समायोजन रद्द होने से निराश शिक्षामित्रों का प्रदर्शन निरंतर जारी, भविष्य सुरक्षित करने की सीएम से लगाई गुहार

इलाहाबाद : समायोजन रद्द होने से निराश जिले के शिक्षामित्रों का प्रदर्शन निरंतर जारी है। सोमवार को मम्फोर्डगंज स्थित सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय पर सैकड़ों की तादाद में जुड़े शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन किया।
जिला बेसिक शिक्षामित्र संघ ने शिक्षा मित्रों के खातों के संचालन पर लगी रोक को तत्काल हटाने की मांग।
समायोजित शिक्षा मित्रों ने अपनी मांगों का ज्ञापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और एसीएम को सौंपा। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद शिक्षक विधायक सुरेश त्रिपाठी ने शिक्षकों ने संबोधित किया। शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को पूरा न होने अभाव में विद्यालयों में तालाबंदी की घोषणा की है। 1बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुशवाहा ने कहा कि शिक्षामित्रों की मांगें तुरंत प्रदेश शासन को भेजी जाएंगी। उन्होंने शिक्षामित्रों के बैंक खातों पर लगी रोक हटाने का आश्वासन दिया। इसके पहले भी मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में समायोजित शिक्षामित्र राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने एवं राज्य सरकार सरकार शिक्षामित्रों के भविष्य को समायोजित करने का निर्णय लेने की मांग की गई है। शिक्षामित्र अपने भविष्य को सुरक्षित करने की गुहार कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के तत्वावधान में जुटे समायोजित शिक्षकों ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षामित्रों के विपक्ष में फैसला देने पर चिंता जताई। जिला संरक्षक सुरेंद्र पांडेय का कहना है कि प्रदेश के 1 लाख 70 हजार समायोजित शिक्षामित्रों के भविष्य का प्रश्न है। प्रदेश सरकार को इस संबंध में त्वरित फैसला करना चाहिए। न्यायालय में शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उचित फैसला लेना चाहिए। इनका कहना है कि समायोजन निरस्त होने पर उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। 1जिलाध्यक्ष वसीम अहमद का कहना है कि समायोजित शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित का अधिकार राज्य सरकार को दिया गया है। शिक्षामित्रों के आंदोलन को सेवानिवृत्ति शिक्षक संघ, अनुदेशक संघ, आइसा, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद आदि संगठनों ने नैतिक समर्थन किया।

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