प्रशिक्षु शिक्षक चयन हेतु कुछ महत्वपूर्ण पहलू , स्वस्थ मन से विचार कीजियेगा : मयंक तिवारी

सर्वप्रथम आप सभी को धन तेरस से प्रारम्भ होकर भाई दौज तक चलने वाले दीपावली महापर्व की अनेक-अनेक शुभ कामनाएं। अब कुछ महत्वपूर्ण पहलू है जिन्हें मैं आप सभी के समक्ष रखना चाहता हूँ। स्वस्थ मन से विचार कीजियेगा।

13 नवम्बर 2011 को प्रथम व् अंतिम बार हुई बीएड अभ्यर्थियों के लिए प्राथमिक स्तर की अध्यापक पात्रता परीक्षा (UPTET) के बाद पहली बार 72,825 जैसी भारी संख्या में 30/11/11 को प्रशिक्षु शिक्षक चयन हेतु विज्ञापन आया।
माया सरकार द्वारा इतने पदों पर एक साथ भर्ती निकालना एक बड़ा फ़ैसला था किंतु इतनी बड़ी संख्या उन्होंने "विधान सभा चुनाव 2012" में लाभ पाने हेतु ही विज्ञापित की थी। इसके अतिरिक्त चुनाव लाभ हेतु ही बीएड/टेट पास अभ्यर्थियों हेतु आये प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के इसी विज्ञापन में पूर्व सरकार ने बीटीसी से लेकर विशिष्ट बीटीसी तक के अभ्यर्थियों को भी शामिल कर दिया था।
दोस्तों, टेट एग्जाम, चयन आधार टेट मेरिट, विज्ञापन 30/11/11 बचाने से लेकर प्रथम अभ्यर्थी की नियुक्ति प्रारम्भ करवाने तक अनवरत कितना संघर्ष हुआ है आज इसे बताने की आवश्यकता नही है। प्रथम अभ्यर्थी की नियुक्ति से लेकर 72,825 विज्ञापित पदों के सापेक्ष लगभग 64,000 अभ्यर्थियों का चयन हमारे-आपके संघर्ष के बाद ही सुनिश्चित हो पाया है किन्तु अब लड़ाई है 72825+ पदों हेतु है तब विचार कीजिये न्यायिक पैरवी के साथ-साथ कितने अधिक परिश्रम की आवश्यकता होगी..???
NCTE के अनुसार बेसिक में अध्यापक बनने हेतु न्यूनतम बीएड व् अध्यापक पात्रता परीक्षा का पास करना अनिवार्य है। यह योग्यता आप सभी ने 25 नवम्बर 2011 को ही पूर्ण कर ली थी। इसके बाद आवश्यकता लगी तो आप सुप्रीम कोर्ट में याची भी बन गए किन्तु वर्तमान प्रदेश सरकार में चयन को सुनिश्चित करने हेतु एक योग्यता ओर भी चाहिए वो है "वोट बैंक" और आप वोट बैंक है यह धरने-आंदोलन के माध्यम से ही सरकार को बताया जा सकता है।
हाल ही में लखनऊ में हुए शांति-शक्ति प्रदर्शन के बाद मैं यहाँ देख रहा हूँ कि ज्यादातर लोग उसकी समीक्षा कर रहे है। "कोई कह रहा है दीवाली पूर्व समय उचित नही था तो कोई कह रहा है कि जब पार्टी में अंतर्द्वंद चल रहा था तो अभी नही करना चाहिए था।" किन्तु आपने स्वयं से यह प्रश्न नही किया कि 68000 याचियों में से वहां 5दिन प्रतिदिन औसतन 1% अभ्यर्थी ही पहुँचे यदि 10 से 20% लोग ही लखनऊ की धरती पर पहुँच गये होते तो किसी भी परिस्तिथि में आज परिणाम ही कुछ ओर होता।
72825+ पदों पर चयन हेतु मजबूत पैरवी के साथ-साथ ज़मीन पर हर सम्भव वो कार्य करना है जो आपको हर तरीके से योग्य साबित कर दे। चाहे वो न्यूनतम योग्यता हो या कि अधिकतम वोटर संख्या।
