Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

शिक्षक भर्ती मामले में टकराव के मुहाने पर चयन बोर्ड और सरकार

आखिरकार माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और प्रदेश सरकार टकराव के मुहाने पर आ गए हैं। चयन बोर्ड में पिछले करीब दो माह से चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया मौखिक निर्देश पर ठप रही है। बोर्ड ने गुरुवार को पांच विषयों का अंतिम परिणाम जारी करके इसे फिर शुरू कर दिया है।
माना जा रहा है कि जल्द ही 2016 का परीक्षा कार्यक्रम भी घोषित हो सकता है। यह दोनों कार्य सरकार के निर्देशों का खुला उल्लंघन है।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद सभी भर्ती आयोग व बोर्ड के अफसरों को मौखिक निर्देश देकर नियुक्ति प्रक्रिया रोकने के निर्देश दिये गए। उप्र लोकसेवा आयोग से इसकी शुरुआत हुई और कुछ ही दिनों में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र, उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग, बेसिक शिक्षा परिषद, राजकीय कालेजों की एलटी ग्रेड भर्ती आदि सभी नियुक्तियां रोक दी गईं। नियुक्तियां रोकने का कारण भर्तियों में धांधली की जांच और नई नीति लागू करना रहा है। इसी आधार पर चयन बोर्ड ने भी बीते 22 मार्च को सारा काम जहां का तहां रोक दिया। उस समय तक चयन बोर्ड सूबे के अशासकीय माध्यमिक कालेजों में 925 प्रवक्ता 2013 का चयन पूरा कर चुका था। स्नातक शिक्षकों के 4812 पदों में से 1930 का अंतिम परिणाम घोषित करना शेष रह गया था।
चयन बोर्ड ने छह विषयों का तैयार परिणाम सील बंद लिफाफे में पैक कराकर रख दिया था। उसके बाद से चयन बोर्ड के अभ्यर्थी लगातार परिणाम जारी करने के लिए सरकार व बोर्ड अफसरों के यहां प्रदर्शन कर रहे थे। अभ्यर्थियों ने इसी बीच नियुक्तियां रोकने के मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। कौशल्या देवी इंटर कालेज महराजगंज जौनपुर केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार से नियुक्तियां रोकने के संबंध में जवाब-तलब किया। प्रमुख सचिव ने बुधवार को हाईकोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि उन्होंने कोई नियुक्ति नहीं रोकी है और न सरकार हस्तक्षेप कर रही है। ‘दैनिक जागरण’ ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया है। प्रमुख सचिव ने शिक्षक चयन और चयन बोर्ड अध्यक्ष व सदस्यों के लिए नई नीति लाने का भी खुलासा किया।
प्रमुख सचिव का हलफनामा उजागर होने के बाद चयन बोर्ड ने गुरुवार को बैठक करके लंबित परिणाम जारी करने का निर्णय ले लिया। इसमें कहा गया कि यदि उन्हें रोका नहीं गया है तो वह यह रिजल्ट देने में देरी क्यों करें। अब अन्य आयोग व बोर्ड के भी इस दिशा में बढ़ने के आसार बन गए हैं। यही नहीं अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चयन बोर्ड की बैठक का वह एजेंडा साक्ष्य के तौर पर लगाया है जिसमें अध्यक्ष ने लिखा है कि नियुक्तियां प्रमुख सचिव के मौखिक आदेश पर रोकी गई हैं।
प्रमुख सचिव के इन्कार के बाद अब हाईकोर्ट ने चयन बोर्ड अध्यक्ष हीरालाल गुप्त को 26 मई को इस संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा देने का निर्देश दिया है कि वह बताएं कि आखिर नियुक्तियां क्यों रोकी थी। चयन बोर्ड अध्यक्ष के जवाब से टकराव और बढ़ने के आसार हैं।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates