अवशेष शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट से समायोजन वैध ठहराया जाने तक सम्भव नहीं : शिक्षा निदेशक

अवशेष शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट से समायोजन वैध ठहराया जाने तक सम्भव नहीं: शिक्षा निदेशक इस लेटर को ध्यान से पढ़ें! गये थे समायोजन की मांग करने ! और मिला क्या??? लेटर में कुछ अंश यदि मा.सवोर्च्च न्यायालय द्वारा मा उच्च न्यायालय के आदेशों को निरस्त करते हुए शिक्षा मित्रो के
समायोजन की निति वैध पायी जाती है तो अवशेष लगभग 14000 प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके शिक्षा मित्रो का समायोजन पदों की अनुपलब्धता के कारण बाधित होने की संभावना नहीं है! क्या मित्रो यही लेने गये थे??

क्या इसी को उपलब्धि समझ कर उछलने लगे थे??? क्या इस पत्र को बिना पढ़े स्वीकार कर लिये!

इस पत्र के हिसाब से शिक्षा मित्र समायोजन की मांग करने गये थे और थमा दिया गया समायोजन न करने का लेटर (जबतक सुप्रीम कोर्ट से समायोजन वैध ठहराया नहीं जाता मतलब मुकदमा फाइनल डिस्पोज तक)

(1) मित्रो एक बात कह देते हैं बुरी लगे तो लगे हर जगह उत्तेजना में गलती दर गलती कर रहे हैं!
1000 हजार रुपये पर असमायोजित से लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल किये क्या हासिल हुआ!

और कितना पैसा खर्च कर दिए कुल आठ लोग ही याची है!

(2) दो बार धरना दिये और निदेशक बेसिक शिक्षा डी बी शर्मा जी से वार्ता किये सुबह न्यूज पेपर में आता है कि 26000का समायोजन होने पर सहमति बनी क्या इस फर्जी न्यूज व फर्जी समझौते की जिम्मेदारी कौन ले रहा है?
(3)कल कुछ लोगों के दृारा निदेशालय के घेराव कर जो उपलब्धियां प्राप्त की है उस लेटर को ध्यान से पाँच बार पढ लें फिर भी कुछ पढ़े लिखे मूर्खो के दृारा इसका सही अर्थ न बता कर अवशेष को सीट रिजर्व पर गुमराह कर रहे हैं! धन्य है एैसे लोग जिन्हें लेटर पढ़ने तक नहीं आता ईश्वर एैसे लोगो को सदबुद्धि दे की की लड़ाई आगे से सकारात्मक हो फर्जी न हो।

कुछ लोगों के दृारा हमारे व संगठन के पदाधिकारीयो के उपर जो पैसे का आरोप लगाये इतना जरूर समझ लें कि समायोजन के लिए 100बार कहने के बाद हम सुप्रीम कोर्ट से ओपिनियन तैयार कराये यह फ्री में नहीं बना है फीस दिया गया है और उसी ओपिनियन के बल पर आज फाइल तैयार हुआ जो आज समायोजन का माँग करने लायक बने,! यह कदम आप लोगों के भविष्य के लिए उठाया गया था न की 6लाख रूपये के लिए फिर भी कुछ ना समझो ने जो आरोप लगाए वे जरा अपने गिरेबान में झांके की रिट डालने याची बनाने के नाम पर एक एक हजार रुपया लिए और उससे कुछ भी नहीं मिला और मिला भी तो नुकसान ही!लेकिन यह सब के सब पतिव्रता बन गये हैं समय पर सभी पतिव्रता का भी कर्म को सामने लाया जाएगा!
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