30 Jan की सुनवाई की कुछ महत्वपूर्ण बातें जो अभी तक किसी ने नही बताई

30 .1.17 की सुनवाई के बारे सभी पक्षो की पोस्ट आप सभी तक पहुँच गई होगी,,।।इसलिए अधिक बताने को कुछ बचा नही है पर आज की सुनवाई की कुछ महत्वपूर्ण बातें जो अभी तक किसी ने नही बताई वो मै बता दे रहा हूँ हालाँकि ये बाते जो कोर्ट मे थे वही जान रहे है पर किसी ने अपनी पोस्ट मे ये लिखा नही,,,--।।
आज जैसे ही हमारा मैटर 55 नंबर पर टेकअप हुआ,,हमारी तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे जी ने मामले को फाइनल करने पर जोर दिया तो इसी बीच दैवीय टीईटी परीक्षा पास महान योद्धाओं के वकीलों ने बोला साहब 15 संशोधन हाईकोर्ट इलाहाबाद ने बहुत पहले ही रद्द कर दिया है और 1 दिसंबर को 16 भी रद्द कर दिया है और आदेश हमारे पक्ष मे होते हुए भी अवैध लोगो को बाहर नही किया गया और न तो हमको कोई लाभ मिला कृपया हमारे याचीयों को याची लाभ दिया जाए, ।।
इस पर दुष्यंत दवे जी ने विरोध किया तो उनके बोलने से पहले ही खुद माननीय श्री दीपक मिश्रा जी खुद बोले इस केस मे मैने बहुत अंतरिम राहत दे दिया है अब किसी टीम को कोई राहत या कोई भी अंतरिम फैसला नही दिया जाएगा ,,।।
तो हमारे वकील बोले साहब ये हर दिन नये नये केस फाइल करके हमारे खिलाफ आदेश करवाना चाहते है और अभी 57 नंबर पर भी पंकज सिंह कुशवाह लगी है, और हम कहाँ तक इनके पीछे आईए डालते रहे,,आप केस को खत्म करो तो जज साहब बोले मै किसी केस मे कोई आदेश अब बिना मुकदमा फाइनल किये नही करूंगा,,।।और अगर आपको यानी ऐकेडमिक टीम को कोई आदेश ऐसा दिखे या लगे तो आप कभी भी हमारी कोर्ट मे अपना केस मेंशन करवा कर सुनवाई करवा सकते है,,।।
अब इतना होने के बाद भी महान टीईटी मेरिट वालों का मन नही भरा तो ये बोले साहब जब सारे संशोधन रद्द है तो सरकार भर्ती कर कैसे रही है और अभी भी एक भर्ती 12000 चल रही है तो जज साहब खुद बोले संशोधन रद्द है इसका मतलब क्या है सरकार कोई भर्ती न करे और स्कूल बंद कर दे????
तो इस पर कोई जवाब नही था इनके पास,,,
आज टीईटी मेरिट के पैरवीकारों द्वारा पोस्ट किया जा रहा था कि हमे पार्टी नही बनाया गया फिर भी हमने दिमाग लगा कर एक SLP फाईल कर दि है और हम पार्टी बन गये है,,।।।
अब बताते है इनके सच की जब 1 दिसंबर का आदेश आया तो टीईटी मेरिट वालों ने दीपक शर्मा यानी 1 दिसंबर का भोसले साहब के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट मे कैविएट दाखिल कर दी थी। ताकी अगर ऐकेडमिक टीम आये तो हम बिना किसी मेहनत के पार्टी बन जाये और डेट डेट खेलकर अपनी दूकान को याची लाभ जैसे इम्पोर्टेड सामान से गुलजार करते रहे,,।।
ये सोच रहे थे की दीपक शर्मा की वो slp डायरेक्ट सुप्रीम कोर्ट आएगी और हम प्रत्यक्ष रूप से पार्टी बन जायेंगे,,खैर हमने अपनी slp परमिशन टू फाईल की यानी हम हाईकोर्ट मे पार्टी नही थे पर हम 1 दिसंबर के आदेश से प्रभावित है इसलिए हम सुप्रीमकोर्ट मे आये है,,।।
और इसी बीच हमने अपनी याचिका की पहली सुनवाई मे नोटिश इशू करवाया आज आपको कोई भी अंतरिम राहत नही लेने दी,,।
