भारत को एक पेंशन युक्‍त और एक बीमा युक्‍त समाज बनाना चाहते हैं : अरुण जेटली

एलआईसी ने सभी पात्र पॉलिसियों पर विशेष हीरक जयंती बोनस की घोषणा की
केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने भारत को एक पेंशन युक्‍त और एक बीमा युक्‍त समाज बनाने के लिए आज देश में सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

आज मुंबई में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के हीरक जयंती समारोह में श्री जेटली ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के मापदंडों में अभी काफी सुधार किया जाना है। उन्होंने कहा, ‘जब हम एक विकासशील समाज से एक विकसित समाज की दिशा में ठोस कदम रख रहे हैं, तो भारत के समक्ष मुख्‍य चुनौती यह है कि व्‍यक्तिगत संकट की स्थिति में देश अपने नागरिकों की कितनी अच्‍छी तरह से देखभाल कर सकता है।’
मंत्री महोदय ने इस बात पर अफसोस जताया कि हम पर्याप्‍त सामाजिक सुरक्षा की अहमियत को अब तक पूरी तरह से परिपूर्ण नहीं कर पाए हैं। उन्‍होंने कहा कि एक पेंशन युक्‍त समाज सृजित करने के उद्देश्‍य से बजट में रखे गए एक प्रस्‍ताव को कर्मचारी संगठनों द्वारा एक स्‍वर से किए गए विरोध के कारण वापस लेना पड़ा था। उन्‍होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के मूल्‍य को अब तक पूरी तरह से प्राप्‍त नहीं किया जा सका है। उन्‍होंने कहा कि यह विरोध धीरे-धीरे समाप्‍त हो जाएगा।
श्री जेटली ने कम लागत वाले जीवन बीमा, कम प्रीमियम वाली दुर्घटना बीमा पॉलिसियों, किसानों के हितों की रक्षा के लिए फसल बीमा योजना, गरीबों एवं वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना की अहमियत पर विशेष जोर दिया और इन्‍हें सामाजिक सुरक्षा का आवश्‍यक साधन करार दिया।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम अर्थात एलआईसी अपने बेजोड़ शाखा नेटवर्क और देश भर में अपनी व्‍यापक पहुंच की बदौलत सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाने के लिहाज से सर्वाधिक उपयुक्‍त है। उन्‍होंने कहा, ‘जैसे-जैसे अर्थव्‍यवस्‍था का और विस्‍तार होगा, वैसे-वैसे बीमा के दायरे को और ज्‍यादा बढ़ाने तथा इसके व्‍यापक विस्‍तारीकरण की जरूरत महसूस होगी। एलआईसी एवं अन्‍य कंपनियों की न केवल और ज्‍यादा प्रासंगिकता रहेगी, बल्कि उनका कारोबार भी और ज्‍यादा विस्‍तार होगा।’
श्री अरुण जेटली ने प्रतिस्‍पर्धी माहौल में भी अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखने के लिए एलआईसी की सराहना की। उन्‍होंने कहा, ‘प्रतिस्‍पर्धी माहौल में हमेशा निजी क्षेत्र ही फलता-फूलता है, क्‍योंकि यह नौकरशाही के नियंत्रणों से मुक्‍त रहता है और बाजार केंद्रित निर्णय ले सकता है, जबकि सरकारी संस्‍थान विभिन्‍न प्रक्रियाओं एवं नियमन से बंधे रहते हैं। हालांकि, एकाधिकारवादी माहौल में अपना व्‍यवसाय शुरू करने वाली एलआईसी एक ऐसी सरकारी संस्‍था का एक शानदार उदाहरण हैं जो प्रतिस्‍पर्धा का मुस्‍तैदी से सामना कर रही है।’
वित्‍त मंत्री ने कहा कि यदि एलआईसी एक सूचीबद्ध कंपनी बन जाए तो यह भारत की सबसे मूल्‍यवान कंपनी बन जाएगी और दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में इसकी गिनती होगी। उन्‍होंने कहा कि विभिन्‍न परियोजनाओं के वित्‍त पोषण में एलआईसी अपनी विशाल धनराशि का उपयोग जिस कुशलता के साथ करती है उससे वह भारत की विकास गाथा में एक महत्‍वपूर्ण खिला‍ड़ी बन गई है।
एलआईसी ने अपने हीरक जयंती समारोह के अवसर पर समस्‍त पात्र जीवन बीमा पॉलिसियों पर एक विशेष हीरक जयंती बोनस देने की घोषणा की। कंपनी ने इस अवसर पर एक नई एलआईसी डायमंड बीमा पॉलिसी का भी शुभारंभ किया।
इस अवसर पर केंद्रीय वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, वित्‍त सचिव सुश्री अंजुली चिब दुग्‍गल, एलआईसी के चेयरमैन श्री एस के रॉय, प्रबंध निदेशक सुश्री उषा सांगवान और श्री वी के शर्मा भी मौजूद थे।
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