यदि राज्य सरकार कोर्ट का आदेश पालन नहीं कर पा रही है तो उसे कोर्ट को इसका वास्तविक कारण बताना होगा. राज्य का हलफनामा यही होगा कि सीट नहीं है. इसलिए 05.10.2016 को रिक्त पदों के जो भी सही प्रामाणिक सबूत हैं वो कोर्ट में रखना होगा.
साथ ही शिक्षामित्र समायोजन ना हों पाने से खाली लगभग 48000 सीटों पे बीएड समायोजन की मांग के लिए 23.11.2016 को वकील करना होगा (टेट डिग्री की वैधता खत्म होने से पहले).
=========
24.08.2016 का आदेश हिन्दी में:
वकीलों को सुनने के बाद कोर्ट निम्नलिखित आदेश पारित करती है।
एसएलपी और रिट याचिकाएँ जो कि शिक्षामित्रों के शिकायत से संबंधित है 23.11.2016 को सूचीबद्ध हों।
यदि कोई ऐसा आदेश जारी किया जा चुका है जिसमें राज्य सरकार को कोई भी हलफनामा दायर करने को कहा गया है तो राज्य को अब से चार सप्ताह के भीतर ऐसा करना होगा।
यह कहना अनावश्यक है कि, अन्य सभीं पार्टियाँ भी अपने हलफनामे दाखिल करने के लिये हकदार/अधिकृत हैं। (अर्थात् अन्य पार्टियाँ भी अपने हलफनामे दाखिल कर सकती हैं)।
इस कोर्ट ने 07.12.2015 और 24.02.2016 को कुछ अन्तरिम आदेश पारित किये थे।
पेटिशनरों के विद्वान् अधिवक्ता, जो दिये गए आदेशों से लाभग्राही (लाभार्थी) हैं, यह शिकायत की है कि इस कोर्ट द्वारा जारी आदेशों का अब तक राज्य द्वारा अनुपालन नहीं किया गया है।
सीनियर अधिवक्ता मिस्टर दिनेश द्विवेदी सक्षम अधिकारी का एक हलफनामा दाखिल करें, संबंधित विभाग के सचिव को वरीयता देते हुए, कि वे किस प्रकार उनका पालन करने जा रहे हैं या उनका पालन करने में क्या कोई वास्तविक कठिनाई है।
(--अर्थात् यह हलफनामा किसी भी सक्षम अधिकारी का हो सकता है, लेकिन कोर्ट चाहती है कि विभाग के सचिव का हलफनामा हो तो बेहतर है। इस हलफनामा में यह बताना है कि 07.12.2015 और 24.02.2016 को दिये गए आदेशों का पालन किस प्रकार किया जाएगा और या फिर इन आदेशों का पालन करने में वास्तविक कठिनाई क्या है)।
यह स्पष्ट किया जाता है कि राज्य के पक्ष (नया विज्ञापन बनाम पुराना विज्ञापन) से केवल अन्तिम सुनवाई के समय वाकिफ हुआ जाएगा।
यह निर्दिष्ट है कि, सुनवाई के दौरान् हमने पाया कि समान राहत माॅंगने के लिये बहुत सारी आई0ए0 दाखिल की गई हैं।
वादियों की तरफ से प्रस्तुत विद्धान अधिवक्ताओं में से कुछ ने दाखिल किया है कि जो पहले के आदेशों में विचार हुआ था, मुख्य रूप से 24.02.2016 के आदेश में, वह मामला मेरिट पर सुना जाना चाहिये।
हम शिक्षामित्रों से सम्बद्ध रिट पिटिशनों और एस.एल.पी. को पहले ही 23.11.2016 के लिये स्थगित कर चुके हैं।
पूर्वकथन को ध्यान में रखते हुए यह मामला 5.10.2016 को सूचीबद्ध किया जाय। मामला बोर्ड में पहले केस के रूप में उठाया जाना चाहिये।
जब मामला अन्तिम सुनवाई के लिये उठाया जाएगा, तो सभीं वस्तु-स्थिति रिपोर्टों पर विचार किया जाएगा।
रिट पिटिशन 102/2016 की एक काँपी मि0 दिनेश द्विवेदी को दिया जाय जो कि राज्य के विद्वान वकील मि0 अभिषेक कुमार, के साथ हैं, जिससे वे इस मामले में निर्देशों को प्राप्त कर सकें। राज्य द्वारा दाखिल की गई सिविल अपील 4347-4375/2014 सुना जाएगा। रजिस्ट्रार के दफतर को मामले को तय तिथि 05.10.2016 के अनुसार सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है।
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24.08.2016 ORDER
UPON hearing the counsel the Court made the following ORDER.
