टीईटी उत्तीर्ण नियुक्ति पाए या याचिकाओं में शामिल समस्त याचियों के लिये 5 अक्टूबर का निर्णय बहुत ही महत्वपूर्ण : गणेश दीक्षित

पिछली पोस्ट में मैंने शैक्षिक गुणवत्ता क्रांति युग के शुरुआत होने की चर्चा की थी । निःसंदेह इस शैक्षिक गुणवत्ता क्रांति युग का सूत्रपात करने का श्रेय टीईटी संघर्ष मोर्चा को रहा है । हम और आप साक्षी होंगे इस बदलाव के, इस समय के ।
सर्वे बता रहे हैं की जबसे टीईटी उत्तीर्ण विद्यालय में पहुँचे हैं तब से बेसिक शिक्षा में नवीन जोश दिखाई देने लगा है , बेसिक स्कूलों की रंगत बदल रही है ,ये आगाज है की अब नक़लचियों व माफियाओं का शिक्षा विभाग विभाग में कोई काम नहीँ ।
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अब परीक्षा के द्वारा ही योग्यता का निर्धारण होगा और हर भर्ती परीक्षा से ही भरी जायेगी । नक़लयुग का अंत हो चुका है और अब नकलचीयों के द्वारा एनकेन प्रकारेण प्राप्त अंकपत्र व डीग्रीयां केवल चने खाने के काम आयेँगी ।
पर अभी लड़ाई बदस्तूर जारी है , उत्तर प्रदेश की हठधर्मि सरकार अपनी कारगुजारियों से बाज नहीँ आ रही है और लगातार नक़लचियों को कानून और संविधान के विपरीत जाकर नियुक्ति दे रही है तो वहीँ याचीओं को नियुक्ति हेतू सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भटकने को मजबूर करने पर तुली हुई है ।
मित्रों , जिन 862 याचीयों को सरकार ने नियुक्ति दी है उनके लिये आदेश करने से पहले जस्टीस दीपक मिश्रा ने स्टेट के एडवोकेट जनरल से इसकी सहमति ले ली थी ,जो लोग मेरे साथ उसदिन कोर्ट में थे वो जानते होंगे कि जज साहब ने स्टेट के एडवोकेट जनरल के हलफनामे के बाद ही आदेश किया था ।

जिन 862 को नियुक्ति मिल चुकी हैं उनमें टीईटी में 83 व 90 अंक पाने वाले भी हैं , इसलिये इससे अधिक अंक वालों को नियुक्ति का नैसर्गिक अधिकार है , जो उन्हें मिलेगा । थोड़ी भी कानूनी तर्कशक्ति रखनेवाले लोग मेरी बात को भलीभाँति समझ पा रहे होंगे ।

प्रदेश सरकार भी पशोपेश में है , चूँकि टीईटी 2011 के अभ्यर्थीयों को सरकार अपना दुश्मन सा मानती है और इनके नियुक्तिआदेश को बर्दाश्त नहीँ कर पा रही है और खाली पदों को भरा हुआ दिखाने के लिये इलाहाबाद हाइकोर्ट कि तीन सदस्यीय बेंच के टीईटी वेट्ज सम्बन्धी स्पष्ट आदेश कि अवहेलना करते हुये प्राथमिक शिक्षा में शिक्षामित्रों , 29000 विज्ञान/ गणित ,15000 btc ,16000btc , 2008 btc के 13 अगस्त 2010 के बाद बिना टीईटी नियुक्ति पाये कुलमिलाकर लगभग दो लाख से अधिक गैरकानूनी नियुक्तियों को करके इन अवैध शिक्षकों को वेतन देकर जहाँ प्रदेश का खजाना लुटा रही है तो वहीँ अवैध रूप से अयोग्य लोगों को शिक्षक जैसा अतिमहत्वपूर्ण पद देकर देश के कर्णधारों व नौनिहालों के साथ छल कर रही है और टीईटी उत्तीर्ण योग्य और विधिसम्मत पात्र लोगों को नियुक्ति न देकर भटका रही है ।

एक बार पुनः दोहराउँगा कि जज साहब को स्टेट के एडवोकेट जनरल खाली पदों को भरने कि सहमति दे चुके हैं इसी पर जज साहब ने 862 को नियुक्ति दिलवाई ।

24 अगस्त को अन्य याचिकाओं में नियुक्ति के आदेश करने के बाद छुटभैये वकीलों कि अशालीनता और हुडदंग के कारण बाद में कटवा दिया ।

पर अब आगे इसकी पुनरावृति न हो इसलिये सभी पात्र और योग्य लोगों का एकमंच पर आना बहुत ज़रूरी है जिससे हमारे दर्द को जज साहब तक पहुँचाने कि क्षमता रखने वाले एक वरिष्ठ अधिवक्ता को हायर किया जा सके ।

इस हेतू आगामी 13 सितम्बर को केशरबाग ,लखनऊ के राय ऊमानाथ प्रेक्षागृह में सुबह 10 बजे एक मीटिंग का आह्वान किया जिसमें सभी लोगों से पहुँचने कि अपील करता हूँ ।
सभी आपसी मतभेदों को भुलाकर ,खुलेदिल से मीटिंग में प्रतिभाग करके 5 अक्टूबर कि सुनवाई हेतू रणनीति बनाने में सहयोग करें ,सभी का स्वागत है ।
टीईटी उत्तीर्ण नियुक्ति पाये या याचीकाओं में शामिल समस्त याचीयों के लिये 5 अक्टूबर का निर्णय बहुत ही महत्वपूर्ण होगा ।इसलिये हमें अपनी पूरी शक्ति और कौशल का उपयोग करना होगा ।
शेष फ़िर.....
सन्घेय शक्ति सर्वदा ।
जय हिन्द जय टीईटी ॥
आपका- गणेश शंकर दीक्षित
टीईटी संघर्ष मोर्चा
उ. प्र.
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