राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परिषदीय स्कूलों के बच्चों को राज्य सरकार की ओर से मुफ्त में स्कूलबैग दिये जाने की योजना का रविवार को शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल से बेसिक शिक्षा विभाग को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) के मकड़जाल से मुक्त कराएगी।
कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों, विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों से उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अफसरों ने भले ही आपको परेशान किया हो लेकिन मुख्यमंत्री और सरकार की ओर से आपको कभी कोई दिक्कत नहीं हुई होगी। इसलिए आने वाले समय (चुनाव) में साइकिल का ख्याल जरूर रखिएगा।
अभिनव प्रयोगों को बढ़ावा देने वाले शिक्षक सम्मानित : मुख्यमंत्री ने बिना अतिरिक्त लागत के अभिनव प्रयोगों को बढ़ावा देने वाले 30 शिक्षकों को भी इस मौके पर सम्मानित किया। यह शिक्षक अरबिंदो सोसाइटी द्वारा प्रशिक्षित किये गए हैं। प्रदेश के लगभग साढ़े पांच लाख शिक्षकों को अपने संसाधनों से प्रशिक्षण देने के लिए उन्होंने अरबिंदो सोसाइटी के प्रति आभार जताया और कहा कि अध्यापकों को प्रेरित करने के लिए भविष्य में भी इस संस्था का सहयोग लिया जाएगा।
समान होंगे सरकारी व निजी स्कूलों के पाठ्यक्रम : अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि अमीर और गरीब बच्चों की शिक्षा में समानता लाने के मकसद से सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम को निजी विद्यालयों के समान बनाया जाएगा। शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण दिलाकर सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्वयंसेवी संस्था भारत अभ्युदय फाउंडेशन व राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई ‘शिक्षा का अधिकार रिपोर्ट’ और अरबिंदो सोसाइटी की ओर से तैयार की गई ‘वार्षिक नवाचार पुस्तिका’ का विमोचन भी किया। कार्यक्रम को बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन, अरबिंदो सोसाइटी के निदेशक संभ्रांत शर्मा और भारत अभ्युदय फाउंडेशन की समीना बानो ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शारदा प्रताप शुक्ला, सचिव मुख्यमंत्री पार्थ सारथी सेन शर्मा भी मौजूद थे।
गरीब बच्चों के दाखिले के लिए पोर्टल : कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को प्रवेश दिलाने के उद्देश्य से वेब पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
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कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों, विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों से उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अफसरों ने भले ही आपको परेशान किया हो लेकिन मुख्यमंत्री और सरकार की ओर से आपको कभी कोई दिक्कत नहीं हुई होगी। इसलिए आने वाले समय (चुनाव) में साइकिल का ख्याल जरूर रखिएगा।
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अभिनव प्रयोगों को बढ़ावा देने वाले शिक्षक सम्मानित : मुख्यमंत्री ने बिना अतिरिक्त लागत के अभिनव प्रयोगों को बढ़ावा देने वाले 30 शिक्षकों को भी इस मौके पर सम्मानित किया। यह शिक्षक अरबिंदो सोसाइटी द्वारा प्रशिक्षित किये गए हैं। प्रदेश के लगभग साढ़े पांच लाख शिक्षकों को अपने संसाधनों से प्रशिक्षण देने के लिए उन्होंने अरबिंदो सोसाइटी के प्रति आभार जताया और कहा कि अध्यापकों को प्रेरित करने के लिए भविष्य में भी इस संस्था का सहयोग लिया जाएगा।
समान होंगे सरकारी व निजी स्कूलों के पाठ्यक्रम : अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि अमीर और गरीब बच्चों की शिक्षा में समानता लाने के मकसद से सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम को निजी विद्यालयों के समान बनाया जाएगा। शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण दिलाकर सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्वयंसेवी संस्था भारत अभ्युदय फाउंडेशन व राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई ‘शिक्षा का अधिकार रिपोर्ट’ और अरबिंदो सोसाइटी की ओर से तैयार की गई ‘वार्षिक नवाचार पुस्तिका’ का विमोचन भी किया। कार्यक्रम को बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन, अरबिंदो सोसाइटी के निदेशक संभ्रांत शर्मा और भारत अभ्युदय फाउंडेशन की समीना बानो ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शारदा प्रताप शुक्ला, सचिव मुख्यमंत्री पार्थ सारथी सेन शर्मा भी मौजूद थे।
गरीब बच्चों के दाखिले के लिए पोर्टल : कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को प्रवेश दिलाने के उद्देश्य से वेब पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
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