वकीलों को सुनने के बाद कोर्ट निम्नलिखित आदेश पारित करती है।
The special leave petitions and writ petitions which relate to the grievance of Shiksha Mitras be listed on 23.011.2016.
{*grievance= Something that you think is unfair and that you want to complain or protest about)}
एसएलपी और रिट याचिकाएँ जो कि शिक्षामित्रों के शिकायत से संबंधित है 23.11.2016 को सूचीबद्ध हों।
If any order has been passed requiring the State to file any affidavit, the State shall do so within four weeks hence.
(*Require= To official demand or order sth.)
यदि कोई ऐसा आदेश जारी किया जा चुका है जिसमें राज्य सरकार को कोई भी हलफनामा दायर करने को कहा गया है तो राज्य को अब से चार सप्ताह के भीतर ऐसा करना होगा।
Needless to say, all other contesting parties are entitled to file their affidavits.
यह कहना अनावश्यक है कि, अन्य सभीं पार्टियाँ भी अपने हलफनामे दाखिल करने के लिये हकदार/अधिकृत हैं। (अर्थात् अन्य पार्टियाँ भी अपने हलफनामे दाखिल कर सकती हैं)।
This Court on 7.12.2016 and 24.2.2016 had passed certain interim orders.
इस कोर्ट ने 07.12.2015 और 24.02.2016 को कुछ अन्तरिम आदेश पारित किये थे।
Learned counsel for the petitioners, who are the beneficiaries of the said orders, have raised the grievance that the orders passed by this Court have not yet been complied with by the State.
पेटिशनरों के विद्वान् अधिवक्ता, जो दिये गए आदेशों से लाभग्राही (लाभार्थी) हैं, यह शिकायत की है कि इस कोर्ट द्वारा जारी आदेशों का अब तक राज्य द्वारा अनुपालन नहीं किया गया है।
Mr. Dinesh Dwivedi, learned senior counsel shall file an affidavit of the competent authority, preferably the Secretary of the Department concerned, how they are going to comply with them or is there any real difficulty in complying with them.
सीनियर अधिवक्ता मिस्टर दिनेश द्विवेदी सक्षम अधिकारी का एक हलफनामा दाखिल करें, संबंधित विभाग के सचिव को वरीयता देते हुए, कि वे किस प्रकार उनका पालन करने जा रहे हैं या उनका पालन करने में क्या कोई वास्तविक कठिनाई है।
(--अर्थात् यह हलफनामा किसी भी सक्षम अधिकारी का हो सकता है, लेकिन कोर्ट चाहती है कि विभाग के सचिव का हलफनामा हो तो बेहतर है। इस हलफनामा में यह बताना है कि 07.12.2015 और 24.02.2016 को दिये गए आदेशों का पालन किस प्रकार किया जाएगा और या फिर इन आदेशों का पालन करने में वास्तविक कठिनाई क्या है)।
Be it clarified, the stand of the State shall be addressed only at the time of final hearing.
यह स्पष्ट किया जाता है कि राज्य के पक्ष (नया विज्ञापन बनाम पुराना विज्ञापन) से केवल अन्तिम सुनवाई के समय वाकिफ हुआ जाएगा।
(Here, Stand= to stay on a decision same as before, without being changed)
Be it stated, in course of hearing we have found that a series of Interlocutory Applications seeking similar reliefs have been filed.
यह निर्दिष्ट है कि, सुनवाई के दौरान् हमने पाया कि समान राहत माॅंगने के लिये बहुत सारी आई0ए0 दाखिल की गई हैं।
Some of the learned counsel appearing for the parties submitted that regard being had to the earlier orders, especially order dated 24.2.2016, the matter shall be heard on merits.
