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आगरा में भी बिहार जैसा हाल , उत्तर की जगह खामोशी

देश के भविष्य को संवारने का सपना और इंटरव्यू में सवालों पर चुप्पी। चुप्पी भी उन सवालों पर जिनके ज्ञान के दम पर शिक्षक बनने की दौड़ में शामिल हो पाए। आगरा के ये भावी शिक्षक शिक्षा माफिया के दम पर बने बिहार टॉपर्स की तरह ही गच्चा खा गए।
हालांक अंतर ये है उनके खिलाफ कार्रवाई हुई और यहां सवालों के गलत जवाब देने से नौकरी पर मिलने की राह में कोई रोड़ा नहीं है क्योंकि नौकरी का पैमाना ज्ञान नहीं बल्कि मार्कशीट पर लिखे नंबर हैं।
कुछ यही हाल था गुरुवार को जनपद कस्तूरबा गांधी बालिका अवासीय विद्यालय कस्तूरबा गांधी बालिका अवासीय विद्यालय में शिक्षक भर्ती के लिए हुए इंटरव्यू का। केजीबीवी में पूर्णकालिक और अंशकालिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। जनपद के विभिन्न विद्यालयों में रिक्त पदों के लिए गुरुवार को काउंसलिंग हुई। इस दौरान नियुक्ति समिति के सदस्यों ने आवेदकों की मार्कशीट देखकर उनके ज्ञान का आंकलन करने की कोशिश की, तो हालात चौंकाने वाले थे। मार्कशीट पर दर्ज 75 प्रतिशत अंक के बाद भी अभ्यर्थी उसी विषय के सामान्य सवालों के जवाब देने में सफल नहीं हो पा रहे थे। कई बार स्थिति कुछ ऐसी बन गई कि नियुक्ति समिति के सदस्यों को अपना सिर पकड़ना पड़ा। विभिन्न पदों के लिए हुई काउंसलिंग में 38 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया।

बोले बीएसए
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र सक्सेना ने बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका अवासीय विद्यालय में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। गुरुवार को वार्डन और शैक्षिक पदों के लिए काउंसलिंग हुई। नियुक्ति मेरिट के आधार पर होगी।
हाल-ए-ज्ञान
केस-2
साक्षात्कारकर्ता : किस विषय में पढ़ाई की है।
अभ्यर्थी : जी सर संस्कृत में एमए।
साक्षात्कारकर्ता : नदी के रूप बताएं।
अभ्यर्थी : उत्तर की जगह मौन।
हाल-ए-ज्ञान

केस-3
साक्षात्कारकर्ता : किस विषय में पढ़ाई की है।
अभ्यर्थी : जीव विज्ञान में।
साक्षात्कारकर्ता : सजीव और निर्जीव के बीच की कड़ी बताएं।
अभ्यर्थी : उत्तर की जगह खामोशी।
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