फर्जी प्रमाण पत्रों से बाबू बन गए जेई, लोनिवि में विभागीय जेई की भर्ती में खेल

लोक निर्माण विभाग में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर सौ से अधिक क्लर्क अवर अभियंता बन गए। कई महीने से जेई बनकर काम भी कर रहे हैं। अब मामला खुला तो विभाग में हड़कंप मच गया। इस फर्जीवाड़े की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है।
सभी प्रमाण पत्रों की जांच हो रही है। जिनको फर्जी पाया जाएगा, उन्हें फिर से क्लर्क बना दिया जाएगा।1लोक निर्माण विभाग में जेई के पांच फीसद पद विभागीय प्रमोशन से भरे जाते हैं। नियमानुसार नौकरी के दौरान जो बाबू या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तीन वर्षीय डिप्लोमा कर लेगा, उसे जेई में प्रमोट कर दिया जाएगा। उक्त नियम के आधार पर पिछले साल प्रमुख अभियंता ने 124 क्लर्क को जेई बना दिया। इसमें करीब दो दर्जन इलाहाबाद के भी है। यह सभी क्लर्क जेई पद पर ज्वाइन करके काम करने लगे और बढ़े हुए वेतन व अन्य सुविधाओं के हकदार हो गए। इनमें एक की तैनाती का मामला पिछले दिनों मुख्य अभियंता मुख्यालय एचएन पांडेय के सामने आया। उन्हें उसकी डिग्री पर शक हुआ तो पड़ताल की। प्रमोट हुए कई बाबुओं की डिग्री मंगवाई तो वही गड़बड़ी अन्य में भी दिखी। 1उन्होंने बताया कि प्रमोट हुए बाबुओं ने राजस्थान के दूरस्थ शिक्षा केंद्र से डिप्लोमा की डिग्री हासिल की है। जबकि वह दूरस्थ शिक्षा केंद्र डिप्लोमा देने के लिए अधिकृत ही नहीं है। यह मामला शासन तक गया तो जेई बने बाबुओं पर तलवार लटक गई। इसकी जांच बैठा दी गई। इस गड़बड़ी को पकड़ने वाले मुख्य अभियंता सहित तीन लोगों को जांच सौंपी गई है। 1इस मामले में सौ से अधिक की डिग्री फर्जी बताई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद इनको फिर से बाबू के पद पर भेज दिया जाएगा। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी होगी।
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