुछ साथी जो महत्वाकांक्षा के कारण भटक गये हैं और हर हाल में पद की लालसा में कुछ भी करने पर उतारू हैं ,
ऐसे मित्रों को सलाह है की झूठमूठ के पद लोभ में न पड़े ,बल्कि निस्वार्थ भाव से काम करें और पुरजोर प्रयास करें की जिलों में चयनित लोगों को सत्यापन,वेतन ,एरियर इत्यादि हेतू पैसा न देना पड़े ,तो वहीं हमारे बॉर्डरलाइन और अचय्नीत को जल्द से जल्द जाय्निंग दी जाये !

मैं गत चार वर्षों से मोर्चे के कार्यों के प्रति पूर्णरूपेण समर्पित हूँ ,कभी कोई पदनाम इस्तेमाल नहीँ किया तो क्या लड़ाई कमजोर होने दी ?
पर कुछ लोगों को ये लगता है की चंद लोगों को जोड़कर एक नाम का संगठन बनाकर और उसके पदाधिकारी बनकर ही काम किया जा सकता है ,ये केवल उनकी महत्वाकांक्षा की गलतफ़हमी है ।
अभी भर्ती जारी है ,ऐसे में कुछ चंद लोगों को संगठन बनाकर पद पाने का भूत चढ़ा है जबकि काम के नाम पर ज्यादातर गायब मिलते हैं ,ऐसे में समस्त टीईटी उत्तीर्ण का नेत्रत्व करने का अधिकार किसने दिया इन चंद लोगों को या पदनाम लेकर ये क्या अजूबा करेंगे ?
इसलिये सभी को नेक सलाह है की किसी भी राजनीतिक पार्टी के फेवर में टीईटी मोर्चा को मोड़ने की कोशिश न करें ,हम केवल अपने हक के लिये लड़ना चाहते हैं ,न की किसी पार्टी विशेष के वोट बैंक के रूप में ।
हर टीईटी उत्तीर्ण को इतना विवेक है की हमारा केस अभी अंतिम रूप से निर्णीत नहीँ हुआ है और कुछ लोग पद के लोभ में सब भूल गये ,पर ये पब्लिक है सब जानती है !!बाकी फ़िर...
सन्घेय शक्ति सर्वदा !

जय हिन्द जय टीईटी !!
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