और ये हमारी सभी ऐकेडमिक की याचिकाओं मे अपनी आईए डाल कर वही पुराना याची राहत का गेम खेलना चाह रहे थे जिसे हमारे द्वारा नाकामयाब कर दिया गया,,।
और जो टीईटी मेरिट के पैरवीकारों द्वारा नयी slp फाइल की गई है उसमे भी बस याची राहत की माँग है पर होना उसमे भी कुछ नही है वो भी 22 फरवरी के महासंगम मे जायेगी,,।।
और टीईटी मेरिट के पैरवीकार बोल रहे है हमने हाईकोर्ट के आदेश पर ऐकेडमिक वालों को स्टे नही लेने दिया खैर ऐसा कुछ कोर्ट मे हुआ नही पर इन लोगो को आज की पोस्ट से कुछ तो चाहिए होगा इसलिए ये नया शिगूफा छोड रहे थे अब भाई हम हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे तो तब माँगते जब हमको बाहर किया होता या हमारी सैलरी रोकी होती,,और स्टे का मतलब होता है यथास्थिति बनाए रखना वो तो हाईकोर्ट ने हमको पहले ही यथास्थिति बर्करार रखा है तो हम क्यो स्टे की माँग करते???
और जब हम आलरेडी नौकरी कर रहे है सैलरी ले रहे है तो स्टे माँगने का मतलब??चलो माना हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया तो इससे हमारी सेहत पर फर्क क्या पडेगा???
अब हम आज पुनः बताते है हम यह मानते है आप टीईटी मेरिट के पैरवीकार महान है पर हम प्यादे भी कुछ कुछ सीख रहे है भाई बुरा न मानना,,,
आज की सुनवाई मे टीईटी मेरिट के पैरवीकारों का सीधा सा मकसद था एक बार ऐन केन प्रकारेण हमे याची राहत मिल जाये और अगर इनको याची राहत मिलती तो ये याची बनाने की वो दूकान चलाते की हर टीईटी मेरिट समर्थक अपनी शर्ट पर पेटियम का बारकोड लगा कर घूमते ताकी तुरंत कैश और तुरंत नौकरी जैसी बात होती,,।।
कुछ लोग हमारे पहली सुनवाई पर 20 लाख खर्च करने पर हम पर जोक मार रहे थे भाई हम भी कहते है हम है हँसी के पात्र आपके लिए हम पर तंज कसो हम मानते है आप शतरंज के वजीर हो कभी भी कहीं भी जा सकते है सीधा या तिरछा पर भाई हम प्यादे है हम तो एक कदम ही चल सकते है पर हम ये जानते है एक समय मे जो काम वजीर नही कर पाता है वो प्यादा करता है,,,,हम प्यादे है इसलिए हर कदम हम एक एक काम कर रहे है पहली सुनवाई पर नोटिस इशू दूसरी सुनवाई पर आपके याची रथ का पहिया पंचर करना और आपकी दूकान का शटर आधा बंद करना आगे पूरा शटर बंद करके मोम की सील लगा हुआ ताला लगायेंगे,,,
आप टीईटी मेरिट वाले वाकई संवैधानिक है और हम असंवैधानिक तो ये याची राहत का गेम छोड़ कर मुकदमा फाइनल करवाओ और मेरिट पर बहस करो पर अफसोस आप लोग ऐसा करोगे नही क्योकी दूकान जो चलानी है,,।।जिस दिन इस केस की मेरिट पर बहस हुई टीईटी मेरिट हडप्पा और मोहनजोदडो जैसी विलुप्त सभ्यता की बात होगी,,।।
सभी ऐकेडमिक वाले धर्य रखे ईश्वर साक्षी रहेगा आपके इस संघर्ष का और टीईटी मेरिट के पैरवीकार 22 की सुनवाई हेतु अभी से लग गये है हमे भी लगना होगा आज की सुनवाई के बाद हमारे पास पैसे खत्म हो चुके है,,।।अब हम 22 फरवरी को तभी कोई वकील कर पायेंगे जब हमारे पास फंड होगा कृपया अपना फंड दें और अपनी आजिविका और सम्मान की रक्षा मे अपनी टीम का सहयोग करें ,,,
अनिल राजभर
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