इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अभी शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार शुरू भी नहीं हैं कि शिक्षक भर्ती में धांधली के आरोप लगने शुरू हो गए हैं। सोमवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र ने पत्रकार वार्ता में शिक्षक भर्ती पर कई सवाल खड़े किए।
रोहित ने एक महाविद्यालय में शिक्षक भर्ती में जुगाड़ के दम पर कई अभ्यर्थियों के चयन का दावा किया है साथ ही शिक्षक भर्ती में लिखित परीक्षा कराने की वकालत की। उनका कहना है कि भर्ती में महाविद्यालय में कई अभ्यर्थियों का चयन पैसे और पावर के दम पर पहले से होना तय हो गया है। उन्होंने कुछ के नाम भी गिनाए। हालांकि इसपर वे कोई प्रमाण नहीं दे पाए। उन्होंने छात्रों की ओर से मिले 14 बिन्दुओं के ज्ञापन को दिखाते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए लिखित परीक्षा की मांग की। कहा कि 14 दिसंबर 2016 को एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में लिखित परीक्षा कराना तय हुआ था पर विश्वविद्यालय ने इसका उल्लंघन किया। उन्होंने एक महिला कॉलेज की प्रिंसिपल को नियमों का हवाला देते हुए रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार नहीं देने और एक दूसरे कॉलेज के प्रिंसिपल को पांच साल तक सेवा विस्तार देने का मामला भी उठाया।
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रोहित ने एक महाविद्यालय में शिक्षक भर्ती में जुगाड़ के दम पर कई अभ्यर्थियों के चयन का दावा किया है साथ ही शिक्षक भर्ती में लिखित परीक्षा कराने की वकालत की। उनका कहना है कि भर्ती में महाविद्यालय में कई अभ्यर्थियों का चयन पैसे और पावर के दम पर पहले से होना तय हो गया है। उन्होंने कुछ के नाम भी गिनाए। हालांकि इसपर वे कोई प्रमाण नहीं दे पाए। उन्होंने छात्रों की ओर से मिले 14 बिन्दुओं के ज्ञापन को दिखाते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए लिखित परीक्षा की मांग की। कहा कि 14 दिसंबर 2016 को एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में लिखित परीक्षा कराना तय हुआ था पर विश्वविद्यालय ने इसका उल्लंघन किया। उन्होंने एक महिला कॉलेज की प्रिंसिपल को नियमों का हवाला देते हुए रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार नहीं देने और एक दूसरे कॉलेज के प्रिंसिपल को पांच साल तक सेवा विस्तार देने का मामला भी उठाया।
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