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फर्जीवाड़ा छुपाने के लिए भेजा अधूरा डाटा

जागरण संवाददाता, बरेली: वित्तविहीन कॉलेजों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यो की नियुक्ति प्रक्रिया का फर्जीवाड़ा छुपाने के लिए शासन को अधूरी रिपोर्ट भेज दी। डीआइओएस ने भी नियुक्ति की परतें खोलने की बजाए सारा डाटा शासन को भेज दिया।
इससे मानदेय की आस लगाए बैठे सैकड़ों शिक्षकों को तगड़ा झटका लगेगा, क्योंकि अधूरी रिपोर्ट पर मानदेय अधर में लटकना तय है। बरेली से करीब दो हजार शिक्षकों की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। अधिकतर कॉलेजों ने शिक्षकों और प्राचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी ही नहीं दी।
वित्तविहीन शिक्षकों की मांग पर सरकार उनको मानदेय देने के लिए तैयार हुई। मानदेय योग्य शिक्षकों को ही मिले इसके लिए कॉलेज प्रशासन से शिक्षकों की नियुक्ति की तमाम जानकारी भी तलब की गई। इसमें नियुक्ति प्रक्रिया नियमानुसार हो और शिक्षक निर्धारित योग्यता पूरी करते हों। डीआइओएस ने जब कॉलेजों से डाटा तलब किया तो अधिकतर कॉलेज टालमटोल करते रहे। बाद में अधूरा डाटा भेजा। जिले में करीब पौने चार सौ वित्तविहीन कॉलेज हैं। करीब दो हजार शिक्षकों का डाटा शासन को भेजा गया। इस डाटा में शिक्षकों की बाकी डिटेल तो दी लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी नहीं दी। जानकारी के मुताबिक अधिकतर कॉलेजों ने मनमाने तरीके से नियुक्ति की। न विज्ञापन निकाला और न ही एक्सपर्ट के पैनल ने इंटरव्यू लिए। ऐसे तमाम शिक्षक हैं, जो कॉलेज प्रबंधन के रहमोकरम से नियुक्त हुए। ऐसे शिक्षकों का मानदेय अधर में लटक सकता है।
करीब दो हजार शिक्षकों का डाटा भेजा है। अधिकतर ने नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी नहीं दी। सारा डाटा शासन को भेज दिया है। शासन ने पहले ही गाइड लाइन जारी की थी कि जिनकी नियमानुसार नियुक्ति होगी उनको ही मानदेय मिलेगा।

-गजेंद्र कुमार, डीआइओएस
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