गोरखपुर : विभागीय उदासीनता के चलते मंडल भर के राजकीय प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक पुरुष संवर्ग (एलटी ग्रेड) की पदोन्नति नहीं हो पा रही है। इसको लेकर शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।
निदेशालय की सख्ती के बाद भी जेडी कार्यालय को समस्त जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र जारी करने में 45 दिन लग गए हैं।
निदेशालय लखनऊ ने संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय से शिक्षकों की वरिष्ठता सूची के साथ उनकी सेवा पुस्तिका और नियुक्ति पत्र तथा मंडल ट्रांसफर का प्रमाणित पत्र भी मांगा है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इसके लिए निदेशालय ने 25 दिसंबर 2016 को ही पत्र लिखा था। पत्र मिलने के बाद भी विभाग में उदासीनता बनी रही। निदेशालय के निर्देश को जिला विद्यालय निरीक्षकों तक पहुंचाने में ही डेढ़ माह लग गए। अब देखना है कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार करने में कितना समय लगाता है। आक्रोशित राजकीय शिक्षकों का कहना है कि वर्ष 2014 से ही पदोन्नति का मामला लटका पड़ा है। प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक महिला संवर्ग और लेक्चरर संवर्ग के शिक्षकों की पदोन्नति हो गई है, लेकिन प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक पुरुष संवर्ग की पदोन्नति में पेंच फंसा हुआ है। गोरखपुर मंडल के ही लगभग 150 शिक्षक पदोन्नति की बाट जोह रहे हैं। निदेशालय ने पिछले वर्ष भी वरिष्ठ सूची मांगी थी, लेकिन विभाग समय से सही सूची उपलब्ध नहीं करा सका। निदेशालय के पूछने पर भी विभाग द्वारा कोई समुचित जानकारी नहीं दी गई। संबंधित अधिकारी भी पदोन्नति मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। राजकीय शिक्षक संघ का कहना है कि इसको लेकर शिक्षकों का गुस्सा कभी भी फूड सकता है। पदोन्नति के लिए शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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निदेशालय की सख्ती के बाद भी जेडी कार्यालय को समस्त जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र जारी करने में 45 दिन लग गए हैं।
निदेशालय लखनऊ ने संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय से शिक्षकों की वरिष्ठता सूची के साथ उनकी सेवा पुस्तिका और नियुक्ति पत्र तथा मंडल ट्रांसफर का प्रमाणित पत्र भी मांगा है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इसके लिए निदेशालय ने 25 दिसंबर 2016 को ही पत्र लिखा था। पत्र मिलने के बाद भी विभाग में उदासीनता बनी रही। निदेशालय के निर्देश को जिला विद्यालय निरीक्षकों तक पहुंचाने में ही डेढ़ माह लग गए। अब देखना है कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार करने में कितना समय लगाता है। आक्रोशित राजकीय शिक्षकों का कहना है कि वर्ष 2014 से ही पदोन्नति का मामला लटका पड़ा है। प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक महिला संवर्ग और लेक्चरर संवर्ग के शिक्षकों की पदोन्नति हो गई है, लेकिन प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक पुरुष संवर्ग की पदोन्नति में पेंच फंसा हुआ है। गोरखपुर मंडल के ही लगभग 150 शिक्षक पदोन्नति की बाट जोह रहे हैं। निदेशालय ने पिछले वर्ष भी वरिष्ठ सूची मांगी थी, लेकिन विभाग समय से सही सूची उपलब्ध नहीं करा सका। निदेशालय के पूछने पर भी विभाग द्वारा कोई समुचित जानकारी नहीं दी गई। संबंधित अधिकारी भी पदोन्नति मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। राजकीय शिक्षक संघ का कहना है कि इसको लेकर शिक्षकों का गुस्सा कभी भी फूड सकता है। पदोन्नति के लिए शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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