जागरण संवाददाता, मैनपुरी : शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों में
फर्जीवाड़ा मिलने के बाद शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने लोगों के
दस्तावेजों की भी जांच होगी। जानकारों का कहना है कि कई शिक्षा मित्रों की
अंकतालिकाओं में मेरिट के कारण फेरबदल किया गया।
सितंबर 2015 में हुई 29 हजार शिक्षक भर्ती में आठ शिक्षकों के फर्जी दस्तावेज मिले हैं। इन्हें बर्खास्त किया जा चुका है। जबकि 10 हजार शिक्षक भर्ती में 13 शिक्षकों के टीईटी, हाईस्कूल और इंटर के प्रमाण पत्र फर्जी निकलने पर इन्हें सेवा समाप्ति का नोटिस जारी हो चुका है। विभाग ने तीन साल के अंदर हुई इन सभी नियुक्तियों की जांच करा दी है। सबसे ज्यादा घपलेबाजी शिक्षामित्र से शिक्षक बने सहायक अध्यापकों के दस्तावेजों में होने की आशंका है। शिक्षामित्रों की नियुक्ति ग्राम प्रधान के माध्यम से हुई थी। विभागीय सूत्र बताते हैं कि तमाम शिक्षामित्रों की मेरिट अंकतालिकाओं में हेरफेर किया गया है। दो साल पहले सरकार ने शिक्षामित्रों को शिक्षक बना दिया है। अब इन शिक्षकों के शिक्षामित्र के समय लगाए गए दस्तावेजों की जांच होगी। कई ऐसे शिक्षामित्र हैं जिनकी अंकतालिका में अनुक्रमांक, वर्ष और विषय तो सही हैं, लेकिन मेरिट बढ़ाने के लिए अंकों में फेरबदल किया गया है। शिक्षामित्र के समय लगाए गए दस्तावेजों से जांच होने पर ही पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा।
'तीन साल के अंदर जितने शिक्षकों की नियुक्तियां हुई हैं उन सभी का जांच शुरू करा दी गई है। जिस शिक्षक के शैक्षिक प्रमाण पत्र, दस्तावेज फर्जी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।
रामकरन यादव, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी
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