कहने को समाजवादी पार्टी, देखने में परिवारवादी पार्टी और वास्तव में घरवादी पार्टी और वर्तमान में अस्तित्व/वर्चस्व बचाववादी पार्टी के "लक्ष्य 2017" के सम्मुख यदि आप अपने प्रदेश में होने से पड़ने वाले प्रभाव को दिखाने में सफ़ल रहते तो भविष्य में सुनिश्चित नियुक्ति जल्द प्राप्त की जा सकती थी/है।
दोस्तों, हमारी ज़िम्मेदारी है मजबूत पैरवी की तो महादेव साक्षी है कि चाहे एक टीम के रूप में याकि चाहे संयुक्त मोर्चे के रूप में हमने अपने प्रयास में ना ही कोई कसर छोड़ी है ना ही हम भविष्य में कोई कमी रहने देंगे। हमारे द्वारा 7दिसम्बर के बाद से अब तक हाईकोर्ट में सीनियर अशोक खरे जी, अनिल भूषण जी, अरविन्द श्रीवास्तव जी, द्वारा अतिरिक्त प्रयास किया गया वहीँ सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एल नागेस्वर रॉव जी, के वी विश्वनाथन जी, के वेणुगोपाल जी, वी मोहना जी, सी एस वैद्यनाथन जी, जैसे बड़े सीनियर्स को ना सिर्फ खड़ा किया है बल्कि सभी ने कोर्ट में मजबूती से आपकी बात भी रखी है अन्यथा एक अंतरिम आदेश के बाद कोर्ट अगली सुनवाई पर दूसरे तरीके के अंतरिम आदेश के साथ आगे बढ़ जाती। ये हमारा एकल और सामूहिक प्रयास ही था कि हमने कोर्ट को अभी मुद्दे से हटने नही दिया है। किन्तु जो कार्य भीड़ से होना है उसमें हमें आपका सहयोग चाहिए ही चाहिए। हमारे पास उसका कोई अन्य विकल्प नही है यकीन मानिए यदि हमारे पास उसका कोई अन्य विकल्प होता तो हम आदत से मजबूर और दूसरों पर आश्रित आप लोगों को कहीं किसी संघर्ष में भाग लेने हेतु कभी ना कहते।
आप सभी की जानकारी में है वर्तमान मुख्यमंत्री "विधान सभा चुनाव 2017" हेतु "रथ यात्रा" लेकर प्रदेश में निकलने वाले है। आपके पास पुनः मौका है अपनी उपस्तिथि प्रदर्शित करने का। यदि आप इस रथ यात्रा में अपनी उपस्तिथि अपना अस्तित्व दिखाने में सफ़ल होते है तो मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि "सुदूर भविष्य में मिलने वाली यह जॉब आपको निकट भविष्य में ही प्राप्त हो जायेगी।" नेतृत्व आपको दिशा दे सकता है, नेतृत्व अपना घर-परिवार छोड़कर अनवरत चल सकता है, नेतृत्व अपनी भागीदारी कर सकता है, नेतृत्व आपके लिए व्यतिगत FIR झेल सकता है, नेतृत्व आपके लिए आमरण अनशन तक कर सकता है, किन्तु नेतृत्व आपके हिस्से का कार्य नही कर सकता है उसे आपको ही करना है।
फ़िलहाल अभी आपसे इतना ही कहूँगा कि अगले पाँच दिन दीपावली पर्व को बड़े ही धूम-धाम से मनाइये और इसके बाद यदि जल्द ही सब कुछ पा लेना चाहते है तो पूर्ण सहयोग हेतु तैयार रहिये।
आप सभी का आने वाला हर पल मङ्गलमय हो इन्ही शुभ कामनाओं के साथ
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
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