चन्दौसी: अब निजी स्कूलों में बिना पास शिक्षक नहीं पढ़ा पाएंगे। अब निजी स्कूलों में भी की अनिवार्यता रहेगी। केंद्र सरकार द्वारा यह फैसला लेने के बाद शिक्षकों में बैचेनी बढ़ गई है। साथ ही निजी स्कूलों में बिना पास शिक्षकों के सामने उनके भविष्य को लेकर भी चिंता सता रही है।
अब तक बीएड पास अभ्यर्थी को निजी स्कूल में पढ़ाने के लिए योग्य माना जाता था, लेकिन अब ऐसे अभ्यर्थी का क्या होगा। साथ ही निजी स्कूल संचालक भी इसको लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं।
बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने शिक्षा के मानकों में फेरबदल किया है लेकिन जो शिक्षक पास नहीं हैं। उनके लिए यह फैसला सही साबित नहीं होगा। इस मुद्दे पर शिक्षकों व प्रधानाचार्यों से बात की गई। जिनमें अधिकतर ने फैसले को गलत बताया है। गणोश कॉलोनी स्थित जीके सिल्वर स्टोन के प्रधानाचार्य अतुल गोस्वामी ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी लेकिन पास शिक्षकों के पढ़ाने से पढ़ाई में सुधार भी आएगा। मनिहार चौक स्थित ग्लोबल हैरिटेज इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य केजी गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है वह सही होगा, क्योंकि जिस पर पढ़ाने की डिग्री है उसी को स्कूलों में पढ़ाना चाहिए। औरछी चौराहा स्थित ग्लोबल हैरिटेज स्कूल की प्रधानाचार्या नवेदिता नंदन ने कहा कि सरकार के इस फैसले से काफी शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। उनका भविष्य अधर में रह जाएगा। उनके आगे रोजी रोटी के लाले पड़ जाएंगे। जीके सिल्वर स्टोन के शिक्षिका रुखसार ने कहा कि केंद्र सरकार को शिक्षकों को टीइटी के लिए समय देना चाहिए तथा राहत भी दी जानी चाहिए। सरिता वाष्ण्रेय ने कहा कि सरकार को विभागीय टीइटी करा देनी चाहिए क्योंकि जो शिक्षक टीइटी पास नहीं हैं और वह सालों से पढ़ा रहे हैं तो उनके पास अनुभव तो है। विभागीय टीइटी में राहत देकर उन्हें पास किया जाए। जिससे कि वह पढ़ाने योग्य बन सकते हैं। चन्दौसी पब्लिक स्कूल के शिक्षक राहुल कुमार ने कहा कि ने कहा कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए सरकार का फैसला सही है लेकिन बिना टीइटी पास पढ़ा रहे शिक्षकों को भी राहत मिलनी चाहिए।’
>>भविष्य को लेकर चिंता में पड़ गए बीएड पास शिक्षक
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अब तक बीएड पास अभ्यर्थी को निजी स्कूल में पढ़ाने के लिए योग्य माना जाता था, लेकिन अब ऐसे अभ्यर्थी का क्या होगा। साथ ही निजी स्कूल संचालक भी इसको लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं।
बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने शिक्षा के मानकों में फेरबदल किया है लेकिन जो शिक्षक पास नहीं हैं। उनके लिए यह फैसला सही साबित नहीं होगा। इस मुद्दे पर शिक्षकों व प्रधानाचार्यों से बात की गई। जिनमें अधिकतर ने फैसले को गलत बताया है। गणोश कॉलोनी स्थित जीके सिल्वर स्टोन के प्रधानाचार्य अतुल गोस्वामी ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी लेकिन पास शिक्षकों के पढ़ाने से पढ़ाई में सुधार भी आएगा। मनिहार चौक स्थित ग्लोबल हैरिटेज इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य केजी गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है वह सही होगा, क्योंकि जिस पर पढ़ाने की डिग्री है उसी को स्कूलों में पढ़ाना चाहिए। औरछी चौराहा स्थित ग्लोबल हैरिटेज स्कूल की प्रधानाचार्या नवेदिता नंदन ने कहा कि सरकार के इस फैसले से काफी शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। उनका भविष्य अधर में रह जाएगा। उनके आगे रोजी रोटी के लाले पड़ जाएंगे। जीके सिल्वर स्टोन के शिक्षिका रुखसार ने कहा कि केंद्र सरकार को शिक्षकों को टीइटी के लिए समय देना चाहिए तथा राहत भी दी जानी चाहिए। सरिता वाष्ण्रेय ने कहा कि सरकार को विभागीय टीइटी करा देनी चाहिए क्योंकि जो शिक्षक टीइटी पास नहीं हैं और वह सालों से पढ़ा रहे हैं तो उनके पास अनुभव तो है। विभागीय टीइटी में राहत देकर उन्हें पास किया जाए। जिससे कि वह पढ़ाने योग्य बन सकते हैं। चन्दौसी पब्लिक स्कूल के शिक्षक राहुल कुमार ने कहा कि ने कहा कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए सरकार का फैसला सही है लेकिन बिना टीइटी पास पढ़ा रहे शिक्षकों को भी राहत मिलनी चाहिए।’
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