माननीय इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश
==> 30/05/2013 माननीय न्यायधीश ऐ पी शाही जी की अध्यक्षता वाली लार्जर बैंच से
•शिक्षक चयन हेतु टेट परीक्षा पास करना अनिवार्य।
==> 20/11/2013 माननीय न्यायधीश अशोक भूषण जी की अध्यक्षता वाली डिवीज़न बेंच से
•12वें संशोधन बहाल 15वाँ/16वाँ संशोधन निरस्त।
•30/11/11 विज्ञापन अपनी सभी शर्तों के साथ बहाल।
•72,825 प्रशिक्षु शिक्षक चयन प्रक्रिया टेट की मेरिट से पूर्ण की जाये।
==> 12/09/2015 मुख्य न्यायाधीश डी बाई चंद्रचूर्ण जी की अध्यक्षता वाली लार्जर बैंच से
•19वाँ संशोधन असंवैधानिक बिना टेट पास शिक्षामित्र समायोजन निरस्त।
•सरकार को उपरोक्त संशोधन करने का अधिकार ही नही।
==> 24/11/2016 मुख्य न्यायधीश डी बी भोषले जी की अध्यक्षता में डिवीजन बैंच से
•बेसिक शिक्षा नियमावली में किया गया 16वां संशोधन पुनः अवैध है।
•NCTE द्वारा निर्धारित टीईटी भारांक को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
•राज्य सरकार द्वारा टेट वेटेज देना अनिवार्य।
•एनसीटीई गाइड लाइन संवैधानिक व् अनिवार्य।
•सुप्रीम कोर्ट से अंतिम आदेश आने तक सभी भर्तियाँ यथावत रहेंगी।
संक्षेप में कहा जाये तो सपा सरकार द्वारा की गयी सभी भर्तियाँ अवैध हो चुकी है और निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा उलटफेर होना तय है। यहाँ जो अभ्यर्थी मानक पूरा करते है और NCTE द्वारा निर्धारित सभी न्यूनतम योग्यता को पूर्ण करते है उन्हें चिंता करने की कोई आवश्यकता नही है। सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश से उनका किसी भी प्रकार का कोई अहित नही होगा किन्तु मानक ना पूरा करने वालों की पूर्व पद पर वापसी तय है।
प्रथम दृष्ट्या देखा जाये तो वर्तमान सरकार द्वारा एक ही विभाग में, एक ही पद और सामान वेतनमान के लिए तीन न्यूनतम योग्यता स्थापित कर दिया गया है। एक तरफ अभ्यर्थियों का चयन टेट प्राप्ताकों के आधार पर किया गया है तो दूसरी तरफ टेट बस न्यूनतम योग्यता रखा गया है और गुणांक को चयन आधार बनाया गया है। वहीँ बहुत बड़ी संख्या में बिना टेट ही भर्तियाँ पूरी कर दी गयी है। जिसके समाधान में हाइकोर्ट के सभी आदेशों की महती भूमिका रहने वाली है तथा अब इस पहेली का समाधान किसी भी दशा में मानवीय रूप में होना संभव नही है। सुप्रीम कोर्ट को अंतिम निर्णय हेतु अंततः क्वेश्चन ऑफ़ लॉ पर जाना ही होगा।
फ़िलहाल वर्तमान आदेश के साथ-साथ पूर्व में हुए आदेशों का पुनः अध्ययन प्रारम्भ कर दिया है। शेष परमपिता परमेश्वर पर विश्वास बनाये रखिये क्योकि वहां से कभी किसी से साथ अन्याय नही होता। भविष्य सभी बीएड/टेट२०११ पास अभ्यर्थियों का उज्ज्वल है।
इन्ही शुभ कामनाओं के साथ
आपका मयंक तिवारी
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
==> 30/05/2013 माननीय न्यायधीश ऐ पी शाही जी की अध्यक्षता वाली लार्जर बैंच से
•शिक्षक चयन हेतु टेट परीक्षा पास करना अनिवार्य।
- 7 दिसंबर की तैयारी पूरी मजबूती से , शिक्षा मित्रो के प्रशिक्षण व अन्य बिन्दुओं को चैलेंज किया गया है : गाजी इमाम आला
