बेसिक स्कूलों में एचआरए का खेल शिक्षक-छात्र अनुपात बिगड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का हाउसिंग रेंटल एलाउंस(एचआरए) कम और शहरी क्षेत्र का ज्यादा होने से शिक्षक शहरी सीमा से सटे प्राइमरी व जूनियर हाइस्कूलों में तबादलों में संशोधन का जुगाड़ लगाने में जुट गए हैं।
शहरी सीमा से सटे 8 किमी के दायरे में स्थित स्कूलों में तैनात शिक्षकों का एचआरए प्राइमरी के ग्रामीण शिक्षकों से 1620 रुपये व जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों का एचआरए 2275 रुपये ज्यादा है।
ग्रामीण व शहरी सीमा के स्कूलों में एचआरए में काफी अंतर होने से शिक्षकों का लालच ग्रामीण स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई चौपट कर रहा है। ग्रामीण विद्यालयों में 100 शिक्षकों पर एक-एक शिक्षक है। लेकिन ज्वाइन न करने वाले शिक्षक शिक्षा का अधिकार कानून 2009 का उल्लंघन कर रहे हैं। जहां शिक्षकों की ज्यादा जरूरत है वहां जाना नहीं चाहते हैं।
उठने लगी एचआरए में संशोधन की मांग : ग्रामीण शिक्षक दूर पढ़ाने जाते हैं और उनका खर्च भी किराया व पेट्रोल में ज्यादा होता है। जिससे उनमें अब शहरी सीमा का एचआरए कम व ग्रामीण क्षेत्र का ज्यादा करने की मांग उठने लगी है। वह शासन से एचआरए में संशोधन की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण स्कूलों के शिक्षकों की मांग जायज भी है।
शहरी सीमा में मानक से ज्यादा शिक्षक : बेसिक स्कूलों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए लेकिन शहरी सीमा के स्कूलों में 30 बच्चों पर दो से तीन शिक्षक हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 100 बच्चों पर एक शिक्षक है। काउंसिल के दौरान अंतरजनपदीय व पदोन्नति की काउंसिलिंग में मुरादाबाद व छजलैट ब्लॉक नहीं खोले गए थे,जिससे इनमें स्थानांतरण नहीं हुए थे लेकिन इन दोनों ही ब्लाक में अब चुपके से अपना तबादला कराने के जुगाड़ में लगे हैं।खंड शिक्षाधिकारियों से ज्वाइनिंग रिपोर्ट ली जाएगी और जिन शिक्षकों ने किसी स्वार्थ के कारण ग्रामीण स्कूलों में ज्वाइन नहीं किया है,उन पर कार्रवाई की जाएगी। तबादलों में किसी तरह कोई भी संशोधन नहीं होगा।
-कांता प्रसाद, बीएसए
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शहरी सीमा से सटे 8 किमी के दायरे में स्थित स्कूलों में तैनात शिक्षकों का एचआरए प्राइमरी के ग्रामीण शिक्षकों से 1620 रुपये व जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों का एचआरए 2275 रुपये ज्यादा है।
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ग्रामीण व शहरी सीमा के स्कूलों में एचआरए में काफी अंतर होने से शिक्षकों का लालच ग्रामीण स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई चौपट कर रहा है। ग्रामीण विद्यालयों में 100 शिक्षकों पर एक-एक शिक्षक है। लेकिन ज्वाइन न करने वाले शिक्षक शिक्षा का अधिकार कानून 2009 का उल्लंघन कर रहे हैं। जहां शिक्षकों की ज्यादा जरूरत है वहां जाना नहीं चाहते हैं।
उठने लगी एचआरए में संशोधन की मांग : ग्रामीण शिक्षक दूर पढ़ाने जाते हैं और उनका खर्च भी किराया व पेट्रोल में ज्यादा होता है। जिससे उनमें अब शहरी सीमा का एचआरए कम व ग्रामीण क्षेत्र का ज्यादा करने की मांग उठने लगी है। वह शासन से एचआरए में संशोधन की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण स्कूलों के शिक्षकों की मांग जायज भी है।
शहरी सीमा में मानक से ज्यादा शिक्षक : बेसिक स्कूलों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए लेकिन शहरी सीमा के स्कूलों में 30 बच्चों पर दो से तीन शिक्षक हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 100 बच्चों पर एक शिक्षक है। काउंसिल के दौरान अंतरजनपदीय व पदोन्नति की काउंसिलिंग में मुरादाबाद व छजलैट ब्लॉक नहीं खोले गए थे,जिससे इनमें स्थानांतरण नहीं हुए थे लेकिन इन दोनों ही ब्लाक में अब चुपके से अपना तबादला कराने के जुगाड़ में लगे हैं।खंड शिक्षाधिकारियों से ज्वाइनिंग रिपोर्ट ली जाएगी और जिन शिक्षकों ने किसी स्वार्थ के कारण ग्रामीण स्कूलों में ज्वाइन नहीं किया है,उन पर कार्रवाई की जाएगी। तबादलों में किसी तरह कोई भी संशोधन नहीं होगा।
-कांता प्रसाद, बीएसए
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