लोगों के प्रधानमंत्री जन-धन खाते में जमा हुए 1200 करोड़, तुरंत चेक करें अपना एकाउंट

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर किए जाने की घोषणा की थी. इसे उन्होंने कालेधन, आतंकवाद को वित्तपोषण और नकली नोटों के खिलाफ जंग बताया था.
आपको याद होगा कि पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि वें विदेशों से कालाधन वापस लाकर सभी गरीबों को 15 – 15 लाख रुपए देंगे. पीएम मोदी अपना वह वादा पूरा करते नज़र आ रहे हैं.
दरअसल, मध्य प्रदेश के 2 करोड़ 20 लाख प्रधानमंत्री जन-धन खातों में नोटबंदी के बाद से 10 नवंबर से 14 नवंबर के बीच महज पांच दिनों में करीब 1200 करोड़ रुपए की राशि जमा हुई है. जिनमें से 60 लाख खाते तो ऐसे हैं, जिनमें 8 नवंबर से पहले जीरो बैलेंस था, अब इनमें 50 हजार से 1लाख रुपए तक जमा हो गए हैं.
मध्य प्रदेश सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के डीजीएम वीके त्रिपाठी ने इस बात कि पुष्टि की है कि निष्क्रिय पड़े लाखों खातों में 8 नवम्बर के बाद से लागतार डिपॉजिट हो रहा है. अचानक जमा हुए इन पैसों के पीछे कालेधन को व्हाइट करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
गौरतलब है कि सेंट्रल बैंक में जन-धन योजना के तहत मध्य प्रदेश में 14 लाख 50 हजार खाते हैं जिनमें नोटबंदी के बाद से 190 करोड़ रुपए जमा हुए हैं. इसके अलावा, प्रदेश भर में 50 बैंक कार्यरत हैं, जिनकी 7038 शाखा (सेंट्रल बैंक की शाखा भी शामिल) हैं, जिनमें 2 करोड़ 20 लाख जन-धन योजना के खाते हैं. एसबीआई सहित 10 बड़े बैंकों में नोटबंदी के बाद से इन खातों में औसतन 50 से 70 करोड़ स्र्पए से अधिक की राशि जमा हुई है.
नोटबंदी पर सरकार और रिजर्व बैंक ने जारी किए नए निर्देश –
नोटबंदी पर सरकार और रिजर्व बैंक ने नए निर्देश जारी करते हुए कहा है कि बैंक व डाकघर 9 नवंबर से 2.5 लाख से ज्यादा और 1 दिन में 50 हजार से ज्यादा जमा की जानकारी दें. यदि किसी व्यक्ति के एक या एक से अधिक चालू खाते में 12.50 लाख रुपए से अधिक राशि जमा कि है तो उसकी भी जानकारी उपलब्ध कराएं. सरकार के नए आदेश के बाद नोट बदलवाने के लिए अब पहचान पत्र की फोटोकॉपी की जरूरत नहीं है. लेकिन फॉर्म भरने के बाद काउंटर पर ओरिजनल पहचान-पत्र दिखाना होगा.
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