वादियों की तरफ से प्रस्तुत विद्धान अधिवक्ताओं में से कुछ ने दाखिल किया है कि जो पहले के आदेशों में विचार हुआ था, मुख्य रूप से 24.02.2016 के आदेश में, वह मामला मेरिट पर सुना जाना चाहिये।
We have already adjourned the special leave petitions and writ petitions pertaining to Shiksha Mitras to 23.11.2016.
हम शिक्षामित्रों से सम्बद्ध रिट पिटिशनों और एस.एल.पी. को पहले ही 23.11.2016 के लिये स्थगित कर चुके हैं।
In our CA Nos. 4347-4375/2014 21 considered opinion, this batch of matters should be heard earlier than that.
In view of the aforesaid, let the matters be listed on 5.10.2016. The matter shall be taken up as the first case on the Board.
पूर्वकथन को ध्यान में रखते हुए यह मामला 5.10.2016 को सूचीबद्ध किया जाय। मामला बोर्ड में पहले केस के रूप में उठाया जाना चाहिये।
When the matter shall be taken up for final hearing, all status reports shall be taken into consideration.
जब मामला अन्तिम सुनवाई के लिये उठाया जाएगा, तो सभीं वस्तु-स्थिति रिपोर्टों पर विचार किया जाएगा।
Let a copy of Writ Petition No.102 of 2016 be served on Mr. Dinesh Dwivedi, being assisted by Mr. Abhisht Kumar, learned counsel for the State so that he will be in a position to obtain instructions in the matter. Civil Appeal Nos.4347-4375 of 2014 filed by the State shall be heard. Registry is directed to list the matters accordingly on the date fixed, that is, 05.10.2016.
रिट पिटिशन 102/2016 की एक काँपी मि0 दिनेश द्विवेदी को दिया जाय जो कि राज्य के विद्वान वकील मि0 अभिषेक कुमार, के साथ हैं, जिससे वे इस मामले में निर्देशों को प्राप्त कर सकें। राज्य द्वारा दाखिल की गई सिविल अपील 4347-4375/2014 सुना जाएगा। रजिस्ट्रार के दफतर को मामले को तय तिथि 05.10.2016 के अनुसार सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है।
(Gulshan Kumar Arora) (H.S. Parasher) Court Master
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साथ ही शिक्षामित्र समायोजन ना हों पाने से खाली लगभग 48000 सीटों पे बीएड समायोजन की मांग के लिए 23.11.2016 को वकील करना होगा (टेट डिग्री की वैधता खत्म होने से पहले).
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24.08.2016 का आदेश हिन्दी में:
वकीलों को सुनने के बाद कोर्ट निम्नलिखित आदेश पारित करती है।
एसएलपी और रिट याचिकाएँ जो कि शिक्षामित्रों के शिकायत से संबंधित है 23.11.2016 को सूचीबद्ध हों।
यदि कोई ऐसा आदेश जारी किया जा चुका है जिसमें राज्य सरकार को कोई भी हलफनामा दायर करने को कहा गया है तो राज्य को अब से चार सप्ताह के भीतर ऐसा करना होगा।
यह कहना अनावश्यक है कि, अन्य सभीं पार्टियाँ भी अपने हलफनामे दाखिल करने के लिये हकदार/अधिकृत हैं। (अर्थात् अन्य पार्टियाँ भी अपने हलफनामे दाखिल कर सकती हैं)।
इस कोर्ट ने 07.12.2015 और 24.02.2016 को कुछ अन्तरिम आदेश पारित किये थे।
पेटिशनरों के विद्वान् अधिवक्ता, जो दिये गए आदेशों से लाभग्राही (लाभार्थी) हैं, यह शिकायत की है कि इस कोर्ट द्वारा जारी आदेशों का अब तक राज्य द्वारा अनुपालन नहीं किया गया है।
सीनियर अधिवक्ता मिस्टर दिनेश द्विवेदी सक्षम अधिकारी का एक हलफनामा दाखिल करें, संबंधित विभाग के सचिव को वरीयता देते हुए, कि वे किस प्रकार उनका पालन करने जा रहे हैं या उनका पालन करने में क्या कोई वास्तविक कठिनाई है।