- फरबरी माह में हो सकता है अब बड़ा उलटफेर , सपा सरकार द्वारा प्रकाशित सभी विज्ञापनों पर गिर सकती है गाज : मयंक तिवारी
- परोक्ष रूप से इलाहबाद हाई कोर्ट से एकेडमिक की जीत हो चुकी है : Mission 72825
- Breaking : 15 वां 16 वां संसोधन रद्द : अकादमिक भर्ती खटाई में , पूर्ण जानकारी आदेश के अपलोड होने के बाद
- टेट वेटेज क्यों जरुरी
==> 20/11/2013 माननीय न्यायधीश अशोक भूषण जी की अध्यक्षता वाली डिवीज़न बेंच से
•12वें संशोधन बहाल 15वाँ/16वाँ संशोधन निरस्त।
•30/11/11 विज्ञापन अपनी सभी शर्तों के साथ बहाल।
•72,825 प्रशिक्षु शिक्षक चयन प्रक्रिया टेट की मेरिट से पूर्ण की जाये।
==> 12/09/2015 मुख्य न्यायाधीश डी बाई चंद्रचूर्ण जी की अध्यक्षता वाली लार्जर बैंच से
•19वाँ संशोधन असंवैधानिक बिना टेट पास शिक्षामित्र समायोजन निरस्त।
•सरकार को उपरोक्त संशोधन करने का अधिकार ही नही।
==> 24/11/2016 मुख्य न्यायधीश डी बी भोषले जी की अध्यक्षता में डिवीजन बैंच से
•बेसिक शिक्षा नियमावली में किया गया 16वां संशोधन पुनः अवैध है।
•NCTE द्वारा निर्धारित टीईटी भारांक को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
•राज्य सरकार द्वारा टेट वेटेज देना अनिवार्य।
•एनसीटीई गाइड लाइन संवैधानिक व् अनिवार्य।
•सुप्रीम कोर्ट से अंतिम आदेश आने तक सभी भर्तियाँ यथावत रहेंगी।
संक्षेप में कहा जाये तो सपा सरकार द्वारा की गयी सभी भर्तियाँ अवैध हो चुकी है और निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा उलटफेर होना तय है। यहाँ जो अभ्यर्थी मानक पूरा करते है और NCTE द्वारा निर्धारित सभी न्यूनतम योग्यता को पूर्ण करते है उन्हें चिंता करने की कोई आवश्यकता नही है। सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश से उनका किसी भी प्रकार का कोई अहित नही होगा किन्तु मानक ना पूरा करने वालों की पूर्व पद पर वापसी तय है।
प्रथम दृष्ट्या देखा जाये तो वर्तमान सरकार द्वारा एक ही विभाग में, एक ही पद और सामान वेतनमान के लिए तीन न्यूनतम योग्यता स्थापित कर दिया गया है। एक तरफ अभ्यर्थियों का चयन टेट प्राप्ताकों के आधार पर किया गया है तो दूसरी तरफ टेट बस न्यूनतम योग्यता रखा गया है और गुणांक को चयन आधार बनाया गया है। वहीँ बहुत बड़ी संख्या में बिना टेट ही भर्तियाँ पूरी कर दी गयी है। जिसके समाधान में हाइकोर्ट के सभी आदेशों की महती भूमिका रहने वाली है तथा अब इस पहेली का समाधान किसी भी दशा में मानवीय रूप में होना संभव नही है। सुप्रीम कोर्ट को अंतिम निर्णय हेतु अंततः क्वेश्चन ऑफ़ लॉ पर जाना ही होगा।
फ़िलहाल वर्तमान आदेश के साथ-साथ पूर्व में हुए आदेशों का पुनः अध्ययन प्रारम्भ कर दिया है। शेष परमपिता परमेश्वर पर विश्वास बनाये रखिये क्योकि वहां से कभी किसी से साथ अन्याय नही होता। भविष्य सभी बीएड/टेट२०११ पास अभ्यर्थियों का उज्ज्वल है।
इन्ही शुभ कामनाओं के साथ
आपका मयंक तिवारी
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