भयमुक्त वातावरण का निर्माण करें शिक्षक, शिक्षक का दायित्व मात्र शिक्षण कार्य करना ही नहीं

इलाहाबाद :>>शिक्षक का दायित्व मात्र शिक्षण कार्य करना ही नहीं है, बल्कि उसे यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे वह सब सीख सके जो वह सिखाना चाहता है।
कई बार बच्चे कई विषयों में कमजोर रह जाते हैं वे चाहकर भी शिक्षक से अपनी कठिनाईयों के विषय में बात नहीं कर पाते, क्योंकि शिक्षक के प्रति उनके मन में भय रहता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि अध्यापक स्वयं यह पता लगाए कि बच्चे के अंक किसी विषय में कम क्यों आ रहे हैं। 1यह बात राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) उप्र के निदेशक संजय सिन्हा ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के वार्डनों के सुरक्षा एवं संरक्षा विषयक चार दिवसीय प्रशिक्षण के छठे चक्र के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि इन आवासीय विद्यालयों की बालिकाओं को शिक्षक अधिक ध्यान दे सकते हैं।1 शिक्षण में अधिगम स्तर को ऊंचा उठाने के लिए यह आवश्यक है कि वातावरण सृजन का कार्य किया जाए। समन्वयक प्रभात कुमार मिश्र ने वार्डेनों से कहा कि इस चार दिवसीय प्रशिक्षण में प्रतिभागी सक्रिय प्रतिभाग करें तथा अपनी शंकाओं पर प्रशिक्षकों से चर्चा करें। 1विभागाध्यक्ष डॉ अमित खन्ना ने कहा कि मेरा विश्वास है कि इस प्रशिक्षण का लाभ अध्यापिकाओं के साथ-साथ बालिकाओं को भी होगा। यहां पवन सावंत, सरदार अहमद, सूफिया फारूकी तथा बीआर आबिदी आदि थे।

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