(--अर्थात् यह हलफनामा किसी भी सक्षम अधिकारी का हो सकता है, लेकिन कोर्ट चाहती है कि विभाग के सचिव का हलफनामा हो तो बेहतर है। इस हलफनामा में यह बताना है कि 07.12.2015 और 24.02.2016 को दिये गए आदेशों का पालन किस प्रकार किया जाएगा और या फिर इन आदेशों का पालन करने में वास्तविक कठिनाई क्या है)।
यह स्पष्ट किया जाता है कि राज्य के पक्ष (नया विज्ञापन बनाम पुराना विज्ञापन) से केवल अन्तिम सुनवाई के समय वाकिफ हुआ जाएगा।
यह निर्दिष्ट है कि, सुनवाई के दौरान् हमने पाया कि समान राहत माॅंगने के लिये बहुत सारी आई0ए0 दाखिल की गई हैं।
वादियों की तरफ से प्रस्तुत विद्धान अधिवक्ताओं में से कुछ ने दाखिल किया है कि जो पहले के आदेशों में विचार हुआ था, मुख्य रूप से 24.02.2016 के आदेश में, वह मामला मेरिट पर सुना जाना चाहिये।
हम शिक्षामित्रों से सम्बद्ध रिट पिटिशनों और एस.एल.पी. को पहले ही 23.11.2016 के लिये स्थगित कर चुके हैं।
पूर्वकथन को ध्यान में रखते हुए यह मामला 5.10.2016 को सूचीबद्ध किया जाय। मामला बोर्ड में पहले केस के रूप में उठाया जाना चाहिये।
जब मामला अन्तिम सुनवाई के लिये उठाया जाएगा, तो सभीं वस्तु-स्थिति रिपोर्टों पर विचार किया जाएगा।
रिट पिटिशन 102/2016 की एक काँपी मि0 दिनेश द्विवेदी को दिया जाय जो कि राज्य के विद्वान वकील मि0 अभिषेक कुमार, के साथ हैं, जिससे वे इस मामले में निर्देशों को प्राप्त कर सकें। राज्य द्वारा दाखिल की गई सिविल अपील 4347-4375/2014 सुना जाएगा। रजिस्ट्रार के दफतर को मामले को तय तिथि 05.10.2016 के अनुसार सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है।
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24.08.2016 ORDER
UPON hearing the counsel the Court made the following ORDER.
वकीलों को सुनने के बाद कोर्ट निम्नलिखित आदेश पारित करती है।
The special leave petitions and writ petitions which relate to the grievance of Shiksha Mitras be listed on 23.011.2016.
{*grievance= Something that you think is unfair and that you want to complain or protest about)}
एसएलपी और रिट याचिकाएँ जो कि शिक्षामित्रों के शिकायत से संबंधित है 23.11.2016 को सूचीबद्ध हों।
If any order has been passed requiring the State to file any affidavit, the State shall do so within four weeks hence.
(*Require= To official demand or order sth.)
यदि कोई ऐसा आदेश जारी किया जा चुका है जिसमें राज्य सरकार को कोई भी हलफनामा दायर करने को कहा गया है तो राज्य को अब से चार सप्ताह के भीतर ऐसा करना होगा।
Needless to say, all other contesting parties are entitled to file their affidavits.
यह कहना अनावश्यक है कि, अन्य सभीं पार्टियाँ भी अपने हलफनामे दाखिल करने के लिये हकदार/अधिकृत हैं। (अर्थात् अन्य पार्टियाँ भी अपने हलफनामे दाखिल कर सकती हैं)।
This Court on 7.12.2016 and 24.2.2016 had passed certain interim orders.
इस कोर्ट ने 07.12.2015 और 24.02.2016 को कुछ अन्तरिम आदेश पारित किये थे।
Learned counsel for the petitioners, who are the beneficiaries of the said orders, have raised the grievance that the orders passed by this Court have not yet been complied with by the State.
