Saturday 22 October 2016

धरना अपडेट , मीडिया कवरेज और हमारी मांगे

आज सुबह नियत समय 10 बजे से धरना शुरू हुआ।सुबह से ही धरना स्थल पर याचियों के जत्थे आने शुरू हो गए।और दोपहर 12 बजे तक भीड़ अपने चरम पर पहुँच गयी।

फिर शुरू हुआ मीडिया का कवरेज और करीब एक दर्जन से अधिक समाचार पत्रो ने हमारे इस विशाल जनसमूह को अपने समाचारो में शामिल किया।
साथ ही दो टीवी चैनलो ने मेरी आवाज को आगे बढ़ाने का काम किया ई टीवी तथा सहारा समय ने।
लगातार शासन के अधिकारियो द्वारा प्रत्येक घंटे की स्थिति को शासन को प्रेषित किया गया।
उसके बाद अपर नगर मजिस्ट्रेट ने मेरे ज्ञापन को धरना स्थल पर आकर लिया।
तथा यह आश्वासन दिया की बहुत जल्द आप लोगो की मुलाक़ात मुख्यमंत्री जी से करवाएंगे।
साथियो मजिस्ट्रेट को धरना कमेटी ने आगाह किया की हम अपने धरने को तब तक शांतिपूर्ण चलाते रहेंगे जब तक शासन का कोई जिम्मेदार व्यक्ति जैसे सचिव या प्रमुख सचिव अथवा खुद मुख्यमंत्री हम लोगो से मिलकर हमे लिखित आश्वस्त नही करते।
हमारी मांगे
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1-24 फ़रवरी 2016 के माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए समस्त याचियों की तदर्थ नियुक्ति 7 दिसम्बर 2015 के आदेश के सापेक्ष करे।
2-आरटीई एक्ट2010 के अनुसार समस्त रिक्त पदों पर टेट 2011 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति करे।
अर्थात टेट2011 का पूर्ण समायोजन।
साथियो धरना कमेटी इस बात के लिए संकल्प बद्ध हैं कि इस बार बगैर लिखित आश्वासन के हम धरना अनवरत जारी रखेंगे चाहे दीपावली हमे यही गोमती के पावन तट पर ही क्यों न मनानी पड़े।
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विशेष अपील अपने उन चयनित साथियो से जो आज हम अचयनित की वजह से नौकरी कर रहे हैं।जिनके लिए हमलोगो ने आंदोलन किये और धरने दिए थे।
वे भी अपने शुद्ध विचारो के साथ हमारे संघर्ष में कंधे से कन्धा मिलाकर अपनी सहभागिता एवम् सहयोग सुनिश्चित करे।
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साथियो सभी लोग घरो से निकलो और लक्ष्मण मेला मैदान पहुंचकर अपनी संख्या दिखा दो इस वोट की राजनीति करने वाली सरकार को जो वो चाह रही हैं।
आज कई हजार लोग शामिल हुए कल आप सभी लोग भारी संख्या में पहुँचो।
मैं यह बात पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ की जिस दिन हम 20 हजार का आंकड़ा पार कर देंगे उसी दिन यह मगरूर सरकार घुटने टेक देगी।
अतः सभी याची चाहे महिला हो या पुरुष यह संकल्प कर लो की हमे सारे काम छोड़कर कल लखनऊ जाना ही हैं क्योकि अब नौकरी से बढ़कर कोई काम नहीं हो सकता।
इस आशा के साथ कि कल हमारी संख्या इतनी होगी की सरकार को सोचना पड़ेगा।
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आप सभी के उज्जवल भविष्य की मंगल कामना के साथ-
आपका अचयनित साथी
मान बहादुर सिंह
(धरना कमेटी)
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