22 की क्या तैयारी है? पूछो अपने नेता से

कमजोर को सभी डराते हैं। जिओ जिओ नामक एलियन कही था ही नही, सिर्फ गुमराह कर अपना उल्लू सीधा किया जा रहा था ।
टेट समर में जो जितना सीधा बनता है उतना ही बड़ा हरामी है ।
चुनावी समर में टिकट पाने के लालच में याचियों को गुमराह किया गया।

सभी जानते हैं की कोर्ट के आदेश का पालन करना सचिव की मज़बूरी है। हर बार तारीख से कुछ दिन पहले ही थोडा बहोत पालन करके ही सरकार अगली तारीख पर कोर्ट जाती है।

दादरी, रानी, पटेल इत्यादि का बार बार अखिलेश से मिलना चुनावीबुखार का चढ़ना उतरना मात्र था ।

तिवारी, राणा, ठाकुर, एम् पी यूपी या अन्य
सभी मात्र व्यक्तिगत लाभ, लूट या नेतागिरी के लिए फोटु पर फोटु खीच, चेपते हैं।

22 की क्या तैयारी है? पूछो अपने नेता से।
और कोर्ट की सर्टिफाइड कॉपी भी ले लो।
पैसा मांगे तो पहले पिछला हिसाब देखलेना।
शायद जूता देना और पैसा वापस लेना बाकी रह गया हो।

मोहभंग आम याची.
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