आगरा। यूपी निकाय चुनाव 2017 से पहले शिक्षामित्रों ने योगी सरकार को
बड़ा झटका दिया है। शिक्षामित्रों ऐलान किया है कि वे निकाय चुनाव में
ड्यूटी नहीं करेंगे। इस ऐलान से सरकार की परेशानियां बढ़ जाएंगी।
अब चुनाव के लिए इतने कर्मचारी ऐनवक्त पर सरकार कहां से व्यवस्था करेगी। शिक्षामित्रों ने इसके साथ ही डाइट परिसर पर धरना प्रदर्शन करते हुए मांग की, कि शीघ्र ही उनका मानदेय का भुगतान कराया जाए।
ये है मांग
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर के नेतृत्व में शिक्षामित्रों ने डाइट परिसर में प्रदर्शन किया। शिक्षामित्रों की मांग थी, कि उनके एरियर, वेतन मानदेय का भुगतान शीघ्र किया जाए। शिक्षामित्रों ने ऐलान किया, कि जब तक शिक्षामित्रों का बकाए का भुगतान नहीं होता है, तब तक निकाय चुनाव में कोई भी ड्यूटी नहीं करेगा। शासन को मांगे पूरी करनी ही होंगीं।
तीन माह से नहीं मिला वेतन
सुप्रीम कोर्ट से 25 जुलाई को समायोजन रद्द होने के बाद से शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं मिला है। जुलाई माह में बचे हुए दिनों का बकाया इन्हें मिल गया था। उसके बाद आंदोलन के दौरान जब सीएम योगी से शिक्षामित्रों ने मुलाकात की थी, तो इनका मानदेय साढ़े तीन हजार से बढ़ाकर 10 हजार करने की बात कही गई थी, लेकिन न तो साढ़े तीन हजार के हिसाब से मानदेय मिला और नाहीं, 10 हजार के हिसाब से। यहां तक कि शिक्षामित्रों की दिवाली भी बिना पैसों के ही गुजरी।
आहत हैं शिक्षामित्र
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्र आहत हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ से दो बार वार्ता हुई। आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ। पांच सदस्यीय कमेटी गठित हुई। एकमत प्रस्ताव बनाने के लिए कहा गया, इसको भी शिक्षामित्र संगठनों ने सरकार को सौंप दिया। ये प्रस्ताव स्वीकार हुआ, विचार चला, इसे लेकर शासन स्तर की बैठक भी हुई, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला। सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन रद्द किया, यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान कर रही है, तो शिक्षामित्रों के लिए अन्य रास्ते भी खुले थे, जिससे सरकार के सामने भी कोई परेशानी न आए और शिक्षामित्रों का भी जीवन बच जाए। सरकार शिक्षामित्र की 17 साल के सेवा को नजरअंदाज कर रही है। किया जा रहा है। मानवाधिकार है, कि 15 साल को सेवा किया गया है। 17 प्राथमिक शिक्षा उस स्थिति का आंकलन करना चहिए।
ये रहे मौजूद
प्रदर्शन करने वालों में खजान सिंह इंदौलिया, शिशुपाल सिंह चाहर, रनवीर सिंह सिकरवार, रघुवीर शर्मा, सतेन्द्र पाल शर्मा, रामपाल, राजेश गिरी, अशोक शर्मा, मुकेश भदौरिया, सत्यवीर सिंह, योगेन्द्र, रामपाल, राजेश गिरी, भूरी सिंह, सचिन, नरेन्द्र आदि मौजूद रहे।
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अब चुनाव के लिए इतने कर्मचारी ऐनवक्त पर सरकार कहां से व्यवस्था करेगी। शिक्षामित्रों ने इसके साथ ही डाइट परिसर पर धरना प्रदर्शन करते हुए मांग की, कि शीघ्र ही उनका मानदेय का भुगतान कराया जाए।
ये है मांग
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर के नेतृत्व में शिक्षामित्रों ने डाइट परिसर में प्रदर्शन किया। शिक्षामित्रों की मांग थी, कि उनके एरियर, वेतन मानदेय का भुगतान शीघ्र किया जाए। शिक्षामित्रों ने ऐलान किया, कि जब तक शिक्षामित्रों का बकाए का भुगतान नहीं होता है, तब तक निकाय चुनाव में कोई भी ड्यूटी नहीं करेगा। शासन को मांगे पूरी करनी ही होंगीं।
तीन माह से नहीं मिला वेतन
सुप्रीम कोर्ट से 25 जुलाई को समायोजन रद्द होने के बाद से शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं मिला है। जुलाई माह में बचे हुए दिनों का बकाया इन्हें मिल गया था। उसके बाद आंदोलन के दौरान जब सीएम योगी से शिक्षामित्रों ने मुलाकात की थी, तो इनका मानदेय साढ़े तीन हजार से बढ़ाकर 10 हजार करने की बात कही गई थी, लेकिन न तो साढ़े तीन हजार के हिसाब से मानदेय मिला और नाहीं, 10 हजार के हिसाब से। यहां तक कि शिक्षामित्रों की दिवाली भी बिना पैसों के ही गुजरी।
आहत हैं शिक्षामित्र
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्र आहत हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ से दो बार वार्ता हुई। आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ। पांच सदस्यीय कमेटी गठित हुई। एकमत प्रस्ताव बनाने के लिए कहा गया, इसको भी शिक्षामित्र संगठनों ने सरकार को सौंप दिया। ये प्रस्ताव स्वीकार हुआ, विचार चला, इसे लेकर शासन स्तर की बैठक भी हुई, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला। सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन रद्द किया, यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान कर रही है, तो शिक्षामित्रों के लिए अन्य रास्ते भी खुले थे, जिससे सरकार के सामने भी कोई परेशानी न आए और शिक्षामित्रों का भी जीवन बच जाए। सरकार शिक्षामित्र की 17 साल के सेवा को नजरअंदाज कर रही है। किया जा रहा है। मानवाधिकार है, कि 15 साल को सेवा किया गया है। 17 प्राथमिक शिक्षा उस स्थिति का आंकलन करना चहिए।
ये रहे मौजूद
प्रदर्शन करने वालों में खजान सिंह इंदौलिया, शिशुपाल सिंह चाहर, रनवीर सिंह सिकरवार, रघुवीर शर्मा, सतेन्द्र पाल शर्मा, रामपाल, राजेश गिरी, अशोक शर्मा, मुकेश भदौरिया, सत्यवीर सिंह, योगेन्द्र, रामपाल, राजेश गिरी, भूरी सिंह, सचिन, नरेन्द्र आदि मौजूद रहे।
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