स्कूलों से हटाए जाएंगे अप्रशक्षित शिक्षक

मैनपुरी। जनपद के राजकीय तथा सहायता प्राप्त कालेजों में संविदा पर शिक्षण कार्य करने वाले अप्रशिक्षित शिक्षकों की अब कालेजों से छुट्टी होगी। इनको पहले डीएलएड के समकक्ष दो वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। अप्रशिक्षित शिक्षकों की जानकारी परिषद ने आनलाइन मांगी है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अप्रशिक्षित शिक्षकों के शिक्षण कार्य पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं। निदेशक ने डीआईओएस को पत्र भेज कर अप्रशिक्षित शिक्षकों का डाटा प्रधानाचार्यों के माध्यम से आनलाइन कराने के निर्देश दिए हैं।

प्रधानाचार्य इस आदेश के बाद संकट में आ गए हैं। यदि अप्रशिक्षित शिक्षक हटाए गए तो कई कालेजों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। डीआईओएस के निर्देशों के बाद कालेजों में चर्चाएं शुरू हो गईं है।

राजकीय तथा सहायता प्राप्त कालेजों में वही अप्रशिक्षित शिक्षक पढ़ा पाएंगे जिन्होंने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय डीएलएड करने के लिए आवेदन किया है। इन आवेदन करने वाले शिक्षकों की भी परिषद ने जानकारी मांगी है। जनपद में 53 कालेज सहायता प्राप्त हैं। इन कालेजों में स्थाई स्टाफ के नाम पर दो-दो तीन-तीन शिक्षक ही बचे हैं। यहां संविदा पर ही शिक्षकों की तैनाती है।

डीआईओएस जीएस राजपूत ने बताया कि अप्रशिक्षित शिक्षकों की जानकारी निदेशक द्वारा मांगी गई है। सभी राजकीय तथा सहायता प्राप्त कालेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने कालेज के डीएलएड के लिए आवेदन करने वाले अप्रशिक्षित शिक्षकों की जानकारी जारी की गई वेबसाइट पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
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