पेटिशनरों के विद्वान् अधिवक्ता, जो दिये गए आदेशों से लाभग्राही (लाभार्थी) हैं, यह शिकायत की है कि इस कोर्ट द्वारा जारी आदेशों का अब तक राज्य द्वारा अनुपालन नहीं किया गया है।
Mr. Dinesh Dwivedi, learned senior counsel shall file an affidavit of the competent authority, preferably the Secretary of the Department concerned, how they are going to comply with them or is there any real difficulty in complying with them.
सीनियर अधिवक्ता मिस्टर दिनेश द्विवेदी सक्षम अधिकारी का एक हलफनामा दाखिल करें, संबंधित विभाग के सचिव को वरीयता देते हुए, कि वे किस प्रकार उनका पालन करने जा रहे हैं या उनका पालन करने में क्या कोई वास्तविक कठिनाई है।
(--अर्थात् यह हलफनामा किसी भी सक्षम अधिकारी का हो सकता है, लेकिन कोर्ट चाहती है कि विभाग के सचिव का हलफनामा हो तो बेहतर है। इस हलफनामा में यह बताना है कि 07.12.2015 और 24.02.2016 को दिये गए आदेशों का पालन किस प्रकार किया जाएगा और या फिर इन आदेशों का पालन करने में वास्तविक कठिनाई क्या है)।
Be it clarified, the stand of the State shall be addressed only at the time of final hearing.
यह स्पष्ट किया जाता है कि राज्य के पक्ष (नया विज्ञापन बनाम पुराना विज्ञापन) से केवल अन्तिम सुनवाई के समय वाकिफ हुआ जाएगा।
(Here, Stand= to stay on a decision same as before, without being changed)
Be it stated, in course of hearing we have found that a series of Interlocutory Applications seeking similar reliefs have been filed.
यह निर्दिष्ट है कि, सुनवाई के दौरान् हमने पाया कि समान राहत माॅंगने के लिये बहुत सारी आई0ए0 दाखिल की गई हैं।
Some of the learned counsel appearing for the parties submitted that regard being had to the earlier orders, especially order dated 24.2.2016, the matter shall be heard on merits.
वादियों की तरफ से प्रस्तुत विद्धान अधिवक्ताओं में से कुछ ने दाखिल किया है कि जो पहले के आदेशों में विचार हुआ था, मुख्य रूप से 24.02.2016 के आदेश में, वह मामला मेरिट पर सुना जाना चाहिये।
We have already adjourned the special leave petitions and writ petitions pertaining to Shiksha Mitras to 23.11.2016.
हम शिक्षामित्रों से सम्बद्ध रिट पिटिशनों और एस.एल.पी. को पहले ही 23.11.2016 के लिये स्थगित कर चुके हैं।
In our CA Nos. 4347-4375/2014 21 considered opinion, this batch of matters should be heard earlier than that.
In view of the aforesaid, let the matters be listed on 5.10.2016. The matter shall be taken up as the first case on the Board.
पूर्वकथन को ध्यान में रखते हुए यह मामला 5.10.2016 को सूचीबद्ध किया जाय। मामला बोर्ड में पहले केस के रूप में उठाया जाना चाहिये।
When the matter shall be taken up for final hearing, all status reports shall be taken into consideration.
जब मामला अन्तिम सुनवाई के लिये उठाया जाएगा, तो सभीं वस्तु-स्थिति रिपोर्टों पर विचार किया जाएगा।
Let a copy of Writ Petition No.102 of 2016 be served on Mr. Dinesh Dwivedi, being assisted by Mr. Abhisht Kumar, learned counsel for the State so that he will be in a position to obtain instructions in the matter. Civil Appeal Nos.4347-4375 of 2014 filed by the State shall be heard. Registry is directed to list the matters accordingly on the date fixed, that is, 05.10.2016.
रिट पिटिशन 102/2016 की एक काँपी मि0 दिनेश द्विवेदी को दिया जाय जो कि राज्य के विद्वान वकील मि0 अभिषेक कुमार, के साथ हैं, जिससे वे इस मामले में निर्देशों को प्राप्त कर सकें। राज्य द्वारा दाखिल की गई सिविल अपील 4347-4375/2014 सुना जाएगा। रजिस्ट्रार के दफतर को मामले को तय तिथि 05.10.2016 के अनुसार सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है।
(Gulshan Kumar Arora) (H.S. Parasher) Court Master
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