सरकार ने 170000 शिक्षामित्र परिवारों से किया वादा खिलाफी, कथनी करनी में अंतर: आम शिक्षामित्र

*सरकार ने 170000 शिक्षामित्र परिवारों से किया वादा खिलाफी कथनी करनी में अंतर *
     सुना था नेता झूठ बोलते है लेकिन एक बाबा और मुख्यमंत्रीजी  इतना महा झूठ बोलेंगे अंदर वार्ता में कुछ और बाहर बिना सहमति के 10000 मानदेय कर देना !
जबकि स्वयं मुख्यमंत्री एक समिति बनाते है जिसमे पांच पांच प्रमुख सचिव होते है औरमुख्यमंत्री जी  कहते हैकि शिक्षामित्र प्रतिनिध मण्डल और समिति की आम सहमति से निर्णय लिया जाय ! दो बार मुख्यमंत्री बैठते है सात बार सचिव स्तर वार्ता होती है नतीजा शून्य !
10000 की बात तो प्रथम वार्ता जुलाई 31 में ही मना कर दिया गया था !
कल कैबिनेट प्रेस में मंत्री जी बोलते है कोर्ट के आदेश का पालन किया तो सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2016 में आदेश दिया है कि "समान कार्य समान वेतन " इसका भी पालन करो !
मंत्री जी कहती है कि 3500 से 10000 कर दिया ये भी तो कहो कि 41000से 10000 कर दिया !
न्यायालय औऱ सरकार की मंशा देखे वही विद्यालय, वही बच्चे ,वही पाठ्यक्रम ,वही कार्य, वही माहौल  10000 में योग्य और 41000 में अयोग्य ! ये देश का कैसा कानून और कैसी सरकार !
सोचनीय लगभग 100 की संख्या में लोग मर चुके संवेदनहीनता देखिए कोई सरकार के नुमाइंदे ने ये जानने की कोशिश नही की वे उत्तरप्रदेश के है ,पिछले 17 वर्षो से सरकारी विद्य्यालयो में शिक्षण कार्य किया है ! खैर उन परिवारो और उनके बच्चों की हाय तो लगेगी ही!

                    *सरकार का ये निर्णय नामंजूर *
जय शिक्षक जय शिक्षामित्र  ,  शिक्षामित्र एकता जिंदाबाद
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